ओडिशा भगदड़: कांग्रेस की माझी के इस्तीफे, परिजनों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग

पुरी में भगदड़ में मरने वालों का सही आंकड़ा बताया जाए, मुख्यमंत्री माझी इस्तीफा दें: कांग्रेस

भुवनेश्वर/नयी दिल्ली. ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) ने पुरी में हुई भगदड़ के लिए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा और कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को सोमवार को जवाबदेह ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की. पार्टी की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई.

ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के निकट रविवार को मची भगदड़ में दो महिलाओं सहित तीन लोगों की मौत हो गयी और 50 से अधिक लोग घायल हो गए. कांग्रेस ने इस घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के परिजन को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि तथा गंभीर रूप से घायलों के लिए 25 लाख रुपये की की मांग की. वहीं, माझी ने मृतकों के परिजन के लिए 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की जबकि कांग्रेस ने कहा कि यह राशि अपर्याप्त है.

यह घटना तड़के करीब 4.20 बजे उस दौरान हुई जब हजारों श्रद्धालु मंदिर के सामने खड़े रथों के पास एकत्र हुए थे. कांग्रेस की ओडिशा इकाई के पूर्व अध्यक्ष प्रसाद हरिचंदन के नेतृत्व में ओपीसीसी के एक तथ्यान्वेषी दल ने इस घटना की जांच करने के लिए रविवार को पवित्र शहर का दौरा किया. दल ने घटनास्थल का दौरा किया तथा जिला मुख्यालय अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों से मुलाकात की.

पार्टी की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया, ”टीम को यह जानकर आश्चर्य और दुख हुआ कि इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए दो लोगों को उचित उपचार के बिना छुट्टी दे दी गई जबकि उनके पैर कथित तौर पर पूरी तरह कुचल गए थे.” दल ने आरोप लगाया कि आरोप लगाया कि सरकार इस घटना को कम करके दिखाने की हरसंभव कोशिश कर रही है, जबकि घायल श्रद्धालुओं के उपचार की ओर आंखें मूंदे हुए है.

कांग्रेस ने कहा कि इस घटना की न्यायिक जांच की सिफारिशों को ‘नीलाद्रि बिजे’ अनुष्ठान के 10 दिनों के भीतर लागू किया जाना चाहिए. यह अनुष्ठान रथयात्रा के समापन का प्रतीक है, जिसमें देवता मुख्य मंदिर में वापस लौटते हैं. इस बीच, ओडिशा से कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उलाका और नेता अरबिंद दास ने इसी घटना पर नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया.

पुरी में भगदड़ में मरने वालों का सही आंकड़ा बताया जाए, मुख्यमंत्री माझी इस्तीफा दें: कांग्रेस

कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि ओडिशा के पुरी में भगदड़ में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा जारी करना चाहिए और घटना की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को इस्तीफा देना चाहिए. पार्टी नेता और सांसद सप्तगिरि उलाका ने यह आरोप भी लगाया कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को ‘इवेंट मैनेजमेंट’ बना दिया गया है.

उलाका ने संवाददाताओं से कहा, ”कोरोना काल में भी रथ यात्रा निकाली गई थी, लेकिन जो इस साल की रथ यात्रा हुई, वह एक जगह रुक गई, ऐसा पहली बार हुआ. इसके पीछे कारण यह था कि रथ यात्रा के दौरान लगभग 5,000 ‘कॉर्डन पास’ लोगों को बांटे गए. इनमें विधायक, सांसद जैसे लोग शामिल थे. यही कारण था कि रथ यात्रा की गति धीमी पड़ गई.” उन्होंने कहा, ”दुख की बात है कि खुद मुख्य प्रशासक ने कहा कि सारे भक्त अभी आए नहीं हैं. पता नहीं, आखिर वे किस भक्त की बात कर रहे थे?”

कांग्रेस सांसद ने कहा कि एक बड़े उद्योगपति के आने को लेकर भी चर्चा थी और ऐसे में सवाल है कि क्या ‘रथ यात्रा’ इस कारण रोकी गई? उलाका ने कहा, ”यह दुख की बात है कि मुख्यमंत्री और प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए और सात लोगों की मृत्यु हो गई.” उन्होंने दावा किया, ”प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा में न तो प्रभु का आदर किया गया और न उनके भक्तों का. वहां सिर्फ सरकार के मंत्री और नेताओं को वीआईपी सुविधा दी गई.” कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने रथ यात्रा को ‘इवेंट मैनेजमेंट’ में बदल दिया है.

उलाका ने कहा, ”इस घटना में कितने लोगों की मृत्यु हुई, उसका आंकड़ा जारी हो. जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये की मदद दी जाए. जो गंभीर रुप से घायल हैं, उनको 25 लाख रुपये दिए जाएं. मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और उप मुख्यमंत्री (केवीएस देव और पार्वती परीदा) जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दें.” उन्होंने यह भी कहा, ”घटना की न्यायिक जांच कराई जाए ओर जिम्मेदारों को जेल भेजा जाए. सरकार जनता को आश्वासन दे कि आगे इस तरह की घटना नहीं होगी. प्रबंधन में जो भूल हुई है, उसके लिए भाजपा सरकार प्रभु जगन्नाथ से माफी मांगे.”

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