अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों को चुनौतियों के लिए तैयार करने में ‘गेम चेंजर’ साबित होगी: प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अग्निवीरों के पहले बैच को बधाई दी और कहा कि अग्निपथ योजना एक परिवर्तनकारी नीति है जो सशस्त्र बलों को मजबूत करने एवं उन्हें भावी चुनौतियों के लिए तैयार करने में एक ‘‘गेम चेंजर’’ साबित होगी. प्रधानमंत्री ने तीनों सेनाओं में भर्ती की अल्पकालिक योजना ‘अग्निपथ’ के पहले बैच के अग्निवीरों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान यह बात कही.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से (पीएमओ) जारी एक बयान के मुताबिक, मोदी ने अग्निवीरों को इस ‘‘पथ प्रदर्शक’’ योजना में अग्रणी बनने के लिए बधाई दी और कहा कि यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाएगी. उन्होंने कहा कि युवा अग्निवीर सशस्त्र बलों को अधिक युवा और ‘‘टेक सेवी’’ (आधुनिक तकनीक व प्रौद्योगिकी के जानकार) बनाएंगे.

मोदी ने कहा, ‘‘तकनीकी रूप से उन्नत सैनिक हमारे सशस्त्र बलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. युवाओं की वर्तमान पीढ़ी में विशेष रूप से यह क्षमता है. इसलिए अग्निवीर आने वाले समय में हमारे सशस्त्र बलों में अग्रणी भूमिका निभाएंगे.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत नए जोश से भरा हुआ है और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास चल रहे हैं.

इक्कीसवीं सदी में युद्ध लड़ने के बदलते तरीकों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस संवाद के दौरान संपर्क रहित युद्ध के नए मोर्चों और साइबर युद्ध की चुनौतियों पर भी चर्चा की. अग्निवीरों की क्षमता की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी भावना सशस्त्र बलों की बहादुरी को दर्शाती है, जिसने हमेशा राष्ट्र के झंडे को ऊंचा रखा है.

उन्होंने कहा, ‘‘इस अवसर के माध्यम से वे जो अनुभव प्राप्त करेंगे, वह जीवन के लिए गर्व का स्रोत होगा.’’ युवाओं और अग्निवीरों की क्षमता की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये अग्निवीर ही हैं, जो 21वीं सदी में राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान करने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि यह योजना महिलाओं को और सशक्त बनाएगी. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि कैसे महिला अग्निवीर नौसेना का गौरव बढ़ा रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वह तीनों बलों में महिला अग्निवीरों को देखने के लिए उत्सुक हैं.’’

प्रधानमंत्री ने सियाचिन में तैनात महिला सैनिकों और आधुनिक लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिलाओं का उदाहरण देते हुए अग्निवीरों को बताया कि कैसे महिलाएं विभिन्न मोर्चों पर सशस्त्र बलों का नेतृत्व कर रही हैं. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में तैनाती मिलने से अग्निवीरों को विविध अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और इस दौरान उन्हें विभिन्न भाषाओं, विभिन्न संस्कृतियों और जीवन जीने के तरीकों के बारे में सीखने की कोशिश करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि टीम भावना और नेतृत्व कौशल को निखारने से उनके व्यक्तित्व में एक नया आयाम जुड़ेगा. उन्होंने अग्निवीरों को नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहने को प्रेरित किया और साथ ही अपनी पसंद के क्षेत्रों में अपने कौशल को बेहतर बनाने पर काम करने का आ’’ान किया. रक्षा मंत्री राजनाथ ंिसह ने भी इस संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक ंिसह ने अग्निपथ योजना को ‘‘सबसे महत्वपूर्ण और अभूतपूर्व सुधारों’’ में से एक बताया और कहा कि रक्षा मंत्रालय ने राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए कई फैसले लिए हैं. ंिसह ने कहा कि लगातार बदलते वैश्विक परिदृश्य और भू-राजनीतिक अनिश्चितता के बीच देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि इस योजना को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली, जिसमें बड़ी संख्या में आवेदक भर्ती के लिए आए. उन्होंने महिला अग्निवीरों का विशेष उल्लेख किया, जिन्हें उनके पुरुष समकक्षों के साथ प्रशिक्षित किया जा रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि अग्निवीरों के कल्याण के लिए रक्षा मंत्रालय सहित कई मंत्रालय आगे आ रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा मंत्रालय, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और रेल मंत्रालय के विभिन्न विभागों में कई पदों पर अग्निवीरों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है. अग्निवीरों को उचित शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से व्यवस्था की जा रही है.’’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘सेवा के बाद स्वरोजगार या व्यवसाय शुरू करने की इच्छा रखने वाले अग्निवीरों को वित्त मंत्रालय के सहयोग से उचित दरों पर ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है. अग्निवीर न केवल सुरक्षावीर बनेंगे, बल्कि समृद्धिवीर भी बनेंगे.’’

सरकार ने पिछले साल 14 जून को तीनों सेवाओं (सेना, नौसेना और वायु सेना) में सैनिकों की भर्ती के लिये अग्निपथ योजना की घोषणा की थी. यह योजना चार साल की अवधि के लिये साढ़े 17 साल से 21 साल के युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा देने का अवसर प्रदान करती है. वर्ष 2022 के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष की गई है. इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर नाम दिया जाएगा.

हालांकि चार साल के बाद प्रत्येक बैच के केवल 25 प्रतिशत जवानों को ही 15 साल की अवधि के लिये उनकी संबंधित सेवाओं में रखा जाएगा. विपक्षी दलों ने इस कवायद की आलोचना की है लेकिन सरकार ने कहा है कि यह सशस्त्र बलों को अधिक युवा बनाएगी और इसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करेगी.

प्रधानमंत्री के भाषण का सभी अग्निवीर प्रशिक्षण केंद्रों में सीधा प्रसारण किया गया. इस कार्यक्रम में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष अनिल अध्यक्ष, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, नौ सेना प्रमुख उडमिरल आर हरि कुमार, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.

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