राहुल गांधी को मांडविया के पत्र को 23 दिन बीत चुके, कोविड प्रोटोकॉल लागू क्यों नहीं हुआ: जयराम रमेश

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने शुक्रवार को सरकार पर कोविड का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और यह सवाल किया कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा राहुल गांधी को पत्र लिखे 23 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक कोरोना को लेकर कोई प्रोटोकॉल लागू क्यों नहीं किया गया.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं कि 20 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्री ने धमकी भरा खत लिखा था. उस खत के बहाने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को रोकने की कोशिश की गई थी. 23 दिन हो गए, लेकिन कोई प्रोटोकॉल लागू क्यों नहीं किया गया?’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिना मास्क लगाए जगह-जगह घूम रहे हैं, रैलियां संबोधित कर रहे हैं. 20 तारीख का पत्र एक राजनीतिक कदम था क्योंकि वह राजस्थान में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता से बौखला गई थी.’’

बाद में रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘ये क्या मनसुख मांडविया? ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को भटकाने के लिए भाजपा सांसदों के पत्रों के आधार पर 20 दिसंबर को राहुल गांधी को लिखने के बाद आपने ओमीक्रॉन सब वैरिएंट बीएफ.7 से निपटने के लिए कोई प्रोटोकॉल जारी नहीं किया! मोदी सरकार कुछ गंभीर कार्य करने की बजाय कोविड का राजनीतिकरण कर रही है.’’ उल्लेखनीय है कि भाजपा के तीन सांसदों द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर ंिचता जताए जाने का हवाला देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहा था कि अगर कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा सकता तो वह ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निलंबित करने पर विचार करें.

कांग्रेस नेता रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री द्वारा रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ को हरी झंडी दिखाना सिर्फ दिखावा और ध्यान भटकाने की तरकीब है क्योंकि यह सरकार गंगा को स्वच्छ बनाने में विफल रही है. उन्होंने कहा, ‘‘गंगा को पहले निर्मल गंगा बनाइए, अविरल गंगा बनाइए, बाद में उस पर क्रूज चलाइए. ये सब ध्यान भटकाने की तरकीब है. गंगा की सफाई तो नहीं हुई है, गंगा में अविरलता तो है नहीं और गंगा की अविरलता नहीं होने के कारण उत्तराखंड में कई खतरे खड़े हुए हैं. उस पर तो कोई बोलते नहीं हैं. अभी क्रूज को लेकर चले हैं. ये सब दिखावा है.’’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ को हरी झंडी दिखाकर वाराणसी से रवाना किया.

जहाज ‘एमवी गंगा विलास’ अपने पहले सफर पर रवाना हो गया. यह 51 दिनों के अपने सफर में लगभग 3,200 किलोमीटर की यात्रा करेगा. इस दौरान यह भारत और बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों को पार करते हुए बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक जाएगा.

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