असद, गुलाम को जीवित पकड़ने का प्रयास किया गया था, उन्होंने अंधाधुंध गोलियां चलायीं: प्राथमिकी

झांसी. उत्तर प्रदेश के झांसी में बृहस्पतिवार को विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की टीम के साथ मुठभेड़ में मारे गये दोनों आरोपियों- असद अहमद और गुलाम को पारीछा तटबंध मार्ग के पास जब रोका गया तो उन्­होंने पुलिसर्किमयों को जोर-जोर से गाली-गलौज करते हुए गोलियां चलानी शुरू कर दी.

मुठभेड़ के बाद झांसी के बड़ागांव थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, पुलिस टीम को बिना नंबर की डिस्कवर मोटरसाइकिल पर सवार होकर दोनों आरोपियों के कहीं जाने के बारे में पुख्ता सूचना मिली थी और उसके बाद पुलिस ने उन्हें (असद और गुलाम को) रुकने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कच्ची सड़क से भागने की कोशिश की और बबूल की झाड़ियों के पास फिसलकर गिर गए. तत्पश्चात, आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से पुलिसर्किमयों पर गोलियां चला दी.

प्राथमिकी में कहा गया है, “आरोपियों का रास्ता रोकने वाली टीम के सदस्यों ने अपनी जान की परवाह किये बिना दोनों को ंिजदा पकड़ने की कोशिश की, लेकिन दूसरी ओर से गोलीबारी जारी रही. अंतत: एसटीएफ के जवानों को आत्मरक्षा में जवाबी गोलियां चलानी पड़ी.” प्राथमिकी में कहा गया है कि दूसरी तरफ से गोलियां चलनी बंद होने के बाद जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो दोनों जख्मी हालत में दर्द से छटपटाते मिले और मीडिया में आई तस्वीरों के जरिये उनकी पहचान असद और उसके सहयोगी मो. गुलाम के रूप में हुई.

प्राथमिकी में कहा गया है कि चूंकि दोनों की सांसें चल रही थीं, इसलिए उन्हें तुरंत चिकित्सा के लिए एंबुलेंस में ले जाया गया, लेकिन जब वे मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. इसमें कहा गया है कि मौके से रिवॉल्वर, इस्तेमाल हो चुके कारतूस के अवशेष, ंिजदा कारतूस, मोटरसाइकिल और अन्य सबूत एकत्र किए गए हैं.

पुलिस को सूचना मिली थी कि असद और गुलाम दोनों को एक रात पहले झांसी के चिरगांव बस्ती में देखा गया था और ऐसी संभावना थी कि वे बृहस्­पतिवार को भी चिरगांव में मौजूद रहेंगे. प्राथमिकी में कहा गया है कि पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि असद और गुलाम को बिना नंबर वाली दो डिस्कवरी मोटरसाइकिल पर झांसी के चिरगांव कस्बे में घूमते हुए देखा गया है और अगर त्वरित कार्रवाई की जाती है तो उन्हें पकड़ा जा सकता है.

उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद और गुलाम पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था. बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले के मुख्य गवाह उमेश पाल की फरवरी में प्रयागराज में उनके घर के बाहर हत्या कर दी गयी थी. दोनों इस हमले के बाद से फरार थे.

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