कांग्रेस के करीब 9500 डेलीगेट ने वोट डाला, 24 साल बाद बनेगा गैर-गांधी अध्यक्ष

नयी दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत करीब 9500 डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्यों) ने पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान किया. इस चुनाव से 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष चुना जाएगा.

कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि करीब 96 प्रतिशत मतदान हुआ, हालांकि पूरे आंकड़े आने के बाद इसमें कुछ बदलाव हो सकता है. मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर इस चुनाव में उम्मीदवार हैं. 19 अक्टूबर को मतगणना होगी. गांधी परिवार से करीबी और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के चलते खरगे की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है.

सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर मतदान किया. राहुल गांधी ने कर्नाटक के बेल्लारी में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से संबंधित कंटेनर वाले विश्राम शिविर में बने मतदान केंद्र पर वोट डाला. उनके साथ वहां उन नेताओं ने भी मतदान किया, जो उनके साथ इस यात्रा में ‘भारत यात्री’ हैं.

मतदान से पहले सोनिया गांधी ने यहां संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, “मैं इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रही थी.” मतदान संपन्न होने के बाद मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लगभग 9900 डेलीगेट में से करीब 9500 ने मतदान किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुख्यालय में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह समेत 87 डेलीगेट ने मतदान किया.

मिस्त्री ने कहा कि कर्नाटक में बेल्लारी स्थित ‘भारत जोड़ो यात्रा ‘ के विश्राम शिविर के मतदान केंद्र में राहुल गांधी समेत करीब 50 लोगों ने वोट डाला. उन्होंने कहा कि कहीं से कोई शिकायत नहीं आई तथा पूरी प्रक्रिया स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी रही है. मिस्त्री ने कहा कि मतदान गुप्त रहा है तथा इसका पता नहीं लगाया जा सकता कि किसे किसने वोट दिया तथा किस राज्य से किस उम्मीदवार को कितने वोट मिले.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय चुनाव समिति के गठन के संदर्भ में फैसला नए कांग्रेस अध्यक्ष को करना है. पार्टी मुख्यालय में वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सबसे पहले मतदान किया. उनके बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश, अजय माकन, मुकुल वासनिक, वरिष्ठ नेता अम्बिका सोनी, विवेक तन्खा, सचिन पायलट और कई अन्य लोगों ने मतदान किया.

कांग्रेस मुख्यालय में मतदान के बाद महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, “यह ऐतिहासिक मौका है. हमारे यहां स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से चुनाव हुआ है.” उन्होंने कहा, “कांग्रेस एकमात्र राजनीतिक दल है, जहां अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होता है. हमारे यहां टी एन शेषन की तरह केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री हैं. किसी दूसरी पार्टी में चुनाव नहीं होता.” मतदान के बाद थरूर ने सभी डेलीगेट और अपने समर्थकों का आभार जताया. मतदान की शुरुआत से पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद के दोनों उम्मीदवारों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं.

थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘मल्लिकार्जुन खरगे से आज सुबह बात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं तथा उनके प्रति सम्मान और कांग्रेस की सफलता के प्रति दोनों के साझा समर्पण को व्यक्त किया.’’ खरगे ने ट्वीट कर कहा, ‘‘शशि थरूर जी को मेरी शुभकामनाएं. आज उनसे बात की. हम दोनों कांग्रेस की मजबूती के लिए लड़ रहे हैं, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए पहले से मजबूत और बेहतर राष्ट्र का निर्माण किया जा सके.’’ कांग्रेस के करीब 9900 डेलीगेट पार्टी प्रमुख चुनने के लिए मतदान करने के पात्र थे. कांग्रेस मुख्यालय समेत लगभग 68 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ.

कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, अध्यक्ष पद के लिए अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं. पूरे 22 वर्षों के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है. इस चुनाव से 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष चुना जाएगा. इससे पहले सीताराम केसरी गैर-गांधी अध्यक्ष रहे थे.

थरूर ने निर्वाचकों से ‘‘बदलाव अपनाने’’ का साहस दिखाने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा था कि वह जिन बदलावों के बारे में सोच रहे हैं, उनमें पार्टी के ‘‘मूल्यों’’ में कोई बदलाव नहीं होगा और केवल लक्ष्य पाने के तरीकों में परिवर्तन आएगा. वहीं, खरगे ने रविवार को कहा था कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई झिझक नहीं होगी, क्योंकि उस परिवार ने काफी संघर्ष किया है और पार्टी के विकास में बड़ा योगदान दिया है.

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