बंगाल हिंसा: भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और एनआईए जांच की मांग की

पश्चिम बंगाल: निषेधात्मक आदेश लागू, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को प्रभावित क्षेत्रों में जाने से रोका गया

नयी दिल्ली/रिसड़ा/कोलकाता. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में हुई हालिया हिंसा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा रचे गए एक सुनियोजित षड्यंत्र का परिणाम थी और उनके इस्तीफे की मांग की. पार्टी के दो अन्य सांसदों के साथ भाजपा मुख्यालय में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी ने इस संबंध में केंद्र से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और हिंसा की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने की भी मांग की.

उन्होंने आरोप लगाया कि रामनवमी के बाद से पश्चिम बंगाल में हिंसा की, जो घटनाएं हुई हैं, वे बनर्जी द्वारा अपनी सरकार के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने और आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में एकजुट करने के लिए रची गई ‘पूर्व नियोजित साजिश’ का परिणाम हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश जहां प्रगति कर रहा है, वहीं तृणमूल कांग्रेस के शासन में पश्चिम बंगाल में ‘पुराने कश्मीर’ जैसी स्थिति देखी जा रही है, जहां लोग पाकिस्तानी झंडा उठाते हैं और पथराव करते हैं. रानाघाट के सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाकर ही पश्चिम बंगाल को बचाया जा सकता है.

पिछले कुछ दिनों में पश्चिम बंगाल के हावड़ा, हुगली और उत्तर दिनाजपुर जिलों से हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. भाजपा नेता ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर लोगों के एक समूह का ‘फर्जी’ वीडियो ट्वीट करने का भी आरोप लगाया, जिसमें एक व्यक्ति बंदूक लिए नजर आ रहा है. उन्होंने ‘‘हिन्दुओं की छवि खराब करने’’ के लिए अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जांच की भी मांग की.

चटर्जी ने कहा, ‘‘यह मुस्लिम वोट को एकजुट करने और मुसलमानों को खुश करने के लिए ममता बनर्जी की पूर्व नियोजित साजिश का परिणाम है.’’ हुगली से सांसद ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो पर ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि ‘पश्चिम बंगाल में हिंदू खतरे में हैं’.

उन्होंने कहा, ‘‘वह मुसलमानों को अशांति पैदा करने के लिए उकसा रही हैं. पश्चिम बंगाल में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए ममता और उनकी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) जिम्मेदार है.’’ बनर्जी ने शुक्रवार को दावा किया था कि रामनवमी पर हिंसा के लिए भाजपा और अन्य दक्षिणपंथी संगठन जिम्मेदार हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस (मामले) को ठीक से देखे. हम एनआईए जांच की मांग कर रहे हैं.’’ चटर्जी ने कहा, ‘‘हम यह भी चाहते हैं कि ममता (बनर्जी) पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दें.’’ सवालों का जवाब देते हुए चटर्जी ने कहा कि भाजपा के नेता पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और एनआईए जांच की मांग करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘हम एनआईए जांच की मांग कर रहे हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि वे (राज्य पुलिस) मामलों की ठीक से जांच नहीं करने जा रहे हैं. पूरा पुलिस प्रशासन ममता का कैडर है.’’ पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में रायगंज से सांसद देबाश्री चौधरी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया और दावा किया कि पुलिस के निर्देश पर उनके लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले इलाके में रामनवमी के जुलूस का मार्ग बदल दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आयोजकों के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं. दालखोला में 120 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.’’

निषेधात्मक आदेश लागू, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को प्रभावित क्षेत्रों में जाने से रोका गया

पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित हुगली जिले के कुछ इलाकों में निषेधाज्ञा जारी रही एवं इंटरनेट सेवाएं रातभर बंद रहीं. वहीं पुलिस ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को रिसड़ा में प्रवेश करने से रोक दिया.
पुलिस ने कहा कि हुगली जिले के रिसड़ा और श्रीरामपुर इलाकों में जहां रविवार को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसक झड़पें हुईं थीं, स्थिति सोमवार को शांतिपूर्ण और नियंत्रण में थी और दोपहर के बाद इसमें सुधार होने की संभावना है .

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को रिसड़ा जाने से रोकने पर भाजपा की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जतायी गई और उसने क्षेत्र में केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की मांग की. भाजपा नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे अपने घायल पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने नहीं दिया जा रहा है. पुलिस निषेधाज्ञा का हवाला दे रही है. पुलिस कम से कम महतो और मुझे प्रवेश करने की अनुमति दे सकती है. पुलिस मुझे अनुमति नहीं देना चाहती क्योंकि वे सच्चाई को छिपाना चाहते हैं.’’

