अमेरिका ने रूसी लड़ाकू विमानों के उसके ड्रोन पर ईंधन गिराने का वीडियो किया जारी

कीव/वर्जीनिया. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय ‘पेंटागन’ ने काला सागर के ऊपर अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में अमेरिकी वायु सेना के निगरानी ड्रोन के मार्ग में रूसी लड़ाकू विमान के असुरक्षित तरीके से आने का वीडियो जारी किया है. बृहस्पतिवार को 42 सेकंड का यह वीडियो जारी किया गया. पेंटागन ने कहा कि वीडियो में एक रूसी एसयू-27 अमेरिका के एमक्यू-9 ड्रोन के पीछे की तरफ से आ रहा है और इसके गुजरने पर ईंधन छोड़ना शुरू कर देता है.

अमेरिकी सेना ने कहा कि उसने मंगलवार को एमक्यू-9 रीपर को समुद्र में गिरा दिया जब रूसी लड़ाकू विमान ने मानव रहित विमान पर ईंधन डाला जो इसके ‘आॅप्टिकल’(नजर रखने संबंधी) उपकरणों को देखने से रोकने और इसे क्षेत्र से बाहर निकालने तथा इसके प्रोपेलर को बाधित करने का स्पष्ट प्रयास था.

वीडियो का जारी अंश कथित तौर पर ईंधन डाले जाने को लेकर टकराव के पहले या बाद की घटनाओं को नहीं दिखाता है. रक्षा मंत्री लॉयड आॅस्टिन और ज्वाइंट चीफ आॅफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने रूसी लड़ाकू जेट विमानों के साथ मुठभेड़ के बाद अमेरिकी ड्रोन के नष्ट होने के बारे में अपने रूसी समकक्षों से बात की है. रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और रूसी जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव के साथ बुधवार को अक्टूबर के बाद पहली बार कॉल की गई.

विमानों के खतरनाक तरीके से एक-दूसरे के सामने आने के प्रयास असामान्य नहीं हैं लेकिन यूक्रेन में युद्ध के बीच हुई इस घटना ने ंिचता बढ़ाई है कि ऐसे मामले अमेरिका और रूस को सीधे संघर्ष के करीब ला सकते हैं. इस घटना के बाद दोनों देशों के रक्षा व सैन्य नेतृत्व के बीच हुई यह बातचीत इस मामले की गंभीरता को रेखांकित करती है.

रूसी रक्षा मंत्रालय ने आॅस्टिन के साथ फोन पर हुई बातचीत को लेकर अपनी रिपोर्ट में कहा कि शोइगू ने अमेरिका पर यूक्रेन में उसके (रूस के) सैन्य अभियानों के कारण क्रेमलिन द्वारा लगाए गए उड़ान प्रतिबंधों की अनदेखी करके घटना को भड़काने का आरोप लगाया.
रूस ने ‘‘रूसी संघ के हितों के खिलाफ खुफिया गतिविधियों में तेजी’’ का भी आरोप लगाया.

रूसी जेट के साथ मुठभेड़ में अमेरिकी ड्रोन नष्ट, अन्ततराष्ट्रीय संधि पर उठे सवाल

विवरण और कारण भले विवादित हों, लेकिन हुआ दरअसल यही था: 14 मार्च, 2023 को एक अमेरिकी ड्रोन रूसी विमान के साथ मुठभेड़ के बाद काला सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. घटनाक्रम को लेकर अमेरिकी प्रतिक्रिया के अनुसार, निशस्त्र एमक्यू-9 निगरानी ड्रोन अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहा था जब दो रूसी लड़ाकू जेट विमानों ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए ड्रोन को मार गिराया.

रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस बात से इंकार किया कि उसके विमान ने अमेरिकी ड्रोन से संपर्क किया था. इसके बजाय, रूस ने जोर देकर कहा कि ड्रोन अपने ट्रांसपोंडर के साथ रूस की सीमाओं की दिशा में उड़ रहा था, यह सुझाव देते हुए कि रूस ने उड़ान को संदिग्ध पाया.
इसके अलावा, रूस ने कहा, अमेरिकी ड्रोन ने “अस्थायी सीमाओं” का उल्लंघन किया, जिसे रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अपने संचालन के लिए स्थापित किया था और अपने आप दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

यूक्रेन पर आक्रमण के दौरान अपनी सैन्य गतिविधियों के बारे में रूस की पिछली गलत बयानी के आलोक में, मैं रूस के दावों को संदेह की दृष्टि से देखता हूं. इसके अलावा, एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो अंतरराष्ट्रीय कानून का अध्ययन करता है और पूर्व में अमेरिकी विदेश विभाग में सशस्त्र संघर्ष से संबंधित मुद्दों पर सलाह देने वाले वकील के रूप में कार्य करता था, मैं इस प्रकरण को अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में विमान और ड्रोन संचालित करने के देशों के अधिकार को उजागर करने के रूप में देखता हूं – भले ही उनका उद्देश्य दूसरे देश की जासूसी करना हो.
‘उचित सम्मान’ दिखाना

यदि तथ्यों का अमेरिकी पक्ष सही है, तो रूस ने वास्तव में अमेरिकी ड्रोन के रास्ते में आकर अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है.
समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अनुच्छेद 87 के तहत, वह जलक्षेत्र जो किसी भी देश के क्षेत्रीय समुद्र या विशेष आर्थिक क्षेत्र नहीं हैं – सभी राज्यों के लिए खुले हैं. और किसी भी देश को इस क्षेत्र में उड़ान भरने की स्वतंत्रता हासिल है.

