सामाजिक ध्रुवीकरण और ‘राजनीतिक तानाशाही’ पर प्रधानमंत्री से ‘हिसाब’ मांगते रहेंगे : कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने हिजाब मामले में उच्चतम न्यायालय का खंडित फैसला आने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिये आर्थिक असमानता, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही पर प्रधानमंत्री से ‘‘हिसाब’’ मांगना जारी रखेगी.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ” ‘हिजाब’ मामले पर उच्चतम न्यायालय के बंटे हुए फैसले का मतलब है कि यह मामला आगे भी न्यायालय का ध्यान आर्किषत करता रहेगा.” उन्होंने कहा, “इस बीच ‘भारत जोड़ो यात्रा’ बढ़ती आर्थिक असमानता, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही पर प्रधानमंत्री से हिसाब मांगना जारी रखेगी.”

उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगा प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को खंडित फैसला सुनाया. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज कर दीं, जबकि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने उन्हें स्वीकार किया. न्यायमूर्ति गुप्ता ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘इस मामले में अलग-अलग मत हैं.’’

कर्नाटक सरकार हिजाब से जुड़ा आदेश वापस ले : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हिजाब मामले में उच्चतम न्यायालय का खंडित फैसला आने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि कर्नाटक सरकार को शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक से जुड़े अपने आदेश को वापस लेना चाहिए ताकि यह पूरा विवाद खत्म हो सके.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने यह भी कहा कि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया का आदेश संविधान और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के सिद्धातों के अनुरूप है. उन्होंने एक बयान में कहा कि न्यायमूर्ति धूलिया ने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और उनकी शिक्षा में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि इस पहलू का स्वागत किया जाना चाहिए, हालांकि न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता के फैसले में यह पहलू गायब था.

रहमानी ने कहा, “कर्नाटक सरकार से आग्रह है कि वह हिजाब से जुड़े आदेश को वापस ले. अगर कर्नाटक सरकार यह आदेश वापस ले लेती है तो पूरा विवाद स्वत: खत्म हो जाएगा.” उनका कहना था कि सरकार को ऐसे किसी कदम का समर्थन नहीं करना चाहिए जो लड़कियो की शिक्षा के रास्ते में रूकावट पैदा करे.

उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगा प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को खंडित फैसला सुनाया. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज कर दीं, जबकि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने उन्हें स्वीकार किया. न्यायमूर्ति गुप्ता ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘इस मामले में मतभेद हैं.’’

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