हर सांसद की सुरक्षा महत्वपूर्ण: रामजी लाल सुमन को मिली धमकियों पर धनखड़

नयी दिल्ली. सपा सदस्य रामजी लाल सुमन को मिली धमकियों का मुद्दा मंगलवार को राज्यसभा में उठा और सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हर सांसद की सुरक्षा महत्वपूर्ण है. समाजवादी पार्टी के सदस्य रामगोपाल यादव ने राणा सांगा के बारे में सदन में की गई टिप्पणी को लेकर रामजी लाल सुमन को मिली धमकियों के बाद उनकी सुरक्षा पर चिंता जताई थी.

सभापति धनखड़ ने यादव से आग्रह किया कि वह सुमन पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए मामले को शांत कराएं और उन टिप्पणियों को नहीं दोहराएं जिन्हें संसद के रिकॉर्ड से पहले ही हटा दिया गया है. सुमन ने पिछले दिनों उच्च सदन में राणा सांगा के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की थीं, जिस पर सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई थी और सभापति ने उनकी उस टिप्पणी को कार्यवाही से हटा दिया था. उनकी टिप्पणी समाज के एक वर्ग को पसंद नहीं आई थी और उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था.

सुबह, उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान सपा नेता यादव ने सुमन को मिली धमकियों के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी थी.
यादव ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को यह मुद्दा उठाने के लिए शुक्रवार को एक नोटिस दिया था. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति ने रामजी लाल सुमन की जान लेने पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. यादव ने कहा, ”मैं उनकी सुरक्षा के बारे में बात करना चाहता हूं.” विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस मुद्दे का जिक्र किया और आश्चर्य जताया कि अगर यादव जैसे वरिष्ठ सदस्य किसी सांसद की सुरक्षा का मुद्दा उठाने की कोशिश कर रहे हैं तो सत्ता पक्ष को इससे क्या परेशानी है.

धनखड़ ने कहा कि प्रत्येक नागरिक के साथ-साथ सांसदों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और संबंधित लोग सभी कदम उठाएंगे. उन्होंने सुमन की टिप्पणियों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ”पिछली बार मेरे लिए यह बताना दुखद था कि जब कोई माननीय सदस्य भावनाओं में बहकर शिष्टाचार का उल्लंघन करते हैं तो सुधार की व्यवस्था होती है. माननीय सदस्य द्वारा की गई टिप्पणियों को हटा दिया गया क्योंकि उससे एक महान धरतीपुत्र की देशभक्ति को ठेस लगी.” सभापति ने कहा कि जब टिप्पणियों को हटा दिया गया हो तो सदस्य उन्हें नहीं दोहराए. धनखड़ ने कहा, ”जो कुछ हुआ है, उसे बार-बार दोहराना – इस पर सदस्यों को विचार करने की आवश्यकता है. दूसरा, मुझे यकीन है कि प्रत्येक नागरिक और सदस्य की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और संबंधित लोग इस दिशा में सभी कदम उठाएंगे.”

उन्होंने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत कुल 12 नोटिस मिले हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है. ये नोटिस निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्रों में कथित चूक, फिल्म ‘एल2: एम्पुरान’ को लेकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कथित खतरा और मनरेगा के तहत लंबित मजदूरी आदि से संबंधित थे.

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