पालघर भीड़ हिंसा: न्यायालय ने CBI जांच की मांग वाली याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से हलफनामा दायर करने को कहा

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने पालघर में वर्ष 2020 में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर तीन लोगों की कथित तौर पर हत्या किये जाने के मामले में महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि उसे सीबीआई जांच का आदेश क्यों देना चाहिए, जबकि राज्य को इस तरह की जांच पर कोई आपत्ति नहीं है. अदालत ने इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार को एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा.

जब महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता ने बुधवार को कहा कि राज्य को याचिकाकर्ता की उन दलीलों पर कोई आपत्ति नहीं है कि मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिये, तो इसपर प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा, ‘‘ हमें आदेश क्यों देना चाहिए कि आप (महाराष्ट्र सरकार) मामले को सीबीआई को सौंपें? इससे पहले, पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच का विरोध किया था, लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ ही सरकार का रुख बदल गया और अब राज्य सरकार के अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि वह सीबीआई जांच की मांग से सहमत हैं.

इसके बाद न्यायालय ने राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा और मामले की अगली सुनवाई की तिथि 10 अप्रैल तय की. कोविड-19 के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच मुंबई के कांदिवली के तीन लोग गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार से जा रहे थे. यात्रा के दौरान उनकी कार को 16 अप्रैल, 2020 की रात गडचिनचिले गांव में भीड़ द्वारा रोक दिया गया. इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने तीनों पर हमला किया और कथित तौर पर उनकी हत्या कर दी. पालघर भीड़ हिंसा में मारे गये तीन लोगों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशील गिरि महाराज (35) और वाहन चालक नीलेश तेलगड़े (30) के रूप में हुई थी.

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