आंतरिक राजनीति को बाहर ले जाने वाली टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने जयशंकर पर किया पलटवार

नयी दिल्ली/कठुआ. कांग्रेस ने रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के इस बयान पर पलटवार किया कि देश के लोग आंतरिक राजनीति को बाहर ले जा रहे हैं और कहा कि उन्हें मंत्री के रूप में ऐसे शख्स ने नियुक्त किया है जिसने विदेश में आंतरिक राजनीति के मामलों को नहीं ले जाने की लंबी परंपरा को तोड़ा.

पिछले बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, ‘‘इस देश के लोग आंतरिक राजनीति को बाहर ले जा रहे हैं और बाहर के लोग आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप कर रहे हैं.’’ विदेश मंत्री की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, ‘जिस शख्स ने आंतरिक राजनीति को बाहर नहीं ले जाने की लंबी परंपरा को तोड़ा, उन्होंने ही उनको (जयशंकर) मंत्री बनाया.’’ रमेश ने कहा, ‘‘वह 2015 से इसे शातिराना ढंग से बाहर ले जा रहे हैं. लेकिन विदेश मंत्री इसे जाहिर तौर पर नहीं स्वीकारेंगे.’’

जयशंकर की यह टिप्पणी कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी द्वारा हाल में लंदन में अपनी बातचीत के दौरान आरोप लगाए जाने के बाद आई कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे और देश के संस्थानों पर हमला हो रहा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गांधी पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने और विदेशी हस्तक्षेप की मांग करने का आरोप लगाया, जबकि कांग्रेस ने मोदी द्वारा विदेश में आंतरिक राजनीति के मुद्दे उठाने के लिए पिछले उदाहरणों का हवाला देते हुए सत्तारूढ़ दल पर पलटवार किया.

राहुल गांधी को अयोग्य करार दिया जाना गलत है : आजाद
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने को रविवार को गलत बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है. गांधी को बृहस्पतिवार को सूरत की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया.

कांग्रेस के पूर्व नेता आजाद ने कठुआ जिले में एक समारोह से इतर पत्रकारों से कहा, ‘मैं इसके खिलाफ हूं, चाहे वह राहुल गांधी हों या लालू प्रसाद यादव या कोई अन्य सांसद या विधायक. यह गलत बात है. यह नैर्सिगक न्याय के खिलाफ है कि एक तरफ न्यायाधीश ने फैसला सुनाया और दूसरी तरफ सांसद या विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया गया.’’ उन्होंने कहा, “पहले नियम यह था कि जब तक अंतिम अदालत उसे सजा नहीं सुनाती तब तक उसे अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा. यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.” उन्होंने कहा, “पहले लालू प्रसाद यादव अयोग्य करार दिए गए थे और अब राहुल गांधी. इस तरह, पूरी संसद और विधानसभाएं खाली हो जाएंगी.” उन्होंने कहा, “राजनीतिक नेताओं के लिए एक अलग मानदंड होना चाहिए.”

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