अमृतपाल के परामर्शदाता पपलप्रीत ने भागने में मदद की

अमृतपाल जिस बाइक पर फरार हुआ था, वह जालंधर से मिली : पंजाब पुलिस

चंडीगढ़. खालिस्तान समर्थक भगोड़े अमृतपाल सिंह के पुलिस से बचकर भागने के पीछे 38-वर्षीय पपलप्रीत सिंह का दिमाग था, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था और उससे निर्देश ले रहा था. यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी.
अधिकारियों ने कहा कि पपलप्रीत सिंह को अमृतपाल सिंह के परामर्शदाताओं में से एक माना जाता है, जो उन्हें विभिन्न मुद्दों पर सलाह देते रहे हैं. अमृतपाल के पिछले साल भारत लौटने के बाद से ही पपलप्रीत उसके साथ काम कर रहा था.

अमृतपाल ने भारत लौटने के बाद अभिनेता दीप सिद्धू द्वारा स्थापित संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ की बागडोर संभाल ली थी. दीप सिद्धू की 2021 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. पपलप्रीत को एक मोटरसाइकिल चलाते हुए देखा गया था, जिसके पीछे अमृतपाल बैठा हुआ था. दोपहिया वाहन जालंधर के फिल्लौर में लावारिस मिला था.

अधिकारियों ने कहा कि पपलप्रीत सिंह पंजाब में खालिस्तान को उभारने के लिए आईएसआई से निर्देश ले रहा था और राज्य में आतंकवाद के काले दिन लाने के लिए काम कर रहा था. उन्होंने कहा कि पपलप्रीत के निर्देश पर ही अमृतपाल ने अपना हुलिया एक कट्टरपंथी सिख उपदेशक से एक साधारण व्यक्ति के तौर पर बदल लिया और अंत में उक्त मोटरसाइकिल फिल्लौर में एक नहर के पास छोड़ दी.

अधिकारियों ने बताया कि पंजाब पुलिस द्वारा मंगलवार को गिरफ्तार किए गए चार व्यक्तियों से पूछताछ में अमृतपाल द्वारा पुलिस को चकमा देने में पपलप्रीत की भूमिका के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि पपलप्रीत ने मनप्रीत सिंह और गुरदीप सिंह द्वारा मुहैया करायी गई मोटरसाइकिल ली और अमृतपाल को जालंधर के नंगल अंबियन गांव के एक गुरुद्वारे तक पहुंचाया, जहां उसने अपना रूप बदला तथा भागने से पहले एक गुलाबी पगड़ी और काला चश्मा पहन लिया.

मनप्रीत सिंह और गुरदीप सिंह राज्य में स्थानीय गिरोह चलाने वाले ‘मन्ना और दीपा’ के नाम से जाने जाते हैं. पपलप्रीत पर हत्या के प्रयास सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. इस बीच, पुलिस ने पपलप्रीत की तस्वीरें पूरे पंजाब और पड़ोसी राज्यों में प्रसारित कर दी हैं. पुलिस ने अमृतपाल सिंह की सात अलग-अलग तस्वीरें भी जारी की हैं.

अमृतपाल जिस बाइक पर फरार हुआ था, वह जालंधर से मिली : पंजाब पुलिस

अलगाववादी अमृतपाल सिंह गिरफ्तारी से बचने के लिए जिस मोटरसाइकिल पर सवार होकर भागता हुआ सीसीटीवी फुटेज में दिखा था उस बाइक को पंजाब पुलिस ने जालंधर में एक नहर के पास से बरामद किया है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि हथियारबंद पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल सिंह और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाते हुए उसे गिरफ्तार करने का प्रयास किया था, लेकिन वह हाथ से निकल गया. पुलिस ने अभियान में अमृतपाल के कुछ सहयोगियों को गिरफ्तार किया है.

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को वह एक र्मिसडिज कार से भागा था, लेकिन बाद में वह ब्रेजा एसयूवी में सवार हो गया. वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर और सीसीटीवी फुटेज में अमृतपाल गुलाबी पगड़ी बांधे और काला चश्मा पहने बाइक पर पीछे बैठा हुआ नजर आया.

पुलिस ने बुधवार को बताया कि अमृतपाल जिस बाइक से भागा था उन्होंने उसे जालंधर में एक नहर के पास से बरामद कर लिया है. जालंधर में पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘बाइक बरामद कर ली गई है. आगे की जांच जारी है.’’ पुलिस उपाधीक्षक रैंक के दो अधिकारियों सहित पुलिस की एक टीम इसबीच अमृतसर जिले में स्थित अमृतपाल सिंह के गांव जल्लूपुर खेड़ा पहुंची और उसके परिवार के कुछ सदस्यों से मिली.

पुलिस के जिस अधिकारी ने पत्रकारों से बात की उसने इस दौरे के संबंध में जानकारी नहीं दी. पुलिस लगातार अमृतपाल सिंह को पकड़ने का प्रयास कर रही है. उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर और गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, ‘‘उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं.’’ पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को भागने में मदद करने के आरोप में मंगलवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया था और अलगाववादी की सात तस्वीरें जारी की थीं जिनमें से कुछ में वह बिना पगड़ी के नजर आ रहा है.

पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि अभियान के तहत 154 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह को एसयूवी में भागने में मदद करने को लेकर गिरफ्तार चार लोगों ने पूछताछ में बताया है कि अलगाववादी जालंधर के नांगल अम्बियां गांव में एक गुरुद्वारे में गया. गिल ने कहा, ‘‘वहां उसने (अमृतपाल) कपड़े बदले, एक शर्ट और पैंट पहनी और तीन अन्य लोगों के साथ दो बाइक पर फरार हुआ.’’

कानून-व्यवस्था पर कांग्रेस का स्थगन प्रस्ताव नामंजूर; अमृतपाल के खिलाफ एनएसए गलत: शिअद

पंजाब विधानसभा में, कानून-व्यवस्था पर कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलने के बाद पार्टी विधायकों के आसन के समक्ष आ जाने और अलगाववादी अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्र सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाए जाने की शिअद द्वारा आलोचना किए जाने के कारण बुधवार को खूब हंगामा हुआ.

विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष के नेता व कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने अध्यक्ष से उनकी पार्टी द्वारा कानून-व्यवस्था पर लाए गए स्थगन प्रस्ताव के बारे में पूछा. विधानसभा अध्यक्ष कुल्तार सिंह संधवान ने बताया कि प्रस्ताव नामंजूर कर दिया गया है. इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के विधायक और आसन के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी करने लगे.

बाद में शून्यकाल के दौरान, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने कहा कि राज्य में ‘‘आतंक का माहौल’’ बना दिया गया है. वह अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके गुट ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के संदर्भ में बोल रहे थे.

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