ओडिशा: माओवादियों ने पुलिस का मुखबिर होने के शक में की ग्रामीण की हत्या, शव के पास पर्चा छोड़ा

भुवनेश्वर. माओवादियों ने वहां से जाने पहले व्यक्ति (42 वर्षीय) के शव के पास एक पर्चा छोड़ा, जिसमें कहा गया था कि नबरंगपुर के पुलिस अधीक्षक, छत्तीसगढ़ पुलिस और खुफिया विभाग मौत के लिए जिम्मेदार हैं। ओडिशा के नबरंगपुर जिले के अंतरराज्यीय सीमावर्ती इलाके में माओवादियों ने पुलिस का मुखबिर होने के संदेह में एक ग्रामीण की हत्या कर दी। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि यह घटना रायगढ़ ब्लॉक के केराडीह में गुरुवार रात को हुई, जिससे माओवादियों की यहां मौजूदगी फिर से स्थापित हो गई है और लंबे समय के बाद उनकी गतिविधियों की बहाली हुई है। खबरों के मुताबिक, माओवादी चंदन मलिक के घर गए और उन्हें जबरन जंगल में ले गए और उनका गला रेत दिया।

माओवादियों ने वहां से जाने पहले व्यक्ति (42 वर्षीय) के शव के पास एक पर्चा छोड़ा, जिसमें कहा गया था कि नबरंगपुर के पुलिस अधीक्षक, छत्तीसगढ़ पुलिस और खुफिया विभाग मौत के लिए जिम्मेदार हैं। पर्चे में यह भी कहा गया है कि वह व्यक्ति माओवादियों की गतिविधियों के बारे में पुलिस को सूचित कर रहा था और उसे पहले ही चेतावनी दी जा चुकी थी। लेकिन चूंकि वह पुलिस मुखबिर के रूप में काम करता रहा और इसलिए मारा गया। रायघर पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।

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