पश्चिम बंगाल: हावड़ा में फिर से अशांति, पुलिसकर्मियों पर पथराव

हावड़ा. पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में काजीपाडा इलाके में रामनवमी की शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान हिंसा के बाद तैनात पुलिस कर्मियों पर शुक्रवार दोपहर बाद अज्ञात लोगों द्वारा पथराव की ताजा घटना सामने आई है, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पुलिस को वहां जमा हुए लोगों को तितर-बितर करने के लिए लाठियों का इस्तेमाल करना पड़ा. काजीपाड़ा इलाके में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू है. बृहस्पतिवार से अब तक हिंसा के सिलसिले में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘दोपहर तक हालात शांतिपूर्ण थे. इसके बाद पुलिस र्किमयों पर पथराव होने लगा, जिससे इलाके में तनाव फैल गया. हमारे अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई की और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया.’’ अनेक लोग घरों में कैद हो गये और दुकानें तथा बाजार बंद हो गये. पथराव की घटना के बाद वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई.

अधिकारी ने कहा कि पथराव में कम से कम तीन पुलिस कर्मी घायल हो गये और उनका पास के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने इलाके में लाउडस्पीकर से घोषणा कर लोगों से इलाके में चहलकदमी से बचने को कहा. एक पुलिसकर्मी को घोषणा करते सुना गया, ‘‘अगर आप आसपास घूमते दिखे, तो हम कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करेंगे.’’

कोलकाता पुलिस के द्रुत कार्य बल (आरएएफ) के एक बड़े दल को इलाके में भेजा गया. जवानों ने पथराव की घटनाओं के बाद रूट मार्च निकाला. इससे पहले, आज दिन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि हावड़ा में हुई हिंसा के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दक्षिणपंथी संगठन जिम्मेदार हैं. उन्होंने लोगों से इलाके में शांति बनाये रखने की अपील की.

बनर्जी ने बांग्ला समाचार चैनल ‘एबीपी आनंदा’ से बातचीत में कहा, ‘‘हावड़ा की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. हावड़ा में हिंसा के पीछे न तो हिंदू थे और ना ही मुस्लिम थे. बजरंग दल और अन्य ऐसे संगठनों के साथ भाजपा हथियारों के साथ हुई इस हिंसा में शामिल थी.’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन सभी लोगों की मदद करेगी, जिनकी संपत्तियों को झड़पों के दौरान नुकसान पहुंचा.

पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में बृहस्पतिवार की शाम रामनवमी की शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान दो समूहों के बीच हिंसा हो गयी थी. घटना तब हुई, जब शोभायात्रा काजीपाड़ा इलाके से गुजर रही थी. हिंसा के दौरान कई दुकानों और ऑटो-रिक्शा में तोड़फोड़ की गई, जबकि कुछ पुलिस वाहनों सहित कई कार में आग लगा दी गई. आग बुझाने के लिए दमकल की चार गाडियों का इस्तेमाल किया गया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल का इस्तेमाल किया.

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