शाह ने दो युवकों के हत्यारों को सजा दिलाने का मुझे आश्वासन दिया है : मुख्यमंत्री बीरेन सिंह

इम्फाल. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें आश्वासन दिया है कि दोनों युवकों का अपहरण और हत्या करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा और सजा दी जाएगी. सिंह ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक अजय भटनागर के नेतृत्व में एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम यहां पहुंच गई है और उसने जुलाई में लापता हुए दो युवकों की हत्या मामले की जांच शुरू कर दी है.
जुलाई से लापता दो युवकों के शवों की तस्वीरें सोमवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद गुस्साए छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई में 60 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता में कहा, ”इस मामले को लेकर केंद्र और राज्य सरकार बेहद गंभीर है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने कल शाम मुझे फोन किया और बताया कि वह इस अहम मामले की जांच के लिए विशेष उड़ान से सीबीआई टीम भेज रहे हैं.”
उन्होंने कहा, ”इम्फाल में उतरने के बाद, सीबीआई टीम ने जांच शुरू कर दी है.” उन्होंने इस बारे में कोई विवरण साझा नहीं किया कि सीबीआई टीम जांच के लिए किन जगहों पर गई. मामला छह जुलाई को दो युवकों के लापता होने से शुरू हुआ और 28 अगस्त को इसे केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया गया.
लापता छात्रों शव की तस्वीरें सोमवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके बाद कानून प्रवर्तन अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े, लाठीचार्ज करना पड़ा और रबड़ की गोलियां चलानी पड़ी जिसमें कई लोग घायल हो गए.
प्रदर्शनकारियों को लगी चोटों की प्रकृति के संदर्भ में मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, ”अगर सुरक्षा बलों ने गोलियां या कुछ भी घातक हथियार इस्तेमाल किए हैं, तो सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. गंभीर चोटों के मामले में, जांच की जाएगी और उन्हें न्याय दिलाया जाएगा.” इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि इम्फाल पूर्वी और पश्चिमी जिलों में बुधवार शाम चार बजे से अगले आदेश तक कफ्र्यू में ढील वापस ले ली गई है.
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी. हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय के लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.