कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आजाद की टिप्पणियां असली दोषियों की ‘‘मदद करना’’ है : भाजपा
जम्मू. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू कश्मीर इकाई ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजादी की आत्मकथा ‘‘आजाद’’ में कश्मीरी पंडितों की भावनाएं कथित तौर पर आहत करने के लिए शुक्रवार को उन पर निशाना साधा. उसने कहा कि आजाद ने घाटी से अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के पलायन के लिए जो कारण बताए हैं, वे ‘‘असली दोषियों की मदद करना’’ है.
भाजपा प्रवक्ता और पूर्व विधायक गिरधारी लाल रैना ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हम आत्मकथा में कश्मीरी पंडित समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए आजाद की ंिनदा करते हैं जैसा कि मीडिया में बताया जा रहा है. हम 1989-90 में कश्मीर घाटी से धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक कश्मीरी ंिहदुओं के जबरन विस्थापन के लिए आजाद को भी समान रूप से जिम्मेदार ठहराते हैं.’’ आजाद को जम्मू कश्मीर में ‘‘मौत और तबाही के लिए जिम्मेदार’’ लोगों में से एक बताते हुए रैना ने कहा कि कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ और अल्पसंख्यक समुदाय पर एकतरफा हमलों पर उनकी सोची-समझी चुप्पी से सभी ‘‘अच्छी तरह परिचित’’ हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘आजाद हमेशा कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार के निर्णय लेने वाले अहम पदों पर रहे. वह किसी भी तरीके से जम्मू कश्मीर में हुई घटनाओं के लिए जिम्मेदार होने से बच नहीं सकते.’’ उन्होंने कहा कि ंिहदू समुदाय के विस्थापन के लिए जिम्मेदार घटनाओं का आजाद का वर्णन ‘‘संकीर्ण चुनावी लाभ पाने के लिए दूसरों पर दोष मढ़ने की चाल’’ है.
रैना ने कहा, ‘‘आजाद तब भी थे जब राजीव गांधी-फारूक समझौता हुआ था और जब जम्मू कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला सरकार ने 1989 में 70 आतंकवादियों को रिहा किया था. वह 1989 के लोकसभा चुनाव के दौरान आतंकवाद के माहौल और अल्पसंख्यक समुदाय के घरों पर पथराव को कैसे नजरअंदाज कर पाए?’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘आजाद ने पलायन के लिए जिम्मेदार जो कारण बताए हैं वे असली दोषियों की मदद करना है और अगर उन्हें लगता है कि सच्चाई को कमजोर करने से उन्हें एक खास वर्ग के मतदाताओं का प्यार मिलेगा तो वह बिल्कुल गलत हैं. आजाद को याद दिला दें कि कैसे उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर नकार दिया गया था.’’ पन्नुन कश्मीर के अध्यक्ष अजय चरूंगू ने भी कश्मीरी पंडितों के पलायन पर टिप्पणियों के लिए आजाद पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘आजाद भी धर्मनिरपेक्षता की आड़ में साम्प्रदायिक नेता हैं.’’