सोशल मीडिया पर आया भगोड़े अमृतपाल सिंह का वीडियो

सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद अमृतपाल को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है: पंजाब सरकार ने अदालत से कहा

चंडीगढ़/होशियारपुर. भगोड़े कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह का एक वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें उसने पंजाब पुलिस की उसके खिलाफ कार्रवाई के दौरान सिख युवकों को गिरफ्तार करने की आलोचना की. काली पगड़ी और शॉल पहने, खालिस्तान समर्थक ने वीडियो में कहा कि अगर राज्य सरकार की उसे गिरफ्तार करने की मंशा थी, तो पुलिस उसके घर आ सकती थी.

उसने आगे कहा, “भगवान ने हमें गिरफ्तार करने के लिए भेजे गए ‘लाखों पुलिस’ वालों से बचा लिया.” वीडियो इन खबरों के बीच आया कि अमृतपाल आत्मसमर्पण कर सकता है. पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है. हाल ही में जालंधर जिले में अपने काफिले को रोके जाने पर अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था.

सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद अमृतपाल को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है: पंजाब सरकार ने अदालत से कहा

पंजाब सरकार ने बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को सूचित किया कि ‘‘सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद’’ अलगाववादी अमृतपाल ंिसह को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. न्यायमूर्ति एन एस शेखावत अधिवक्ता इमान ंिसह खाड़ा द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. इस याचिका में अमृतपाल ंिसह को पुलिस की कथित हिरासत से ‘‘रिहा’’ करने का अनुरोध किया गया था.

खाड़ा द्वारा हाल ही में यह दावा करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी कि अमृतपाल ंिसह पुलिस की ‘‘अवैध हिरासत’’ में है. इस मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता ने इसको लेकर सबूत पेश करने के लिए अदालत से और समय मांगा कि अमृतपाल पुलिस की ‘‘अवैध हिरासत’’ में है.

अदालत ने मंगलवार को कहा था कि राज्य का रुख यह है कि अमृतपाल को अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. इसने याचिकाकर्ता को इस बारे में सबूत दिखाने के लिए कहा था कि अमृतपाल ‘‘अवैध हिरासत’’ में है. राज्य सरकार ने पुलिस उपमहानिरीक्षक (सीमा रेंज) नंिरदर भार्गव के जरिये उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे के जरिए कहा कि अमृतपाल फरार है.

हलफनामे के अनुसार, ‘‘अमृतपाल ंिसह को पकड़ने और हिरासत में लेने के लिए छापेमारी की गई है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में कई टीम ने अमृतपाल ंिसह के विभिन्न संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की है.’’ हलफनामे के अनुसार, ‘‘लेकिन पुलिस की ओर से बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, उसे अब तक गिरफ्तार/हिरासत में नहीं लिया जा सका है.’’ हलफनामे के अनुसार, 28 मार्च को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमृतसर (ग्रामीण) द्वारा अमृतपाल ंिसह के ठिकाने के बारे में जानकारी देने के बारे में एक नोटिस भी जारी किया गया था.

इसमें कहा गया कि इसे देश के सभी पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि पंजाब के सभी जिलों और आसपास के सार्वजनिक स्थानों पर नोटिस प्रसारित किया गया है. उच्च न्यायालय ने 21 मार्च को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को खुफिया विफलता पर फटकार लगाई थी जिसके कारण अलगाववादी अमृतपाल ंिसह ने पुलिस को चकमा दे दिया.

अमृतपाल और उसके सहयोगियों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई की मांग को लेकर अमृतसर के निकट अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था. इस घटना के करीब तीन सप्ताह बाद 18 मार्च को पुलिस ने उसके और उसके खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. अमृतपाल उसके बाद से ही फरार है. वह 18 मार्च को जालंधर जिले से भाग निकला था.

कुछ संदिग्ध कार छोड़कर भागे, होशियारपुर में व्यापक तलाश अभियान शुरू

पंजाब पुलिस ने होशियारपुर के एक गांव में भगोड़े अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के मौजूद हो सकने की जानकारी मिलने के बाद इलाके में व्यापक तलाश अभियान शुरू किया है. पुलिस द्वारा पीछा करने के बाद कुछ संदिग्ध अपनी कार छोड़कर भाग गए थे, जिसके बाद मंगलवार देर रात मरनाइयां गांव में और इसके आस-पास तलाश अभियान शुरू किया गया था.

होशियारपुर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘तलाश अभियान चल रहा है, लेकिन अभी तक किसी का पता नहीं चला है.’’ उन्होंने कहा कि इलाके में लगे सीसीटीवी के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि पंजाब पुलिस की ‘काउंटर इंटेलिजेंस’ शाखा ने मंगलवार शाम में फगवाड़ा में एक कार का पीछा किया. उन्होंने बताया कि पुलिस को संदेह था कि भगोड़ा अमृतपाल और उसके सहयोगी कार में यात्रा कर रहे हो सकते हैं.

उन्होंने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि वाहन में तीन या चार लोग सवार थे और ये लोग यहां मरनाइयां कलां में गुरुद्वारा भाई चंचल सिंह के निकट अपनी कार छोड़कर भाग गए. गांव की मंगलवार रात को घेराबंदी की गई और तलाश अभियान शुरू किया गया. इसके अलावा सड़कों पर जांच चौकियां और अवरोधक लगाए गए. पुलिस ने संदिग्धों को पकड़ने के लिए मंगलवार देर रात घर-घर जाकर भी तलाशी ली. अमृतपाल के फरार हो जाने के बाद से पंजाब पुलिस हाई-अलर्ट पर है.

अमृतपाल और उसके सहयोगियों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई की मांग को लेकर अमृतसर के निकट अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था. इस घटना के करीब तीन सप्ताह बाद 18 मार्च को पुलिस ने उसके और उसके खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. अमृतपाल उसके बाद से ही फरार है. वह 18 मार्च को जालंधर जिले से भाग निकला था.

अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसर्किमयों पर हमले और लोकसेवकों के कर्तव्य निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक आरोपों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. अमृतपाल का एक नया वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें वह अपने प्रमुख सहयोगी पपलप्रीत सिंह के साथ दिख रहा है. वीडियो में अमृतपाल सिंह बिना पगड़ी के और मास्क पहने हुए दिख रहा है.

इस सीसीटीवी फुटेज पर कोई तिथि नहीं है और यह दिल्ली के एक बाजार का बताया जा रहा है. इसमें भगोड़ा अमृतपाल काला चश्मा पहने सड़क पर चलते हुए दिख रहा है, जबकि पपलप्रीत सिंह एक बैग के साथ उसके पीछे चलता दिख रहा है. इस नये फुटेज पर पंजाब पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या वीडियो में दिख रहे व्यक्ति अमृतपाल सिंह और उसका सहयोगी है.

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