आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज, तीन साल की मिली सजा को रखा बरकरार

बरेली. रामपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने नफरत भरा भाषण देने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां को झटका देते हुए उन्हें एमपी/एमएलए अदालत से मिली तीन साल की सजा को चुनौती देने वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी.

विशेष अभियोजन अधिकारी राकेश कुमार मौर्य ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक दुबे ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद खां की याचिका खारिज करते हुए उन्हें एमपी/एमएलए अदालत से मिली तीन साल की सजा को बरकरार रखा है. अदालत का यह निर्णय खां के लिये एक करारा झटका है. वह इस साल के शुरू में हुए विधानसभा चुनाव में रामपुर सीट से 10वीं बार विधायक चुने गये थे.

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को रामपुर जिला एवं सत्र अदालत को आजम खां की अपील पर आज फैसला करने के निर्देश दिए थे. चुनाव आयोग को यह भी निर्देश दिया था कि वह रामपुर सदर सीट के उपचुनाव के लिए 10 नवंबर तक अधिसूचना न जारी करे.
इस पर आयोग ने अगले आदेश तक अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी थी. मगर अब उपचुनाव का रास्ता लगभग साफ हो गया है. आयोग अब शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर सकता है.

खां ने नफरत भरा भाषण देने के मामले में खुद को विशेष एमपी/एमएलए अदालत से मिली तीन साल की सजा को रामपुर जिला एवं सत्र अदालत में बुधवार को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी. अपील में खां ने खुद को मिली सजा पर रोक लगाने के आदेश देने का आग्रह किया था ताकि उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल की जा सके.

रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने पिछली 27 अक्टूबर को आजम खां को वर्ष 2019 में नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. यह फैसला होने के फौरन बाद लोक प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधान के तहत उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई थी और विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया था.

लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधान के मुताबिक अगर किसी विधायी सदन के सदस्य को किसी मामले में दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनायी जाती है तो उसकी सदन की सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म मानी जाती है. वह सदस्य सजा काटने के बाद छह साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकता है.

चुनाव आयोग ने हाल ही में रामपुर सदर विधानसभा सीट के उप चुनाव का कार्यक्रम भी घोषित किया था . इसके तहत इस सीट के उपचुनाव के लिए आगामी पांच दिसंबर को मतदान होगा. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने बुधवार को विशेष सत्र अदालत को अपनी सजा पर रोक लगाने की खां की अपील पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करके फैसला करने के निर्देश दिए थे. उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि चुनाव आयोग आजम खां की अपील पर सत्र अदालत का फैसला आने के बाद 11 नवंबर या उसके बाद उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है.

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