अधिवेशन में यह भी कहा गया है कि यह स्वतंत्रता “सभी देशों द्वारा खुले समुद्र की स्वतंत्रता के अपने प्रयोग में अन्य देशों के हितों के लिए उचित सम्मान के साथ प्रयोग की जाएगी.” अमेरिका इस संधि का एक पक्ष नहीं है, जिस पर 1982 में हस्ताक्षर किए गए थे और वर्तमान में रूस सहित 168 देश इसके सदस्य हैं. फिर भी, अमेरिका इसके कई प्रावधानों को प्रथागत कानून के रूप में मान्यता देता है; वास्तव में, एक प्रमुख अमेरिकी नौसैनिक पुस्तिका यह स्वीकार करती है कि “सभी देशों के विमान अन्य देशों के हस्तक्षेप के बिना अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में संचालित करने के लिए स्वतंत्र हैं.”

जैसे, रूस ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया जब वह ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता में संलग्न होने के अमेरिकी अधिकार के लिए “उचित सम्मान” के साथ कार्य करने में विफल रहा. वास्तव में, अमेरिका के अनुसार, रूस ने सीधे तौर पर उस अधिकार में हस्तक्षेप किया. और संभवत: इसी आधार पर विदेश विभाग के प्रवक्ता ने ड्रोन को गिराने को “अंतर्राष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन” कहा.

रूस की कोई भी ंिचता कि अमेरिकी ड्रोन उसके सैन्य अभियानों की जासूसी कर सकता है, इस निष्कर्ष को नहीं बदलेगा. अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता में दूसरे देश के क्षेत्र के भीतर निगरानी गतिविधियों का कार्य शामिल है, जब तक निगरानी अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र के भीतर से होती है.

इसलिए अंतरराष्ट्रीय कानून के दृष्टिकोण से यह मायने नहीं रखता कि अमेरिका एकक्यू-9 का उपयोग रूस या रूस-नियंत्रित क्रीमिया के अंदर सैन्य गतिविधियों की जासूसी करने के लिए कर रहा था.

संघर्ष क्षेत्रों में विमान
ऐसा प्रतीत होता है कि रूस यह मानकर चल रहा है कि वह यूक्रेन में अपने “विशेष सैन्य अभियान” के लिए सीमाएँ स्थापित करने का हकदार था और अमेरिका ने उन सीमाओं की अवहेलना की. रूस यहाँ एक “समुद्री बहिष्करण क्षेत्र” का उल्लेख कर सकता है जिसे रूस ने फरवरी 2022 में काला सागर के उत्तर-पश्चिम भाग में नेविगेशन को प्रतिबंधित करने के लिए स्थापित किया था.

सामान्य तौर पर, अमेरिका ऐसे क्षेत्रों को वैध मानता है यदि उनका उद्देश्य तटस्थ जहाजों और विमानों को संघर्ष क्षेत्रों से दूर निर्देशित करना है – वे इस जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं कि कहीं ऐसे जहाजों पर गलती से हमला न कर दिया जाए.

अमेरिका ने स्वयं इराक पर आक्रमण के सिलसिले में 2003 में भूमध्य सागर में एक “समुद्री सुरक्षा क्षेत्र” स्थापित किया था.
यही वजह है कि तटस्थ जहाज और विमान ऐसे क्षेत्रों में प्रवेश करने पर वैध लक्ष्य नहीं बन जाते. रूस के पास अमेरिकी ड्रोन के खिलाफ बल प्रयोग करने, या हस्तक्षेप करने का एक उचित आधार केवल तभी होगा, अगर यह एक सशस्त्र हमले का एक आसन्न खतरा पैदा करता है या वह एक सशस्त्र संघर्ष के दौरान एक वैध सैन्य लक्ष्य था. ऐसा होने के लिए, अमेरिकी ड्रोन को शत्रुता में प्रत्यक्ष भाग लेना होगा, और यह ज्ञात है कि एमक्यू-9 निशस्त्र था.

आसमान में ठोस आधार
अमेरिकी तर्क को सही मानते हुए, यह पहली बार नहीं हुआ कि किसी देश ने अमेरिकी निगरानी विमान के साथ असुरक्षित तरीके से हस्तक्षेप किया है और इसे मार गिराया है. 2001 में, एक चीनी लड़ाकू विमान चीन के हैनान द्वीप से 70 मील की दूरी पर चल रहे अमेरिकी सिग्नल खुफिया विमान से टकरा गया था. अमेरिकी विमान को इस तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया कि उसे हैनान पर आपातकालीन लैंंिडग करनी पड़ी, जबकि चीनी लड़ाकू विमान खुद दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

उस समय, अमेरिका ने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून, जिसमें “उचित सम्मान” सिद्धांत शामिल है, ने अमेरिका को चीन के विशेष आर्थिक क्षेत्र में निगरानी उड़ानों का संचालन करने की अनुमति दी, जिसे अमेरिका अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र मानता था.
चीन ने वांिशगटन से माफी की मांग करते हुए अमेरिकी चालक दल के 24 सदस्यों को हिरासत में ले लिया. तब से, चीन ने ऑस्ट्रेलियाई और कनाडाई विमानों को रोका, जो अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में नियमित निगरानी कर रहे थे, जिससे वैसी ही शिकायतें हो रही हैं जैसी अब अमेरिका कर रहा है.

चीन के मामले और हाल ही में काला सागर की घटना दोनों में, अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र के उपयोग पर एक सुसंगत, व्यापक रूप से साझा स्थिति अपनाई है. इस तरह, मेरा मानना ??है कि यह रूस के गैरकानूनी कार्यों पर आपत्ति जताने का ठोस आधार है.

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