ट्विटर में कर्मचारियों की छंटनी के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा था: मस्क

न्यूयॉर्क: भारत समेत दुनियाभर में माइक्रो-ब्लॉंिगग मंच ट्विटर के कर्मचारियों की छंटनी के बीच इसके नए मालिक उद्योगपति एलन मस्क ने अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा है कि कंपनी के हर दिन लाखों डॉलर का नुकसान झेलने की स्थिति में उनके पास छंटनी के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा था।

ट्विटर को अप्रैल-जून की तिमाही में 27 करोड़ डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ था जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में उसे 6.6 करोड़ डॉलर का लाभ हुआ था।

मस्क ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘ट्विटर के कार्यबल में कटौती का जहां तक सवाल है तो कंपनी के 40 लाख डॉलर प्रतिदिन का नुकसान उठा रही है तो दुर्भाग्य से हमारे पास कोई विकल्प नहीं रहा।’’ उन्होंने आगे लिखा, ‘‘कंपनी से निकलने वाले लोगों को तीन महीने की क्षतिपूर्ति पैकेज की पेशकश की गई थी जो कानूनी रूप से जरूरी सीमा से 50 फीसदी अधिक है।’’
मस्क ने 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू की है। ट्विटर ने वैश्विक स्तर पर कार्यबल में कमी करने की योजना के तहत भारत में अपने ज्यादातर कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इस छंटनी से पहले भारत में कंपनी के 200 से अधिक कर्मचारी काम रहे थे।

हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि भारत में नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति के तौर पर कितना भुगतान किया गया है।

इस बीच, मस्क ने कंपनी की आय में कमी के लिए ‘एक्टिविस्ट’ को जिम्मेदार ठहराया हैष मस्क ने कहा, ‘‘एक्टिविस्ट समूह ने विज्ञापनदाताओं पर भारी दबाव बनाया, जिससे ट्विटर की आय में भारी कमी हुई। यहां तक कि सामग्री की निगरानी से भी कुछ नहीं बदला। हमने एक्टिविस्ट को खुद करने के लिए सबकुछ किया। वे अमेरिका में अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं।’’ मस्क ने पिछले हफ्ते ट्विटर का अधिग्रहण सौदा पूरा करने के साथ ही इसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पराग अग्रवाल और कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निकाल दिया था।

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