JPC की मांग पर अडिग कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल, गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया

नयी दिल्ली. कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की अपनी मांग को दोहराते हुए मंगलवार को कहा कि जेपीसी द्वारा जांच कराए जाने पर ही सच्चाई सामने आ सकती है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरकार अडाणी समूह से जुड़े मामले पर चर्चा से बचने और जेपीसी की मांग से ध्यान भटकाने के प्रयास के तहत संसद को चलने नहीं दे रही है.

विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपनी इस मांग को लेकर संसद भवन की पहली मंजिल के गलियारे में प्रदर्शन किया. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी के कई अन्य सांसद, द्रमुक, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कुछ अन्य दलों के नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए.

विपक्षी सदस्य दोनों सदनों की बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित होने के बाद संसद के प्रथम तल के गलियारे में जमा हुए और ‘वी वांट जेपीसी’ के नारे लगाए. वे गलियारे से ही नीचे की ओर एक बड़ा बैनर प्रर्दिशत कर रहे थे, जिस पर ‘वी वांट जेपीसी (हमें जेपीसी चाहिए)’ लिखा हुआ था. विपक्षी सदस्य संसद भवन के पहले तल के गलियारे में रेंिलग के नीचे इस बैनर को हाथों से पकड़कर प्रर्दिशत कर रहे थे प्रदर्शन का वीडियो साझा करते हुए खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘हमें चाहिए जेपीसी !”परम मित्र” को बचाने के लिए लोकतंत्र को दांव पर मत लगाओ, जेपीसी बैठाओ, संसद चलाओ और सच्चाई सामने लाओ ! विपक्षी पार्टियों द्वारा आज संसद में प्रदर्शन !’’

उन्होंने सवाल किया कि अगर ‘सही नीयत और सही विकास’ है, तो फिर सरकार संसद में चर्चा कराने से क्यों भाग रही है? कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘आज सुबह राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के नेता खरगे जी को बोलने की अनुमति दी. वह अपनी बात रखने के लिए उठे, लेकिन भाजपा सांसदों ने नारेबाजी करके उन्हें बोलने नहीं दिया. इसके बाद सभापति ने राज्यसभा की बैठक को अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दिया.’’ उन्होंने सवाल किया यदि मोदी सरकार का ऐसा ही व्यवहार रहा, तो गतिरोध कैसे टूटेगा? आज राज्यसभा दो बार स्थगित हुई.

कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति ंिसह गोहिल ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष ने हंगामा करके राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करवायी और नेता प्रतिपक्ष खरगे को बोलने नहीं दिया गया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्यसभा में सुबह के समय विपक्ष के नेता खरगे जी का नाम पुकारा गया. सत्ता पक्ष की ओर से नारेबाजी हुई और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. 2 बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई और जैसे ही खरगे जी बोलने के लिए खड़े हुए, नारेबाजी शुरू हुई और सदन की कार्यवाही फिर स्थगित कर दी गई.’’ गोहिल ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता, तो फिर सभापति की ओर से बुलाई गई बैठक का क्या मतलब है.

उन्होंने कहा कि सरकार के रुख के कारण विपक्षी दल सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए. गोहिल ने कहा, ‘‘अगर नेता प्रतिपक्ष को बोलने दिया जाता है, तो हम बैठक में भी जाएंगे और संवाद भी करेंगे.’’ राहुल गांधी से भाजपा की माफी की मांग को लेकर गोहिल ने कहा कि माफी प्रधानमंत्री मोदी को मांगनी चाहिए, जिन्होंने विदेश में जाकर कई बार भारत का अपमान किया.

उनका कहना था कि राहुल गांधी ने कुछ ऐसा नहीं कहा है, जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. उधर, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने अडाणी समूह के मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ‘चुप्पी तोड़ने’ की मांग करते हुए संसद परिसर में अलग से प्रदर्शन किया. संसद भवन के गलियारे में प्रदर्शन से पहले, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की.

गत 13 मार्च से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लगातार छह कामकाजी दिनों तक लोकसभा एवं राज्यसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही और कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्य नहीं हो सका. विपक्षी दल अडाणी समूह के मामले में जेपीसी गठित करने की मांग पर अड़े हुए हैं. दूसरी तरफ, सत्तापक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए एक बयान को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहा है.

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