न्यायालय भेजी जा रही अतीक की ‘गोपनीय चिट्ठी’ : अतीक के वकील के घर के पास फेंका गया बम

प्रयागराज/नयी दिल्ली/लखनऊ. प्रयागराज में पिछले शनिवार को तीन हमलावरों की गोलीबारी में मारे गए माफिया अतीक अहमद की ‘चिट्ठी’ बंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास भेजी जा रही है. उधर, उच्चतम न्यायालय अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर 24 अप्रैल को सुनवाई करने को सहमत हो गया है. वहीं, माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर मिश्रा के प्रयागराज के कटरा इलाके में स्थित मकान के सामने कुछ अराजक तत्वों ने मंगलवार दोपहर कथित रूप से बम फेंका. हालांकि, इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.

अतीक अहमद के एक वकील विजय मिश्रा ने प्रयागराज में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अतीक अहमद ने कहा था कि यदि उनके साथ कोई दुर्घटना होती है या उनकी हत्या होती है तो बंद लिफाफे में एक चिट्ठी उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास जाएगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह चिट्ठी न तो मेरे पास है और न ही मेरे द्वारा भेजी जा रही है. वह चिट्ठी कहीं और रखी गई थी और किसी और व्यक्ति द्वारा भेजी जा रही है. इस चिट्ठी में क्या लिखा है, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है.’’

उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात प्रयागराज के शाहगंज थानाक्षेत्र में मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय के भीतर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्याकांड के बाद प्रशासन ने प्रयागराज में इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी, जो तीन दिन बाद आज मंगलवार को बहाल कर दी गई.

अशरफ ने हाल ही में बरेली जेल से प्रयागराज लाए जाते समय मीडिया र्किमयों से कहा था कि एक बड़े अफसर ने उसे धमकी दी है कि दो हफ्ते के अंदर उसे और अतीक को किसी ना किसी बहाने से जेल से बाहर लाकर ‘निपटा’ दिया जाएगा इसलिए एक चिट्ठी तैयार की गई है. उसने कहा था, अगर उसे या उसके भाई अतीक अहमद को कुछ होता है तो वह चिट्ठी उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेज दी जाए. उस चिट्ठी में उस अधिकारी का नाम लिखा है. इस बीच, उच्चतम न्यायालय अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर 24 अप्रैल को सुनवाई करने के लिए मंगलवार को सहमत हो गया.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मामले का तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख करने वाले वकील विशाल तिवारी की दलीलों पर गौर किया. याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच का भी अनुरोध किया गया है.

याचिका में अतीक और अशरफ की हत्या की जांच करने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध किया गया है.
इसमें कहा गया है, ‘‘उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) के बयान के मुताबिक 2017 के बाद से हुई 183 मुठभेड़ और अतीक तथा अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी पूर्व न्यायाधीश की अगुवाई में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन कर कानून के शासन की रक्षा के लिए निर्देश जारी करें.’’

अतीक की हत्या का जिक्र करते हुए याचिका में कहा गया है, ‘‘पुलिस का ऐसा कृत्य लोकतंत्र तथा कानून के शासन के लिए गंभीर खतरा है तथा यह पुलिसिया राज की ओर ले जाता है.’’ याचिका में कहा गया है, ‘‘लोकतांत्रिक समाज में पुलिस को अंतिम निर्णय सुनाने का जरिया या दंड देने वाला प्राधिकरण बनने नहीं दिया जा सकता. दंड देने का अधिकार केवल न्यायपालिका को है.’’ इस बीच प्रयागराज में दोपहर बाद अतीक अहमद के एक अन्य वकील दयाशंकर मिश्रा के मकान के सामने बम विस्फोट हुआ. हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ.

प्रयागराज के सहायक पुलिस आयुक्त (शिवकुटी) राजेश कुमार यादव ने बताया कि कर्नलगंज थाना क्षेत्र में अंतर्गत कटरा की गोबर गली में कुछ युवकों ने आपसी रंजिश के चलते बम फेंका था, जिसमें संयोगवश अतीक अहमद के वकील दयाशंकर मिश्रा के मकान के सामने विस्फोट हुआ. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के मुताबिक र्हिषत सोनकर नाम के युवक का रौनक, आकाश ंिसह और छोटे के साथ धन को लेकर कुछ विवाद था और इस कारण सोनकर ने रौनक, आकाश और छोटे का पीछा करते हुए उन पर देसी बम फेंका.

