कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अपने ‘तपस्या’ वाले ट्वीट के लिए माफी मांगी

नयी दिल्ली. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पिछले साल अपनी पार्टी द्वारा राज्यसभा के लिये उम्मीदवार न बनाए जाने के बाद किए गए ‘तपस्या’ वाले ट्वीट के लिए रविवार को माफी मांगी. ­खेड़ा ने कहा कि उन्होंने यह ट्वीट ‘स्वार्थ’ में किया था, लेकिन अब राहुल गांधी से प्रेरणा लेते हुए उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है, जो ‘सत्ता से दूर रहकर’ अपनी ‘तपस्या’ जारी रख रहे हैं.

राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ राजघाट पर कांग्रेस के ‘सत्याग्रह संकल्प’ में जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए खेड़ा ने कहा, ‘‘अगर आप लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश करेंगे, तो राहुल गांधी आवाज उठाएंगे, फिर चाहे वह संसद के अंदर हो या बाहर.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जब अडाणी का नाम लेते हैं, तो आप (भाजपा) डर जाते हैं. आप कांप उठेंगे, जब हम सड़कों पर ऐसा करेंगे.’’ खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी उस परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिसने देश को रास्ता दिखाया.

पिछले साल 29 मई को किए अपने एक ट्वीट का जिक्र करते हुए खेड़ा ने कहा, ‘‘मैं आप सभी से, मेरे पार्टी नेतृत्व से माफी मांगना चाहता हूं कि जब मुझे राज्यसभा चुनाव का टिकट नहीं मिला, तो मैंने स्वार्थ में आकर लिख दिया था कि ‘शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई है.’ अब मैं राहुल गांधी को देखता हूं कि उन्होंने सत्ता त्याग दी है और फिर भी अपनी तपस्या जारी रख रहे हैं, इससे बड़ा और क्या हो सकता है.’’ खेड़ा ने यह ट्वीट कांग्रेस द्वारा जारी राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम शामिल न किए जाने के बाद किया था.

उन्होंने मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं की मौजूदगी में कहा, ‘‘मैं आज आप सभी से माफी मांगता हूं. मुझे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से प्रेरणा मिली है. यह लड़ने का समय है, आवाज उठाने का समय है, सत्ता मिले या न मिले, हम लड़ेंगे और जीतेंगे.’’ खेड़ा पिछले दिनों तब सुर्खियों में रहे थे, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ की गई एक कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए उन्हें विमान से उतारकर गिरफ्तार कर लिया गया था.

गुजरात के सूरत शहर की एक अदालत ने राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी से जुड़े 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में बृहस्पतिवार को दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी. इसके अगले दिन, लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी कर राहुल को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया.

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