तमिलनाडु : प्रवासी श्रमिकों से मारपीट के आरोप में हिंदु मुन्नणि के दो कार्यकर्ता गिरफ्तार

कोयंबटूर/कोलकाता. तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों से मारपीट के आरोप में दक्षिण पंथी संगठन ‘हिंदु मुन्नणि’ के दो कार्यकर्ताओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि एक आभूषण दुकान में काम करने वाले गौतम कठुआ अपने दो दोस्तों के साथ रविवार रात टाउन हॉल इलाके से गुजर रहे थे और तभी चार लोगों ने उनके साथ मारपीट की.
तीनों पीड़ितों ने घर पहुंचकर अपने साथ रहने वाले अन्य सहयोगियों को चार लोगों के गिरोह द्वारा उनके साथ मारपीट की घटना के बारे में जानकारी दी. प्रवासी श्रमिकों की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना) और धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) समेत संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है.
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद सोमवार तड़के सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार दो आरोपी हिंदु मुन्नणि के कार्यकर्ता हैं. पुलिस ने कहा कि मामले में जांच जारी है. गौरतलब है कि यह घटना तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा दक्षिणी राज्य में सभी प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिए जाने के कुछ दिनों बाद हुई है.
समता पार्टी ने तमिलनाडु में प्रवासियों पर हमले का वीडियो फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
समता पार्टी ने तमिलनाडु में काम करने वाले बिहार के मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो प्रसारित करने वालों के खिलाफ सोमवार को कड़ी कार्रवाई की मांग की. पार्टी की बिहार और तमिलनाडु इकाइयों द्वारा एक संयुक्त अध्ययन में दक्षिणी राज्य में बिहार के मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों को खारिज किए जाने का दावा करते हुए उसके महासचिव एन.ए. खोन ने कहा कि तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों के लिए कोई खतरा नहीं है.
एक बयान में, उन्होंने मजदूरों पर हमले के ‘‘फर्जी’’ वीडियो प्रसारित करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ‘‘कड़ी कार्रवाई’’ की मांग की. प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के आरोपों के बारे में पूछताछ करने के लिए बिहार सरकार द्वारा तमिलनाडु भेजी गई चार सदस्यीय टीम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित तौर पर मजदूरों पर हमले दिखाने वाले वीडियो ‘‘फर्जी’’ थे.
बिहार में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सात ऐसे ‘‘फर्जी’’ वीडियो हैं जो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए थे. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन भी राज्य में प्रवासी श्रमिकों बात की और आश्वासन दिया कि उन्हें कोई खतरा नहीं है.
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