नेपाल में शक्तिशाली भूकंप से छह लोगों की मौत, उत्तर भारत में भी महसूस किए गए झटके

नयी दिल्ली/देहरादून/काठमांडो. हिमालयी क्षेत्र में मंगलवार को देर रात आए शक्तिशाली भूकंप से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है और पांच अन्य घायल हो गये. भूकंप के झटके नेपाल के कुछ हिस्सों और उत्तरी भारत में भी महसूस किए गए, जिससे गहरी नींद में सो रहे लोग आधी रात को अचानक घरों से बाहर भागने लगे.

भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र (एनसीएस) के अनुसार, देर रात एक बजकर 57 मिनट पर 6.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से लगभग 90 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण पूर्व में नेपाल में था. इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से कम तीव्रता के भूकंप के झटके कई बार महसूस किए गए हैं.

एनसीएस के अनुसार, उत्तराखंड-नेपाल क्षेत्र में तड़के तीन बजकर 15 मिनट पर और सुबह छह बजकर 27 मिनट पर क्रमश: 3.6 और 4.3 की तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र के अनुसार, नेपाल में देर रात दो बजकर 12 मिनट पर 6.6 तीव्रता का भूकंप आया. इसका केंद्र डोटी जिले में था.

इससे पहले पश्चिमी नेपाल में भूकंप के दो झटके महसूस किए गए. मंगलवार रात नौ बजकर सात मिनट पर 5.7 तीव्रता का और इसके कुछ देर बाद रात नौ बजकर 56 मिनट पर 4.1 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस हुआ. नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फणींद्र पोखरेल ने बताया कि भूकंप से छह लोगों की मौत हो गई. पोखरेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को डोटी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भूंकप में एक पुलिस चौकी और आठ मकानों के ढहने की सूचना है.

नेपाल के डोटी जिले के पुलिस कार्यालय के कार्यवाहक प्रमुख भोला भट्टा ने बताया कि भूकंप के दौरान कई मकान क्षतिग्रस्त हुए और उसके मलबे में दबने से लोगों की मौत हुई है. नेपाल की सेना और पुलिस राहत एवं बचाव अभियान में जुटे हुए हैं. दिल्ली और उसके पड़ोसी शहर गाजियाबाद तथा गुरुग्राम और यहां तक कि लखनऊ में भी झटके महसूस किए गए. कई लोगों ने ट्विटर पर झटके महसूस करने की जानकारी दी.

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट किया, ‘‘ …भूकंप जैसा कुछ महसूस हुआ.’’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल ने कहा, ‘‘ उम्मीद है कि आप सभी सुरक्षित होंगे.’’ कांग्रेस नेता राधिका खेरा ने लोगों से “सतर्क रहने और सुरक्षित रहने” का आग्रह किया.
रेडियो जॉकी रौनक ने कहा, ‘‘यह डरावना था…बेहद डरावना.’’ पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, ऊधम ंिसह नगर, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, उत्तरकाशी और देहरादून जिले सहित उत्तराखंड में कई स्थानों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. इन स्थानों पर लोग अपने घरों से बाहर निकल आये.

उनमें से कई ने अपने मोबाइल फोन पर अपने रिश्तेदारों को संदेश भेजा, उन्हें उनकी सुरक्षा के बारे में सूचित किया और उनके बारे में पूछताछ की. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बी. एस. महार के हवाले से पिथौरागढ़ की एक खबर में बताया गया कि जिले के किसी भी हिस्से से जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है.

पिथौरागढ़ के मुनस्यारी अनुमंडल के एक दुकानदार प्रमोद द्विवेदी ने कहा, ‘‘ सुबह छह बजकर 29 मिनट पर भूकंप का एक और झटका महसूस किया गया.’’ हालांकि इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं की गई है. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र नेपाल में दिपायल से 21 किलोमीटर दूर था. एनसीएस के आंकड़ों के अनुसार, क्षेत्र में सुबह 4.9 और 3.5 की तीव्रता के भूकंप के दो झटके महसूस किए गए. उत्तराखंड में रविवार को भी 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र उत्तरकाशी से 17 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण पूर्व में था.

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