रामचंद्र पौडेल ने नेपाल के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली

काठमांडू. नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामचंद्र पौडेल ने सोमवार को नेपाल के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय ‘शीतल निवास’ में आयोजित एक विशेष समारोह में नेपाल के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हरिकृष्ण कार्की ने पौडेल (78) को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

इस अवसर पर उप राष्ट्रपति नंद बहादुर, प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’, स्पीकर देव राज घिमिरे, नेशनल असेंबली के सभापति गणेश प्रसाद तिमिल्सिना के अलावा अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे. नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पौडेल बृहस्पतिवार को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के सुभाष चंद्र नेमबांग को हराकर देश के राष्ट्रपति चुने गए थे.

पौडेल को आठ राजनीतिक दलों का समर्थन मिला. पौडेल को 52,628 में से 33,802 जबकि नेमबांग को 15,518 वोट मिले.
पूर्व स्पीकर एवं कई बार मंत्री रह चुके पौडेल ने देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने के लिए एक लंबी राजनीतिक यात्रा की है. उन्होंने एक दशक से अधिक समय जेल में बिताया. वह छह बार विधायक, पांच बार मंत्री और एक कार्यकाल के लिए स्पीकर रहे. वर्ष 2008 में देश को गणतंत्र घोषित किए जाने के बाद यह तीसरा राष्ट्रपति चुनाव था.

पौडेल ने विद्या देवी भंडारी का स्थान लिया है, जिनका कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो गया था. राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदाताओं की कुल संख्या 882 थी, जिसमें संसद के 332 सदस्य और सात प्रांतों की प्रांतीय विधानसभाओं के 550 सदस्य शामिल हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक राहत के रूप में आए हैं क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए पौडेल का समर्थन करने पर मतभेद के बाद अपनी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.

ओली ने सोमवार को नेमबांग को संसदीय दल का उपनेता नियुक्त किया. राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि चुनाव की तारीख से पांच वर्ष होगी और एक व्यक्ति को केवल दो कार्यकाल के लिए इस पद पर चुना जा सकता है. चौदह अक्टूबर, 1944 को बहुनपोखरी में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में जन्मे पौडेल ने 16 साल की उम्र में अपनी राजनीति यात्रा शुरू की थी. वह 1970 में नेपाली कांग्रेस की छात्र शाखा ‘नेपाल छात्र संघ’ के संस्थापक केंद्रीय सदस्य रहे.

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