मजूमदार भाजपा सांसद ज्योतिर्मय ंिसह महतो के साथ थे. मजूमदार ने केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की मांग करते हुए कहा, ‘‘राज्य पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है.’’ महतो की पुलिसर्किमयों से तीखी नोकझोंक भी हुई. उन्होंने दावा किया, ‘‘पुलिस हमें रोक रही है क्योंकि हम भाजपा से हैं लेकिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद और विधायक इलाके में खुलेआम घूम रहे हैं. सरकार नहीं चाहती कि सच्चाई सामने आए. हिंसा पूर्व नियोजित थी.’’ चंदननगर पुलिस आयुक्तालय के एक अधिकारी ने कहा कि झड़पों के लिए करीब 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हालात नियंत्रण में और स्थिति शांतिपूर्ण है. निषेधाज्ञा लागू है और भारी पुलिस बल तैनात है. सुरक्षा बलों ने प्रभावित इलाकों के कुछ स्थानों पर मार्च किया. सुबह कुछ इलाकों में तनाव था. हमने भीड़ को तितर-बितर किया और सुरक्षा बढ़ा दी.’’ उन्होंने कहा कि बाजारों को कुछ समय के लिए खोलने की अनुमति दी गई और पुलिस वाहनों की आवाजाही पर नजर रख रही है.

अधिकारी ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि दोपहर तक स्थिति में और सुधार होगा. प्रतिबंधात्मक आदेशों को रद्द करने और इंटरनेट सेवाओं को फिर से शुरू करने पर निर्णय स्थिति के आकलन के बाद लिया जाएगा.’’ पुलिस ने कहा कि रिसड़ा थानाक्षेत्र में रामनवमी की दो शोभायात्रा आयोजित की गई थीं और दूसरी शोभायात्रा पर रविवार शाम करीब सवा छह बजे जीटी रोड पर वेंिलगटन जूट मिल मोड़ के पास हमला हुआ. पुलिस ने कहा कि रिसड़ा वार्ड 1-5 और श्रीरामपुर के वार्ड 24 में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई और जिले के कुछ हिस्सों में सोमवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं.

भाजपा के कुछ कार्यकर्ता सोमवार को रिसड़ा में प्रभावित क्षेत्र के पास धरना देते और पार्टी के काफिले को रोके जाने का विरोध करते देखे गए. इस बीच, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (भाजपा) ने भाजपा द्वारा आयोजित रामनवमी शोभायात्रा पर हमले की योजना बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को जिम्मेदार ठहराया.

अधिकारी ने पुरसुराह से भाजपा के घायल विधायक बिमन घोष से अस्पताल में मुलाकात की और संवाददाताओं से कहा कि वह प्रभावित इलाके में तुरंत जाना चाहते थे, लेकिन ममता बनर्जी प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने प्रभावित परिवारों से मिलने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और अन्य टीएमसी नेताओं को क्षेत्र में मुक्त पहुंच की अनुमति क्यों दी गई है, जबकि विपक्षी नेताओं को भयभीत स्थानीय लोगों और भाजपा पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने से रोका जाता है.’’ टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा पर इलाके में अशांति फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया , ‘‘राजनीतिक संबद्धता या धर्म देखे बिना दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. हिंसा राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति को बाधित करने के लिए भाजपा द्वारा एक पूर्व नियोजित साजिश थी. यह मानव जीवन की कीमत पर वोट सुरक्षित करना चाहती है.’’

भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और एनआईए जांच की मांग की

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में हुई हालिया हिंसा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा रचे गए एक सुनियोजित षड्यंत्र का परिणाम थी और उनके इस्तीफे की मांग की. पार्टी के दो अन्य सांसदों के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा की हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी ने विषय में केंद्र से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और हिंसा की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने की भी मांग की.

उन्होंने आरोप लगाया कि रामनवमी के दिन से पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की घटनाएं बनर्जी द्वारा रचे गए एक सुनियोजित षड्यंत्र का परिणाम हैं. भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान चटर्जी के साथ पश्चिम बंगाल से पार्टी की सांसद देबाश्री चौधरी और खगेन मुर्मू भी थे.

चटर्जी ने कहा, ‘‘मुस्लिम वोट को एकजुट करने और मुस्लिमों को खुश करने के लिए ममता बनर्जी द्वारा रचे गये एक सुनियोजित षड्यंत्र का यह (हिंसा) परिणाम है.’’ हुगली से सांसद ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि ‘‘पश्चिम बंगाल में हिंदू खतरे में हैं.’’ बनर्जी ने शुक्रवार को दावा किया था कि रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के लिए दक्षिणपंथी संगठनों के साथ भाजपा जिम्मेदार है.

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इसे (विषय को) उपयुक्त रूप से देखे. हम एनआईए जांच की मांग कर रहे हैं.’’ चटर्जी ने कहा, ‘‘हम पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पद से ममता (बनर्जी) का इस्तीफा भी चाहते हैं.’’

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