उन्होंने बताया कि सोनकर बम फेंककर वहां से फरार हो गया. इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है और जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी. विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने लखनऊ में जारी बयान में कहा, “गोबर वाली गली में बम फेंके जाने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. यह हमला दयाशंकर मिश्रा के आवास के सामने एक गली में हुआ. हालांकि, अफवाह फैलाई जा रही है कि दयाशंकर मिश्रा पर हमला किया गया था. यह गलत सूचना है. घटनास्थल का निरीक्षण किया जा रहा है और कानून व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है.” उल्लेखनीय है कि दयाशंकर मिश्रा उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद और अशरफ के वकील थे. इस मामले में अतीक अहमद और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि अशरफ समेत सात अन्य लोग साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए थे.

गौरतलब है कि शनिवार की रात पुलिस हिरासत में काल्विन अस्पताल आए अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद से ही पूरे शहर में स्थिति संवेदनशील है. घटना की सूचना पाकर दयाशंकर मिश्रा तत्काल घर पहुंचे जहां स्थानीय लोगों और उनके घर वालों ने उन्हें तीन बमों में विस्फोट होने की सूचना दी. हालांकि पुलिस का कहना है कि सिर्फ एक देसी बम फटा था.

मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘में अदालत में था, तभी मेरे बेटे ने बम फेंके जाने की सूचना दी. में तुरंत घर की ओर भागा… मुझे लगता है कि यह मुझे डराने के लिए, आतंक पैदा करने के लिए किया गया है. यह गहरी साजिश है… इसके पीछे कौन है, यह पता लगाना पुलिस का काम है.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘मेरी बेटी और स्थानीय लोगों ने देखा कि एक व्यक्ति ने तीन बम फेंके.’’

जल्द से जल्द पुलिस हिरासत में लिए जाएंगे अतीक-अशरफ के हत्यारोपी : पुलिस

उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने मंगलवार को कहा कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की शनिवार को गोली मारकर हत्या करने वाले शूटरों को जल्द से जल्द पुलिस हिरासत में लिया जाएगा. पुलिस ने कहा कि उनसे पूछताछ में वारदात से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिलेंगे.

एसटीएफ के उपमहानिरीक्षक अनंत देव तिवारी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, “अतीक-अशरफ की हत्या मीडिया के सामने लाइव थी. तीनों शूटर गिरफ्Þतार हैं. हम उन्हें पुलिस हिरासत में लेंगे और हत्या के कारणों के बारे में सभी सवालों के जवाब पूछे जाएंगे.” उन्होंने कहा, “शूटर किसी व्यक्ति या गिरोह से संबंध रखते हैं? उन्हें हथियार कहां से मिले? हत्या के पीछे असली मंशा क्या थी? इस सब के जवाब तभी मिल पाएंगे जब पुलिस तीनों को हिरासत में लेगी.” गैंगस्टर अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ को गत 15 अप्रैल को पुलिस द्वारा मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाते वक्त मीडियार्किमयों के रूप में आये तीन बदमाशों ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी थी.

मौके से पकड़े गए तीन हमलावर हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ सन्नी (23), बांदा निवासी लवलेश तिवारी (22) और कासगंज निवासी अरुण मौर्य (18) वर्तमान में प्रतापगढ़ जेल में हैं. तिवारी ने इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड मामले में फरार अभियुक्त शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम के बारे में कहा, “हमारी सीमाएं हैं लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए उनके पास कई साधन हैं. जहां तक गुड्डू मुस्लिम का संबंध है, वह गुड्डू ‘बमबाज’ के रूप में जाना जाता है और गिरफ्तारी से बचने में माहिर है, जबकि परवीन ‘पर्दानशीन’ है. लेकिन जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.”

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