सोनिया, राहुल कहें तो वापसी को तैयार, रघु शर्मा की जगह किसी वरिष्ठ को प्रभारी बनाए कांग्रेस : वाघेला

नयी दिल्ली. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने रविवार को कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ माहौल है, लेकिन कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही है तथा उसने रघु शर्मा के रूप में एक ‘जूनियर नेता’ को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी दे रखी है.

उन्होंने “पीटीआई-भाषा” से बातचीत में यह भी कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने से पहले अगर सोनिया गांधी और राहुल गांधी कहें तो वह पार्टी में फिर से शामिल हो सकते हैं. निर्वाचन आयोग ने गत शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की. वह अगले कुछ दिनों में गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करेगा. गुजरात में भाजपा विगत 27 वर्षों से लगातार सत्ता में बनी हुई है.

कांग्रेस में वापसी के संकेत से जुड़े अपने एक हालिया बयान के बारे में पूछे जाने पर 82 वर्षीय वाघेला ने कहा, ‘‘मैंने कहा कि अगर पार्टी, सोनिया जी और राहुल जी को दिलचस्पी है, तो फिर बात होगी. मैंने अपनी इच्छा के तौर पर यह बात कही. अगर वो मिलते हैं, तो बात होगी कि उनके मन में क्या है और मैं क्या कहना चाहता हूं.’’ वाघेला ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा, वरिष्ठ नेता भरत ंिसह सोलंकी तथा पार्टी के कुछ अन्य नेताओं से बात की है तथा सभी को इसमें दिलचस्पी है कि वह कांग्रेस में वापसी करें.
उन्होंने कहा, ‘‘फैसला तो आलाकमान को करना है.’’

मनमोहन ंिसह के नेतृत्व वाली पहली सरकार में कपड़ा मंत्री रहे वाघेला ने कहा, ‘‘अगर चुनाव घोषित हो जाता है और फिर कहा जाता है कि आप आ जाओ तो मैं (कांग्रेस में) जाने वाला नहीं हूं. चुनाव में समय लगता है. अगर नतीजा देना है, तो होमवर्क करना पड़ता है.’’ यह पूछे जाने पर कि अगर सोनिया गांधी और राहुल गांधी उनसे चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से पहले कहें तो क्या वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, तो इसपर उन्होंने कहा, ‘‘ बिल्कुल. अगर वो बुलाते हैं, तो दिल्ली जाऊंगा, उनसे बात करूंगा और निर्णय लूंगा.’’

साथ ही, वाघेला ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस में गिड़गिड़ाकर शामिल हो जाऊं, ऐसा तो हो नहीं सकता. वहां कुछ लेना तो नहीं है, देना ही है.’’ कभी जनसंघ और भाजपा में रहे वाघेला 1998 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और जुलाई, 2017 में पार्टी से अलग हुए. इस साल अगस्त में उन्होंने ‘प्रजा शक्ति डेमोक्रेटिक पार्टी’ का गठन किया था. उन्होंने दावा किया कि गुजरात में भाजपा की सरकार के खिलाफ माहौल है, लेकिन कांग्रेस गंभीर नहीं दिखाई देती.

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेतृत्व को रुचि दिखानी होगी. क्या कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं है, जो गुजरात में बैठ जाए? कांग्रेस को जो लाभ लेना चाहिए, वो लाभ लेने के लिए कोई नहीं पहुंच रहा.’’ वाघेला के अनुसार, ‘‘कांग्रेस को गुजरात में अपना प्रभारी किसी वरिष्ठ नेता को बनाना चाहिए था. रघु शर्मा जूनियर हैं. ऐसा लगता है कि कांग्रेस गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर नहीं है. अगर प्रधानमंत्री 10 बार गुजरात का दौरा करते हैं, तो राहुल गांधी को कम से कम दो बार तो गुजरात पहुंचना चाहिए.’’ आम आदमी पार्टी के असर के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका असर जमीन पर नहीं, सिर्फ प्रचार में दिख रहा है.

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हर चीज मुफ्त देने का वादा करने वाली ऐसी पार्टी से निर्वाचन आयोग को कहना चाहिए कि वह अपने वादों को घोषणापत्र में शामिल करे और अगर वह इन वादों को पूरा नहीं करे, तो उसकी मान्यता रद्द होनी चाहिए.’’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा गुजरात में एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्र में रखकर चुनाव प्रचार कर रही है, क्योंकि उसके पास काम के तौर पर दिखाने के लिए कुछ नहीं है. वाघेला ने यह भी कहा कि अगर वह चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल नहीं होते हैं और उनकी पार्टी को चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किया जाता है तो वह इस चुनाव से दूरी बना लेंगे.

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