हैदराबाद की मुक्ति के लिए संघर्ष करने वालों को कांग्रेस ने कभी याद नहीं किया : अमित शाह

अमित शाह ने मुस्लिम कोटा खत्म करने के कर्नाटक सरकार के फैसले का बचाव किया

बीदर/रायचूर. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उसने उन लोगों को कभी याद नहीं किया, जिन्होंने ‘‘क्रूर’’ निजाम शासन से हैदराबाद की मुक्ति के लिए संघर्ष किया था और प्राणों की आहुति दी थी. जिले के गोरता गांव में गोरता शहीद स्मारक और देश के पहले गृहमंत्री दिवंगत सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का उद्घाटन करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार आज भी हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने में ‘‘हिचकती’’ है.

केंद्रीय गृह मंत्री ने गोरता में 103 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया और इस स्थान को ‘‘दक्षिण भारत का जलियांवाला बाग’’ बताया.
केंद्रीय मंत्री ने नौ मई, 1948 को गोरता में हुई बर्बर घटना को याद करते हुए कहा कि देश आजाद होने के बावजूद ‘‘क्रूर’’ निजाम ने 200 लोगों का नरसंहार किया था. शाह ने कहा कि उनके जैसे भावुक व्यक्ति के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि उस दिन निजाम की बर्बर सेना ने 2.5 फुट का तिरंगा फहराने के लिए सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.

शाह ने कहा, ‘‘यहां गोरता में क्रूर निजाम ने 200 से ज्यादा लोगों का नरसंहार किया, लेकिन कांग्रेस ने अपनी तुष्टीकरण की नीति के चलते उन लोगों को कभी याद नहीं किया, जिन्होंने हैदराबाद की मुक्ति के लिए संघर्ष किया और कुर्बानी दी.’’ सरदार पटेल को श्रद्धाजंलि देते हुए उन्होंने कहा कि पटेल न होते तो हैदराबाद आजाद नहीं होता.

शाह ने कहा, ‘‘तेलंगाना सरकार हैदराबाद मुक्ति दिवस (17 सितंबर) मनाने से हिचक रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने इस दिन को भव्य तरीके से मनाने का फैसला किया है.’’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले साल तेलंगाना में हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाया था और इस साल भी वे इस दिन को मनाएंगे.

शाह ने लोगों से कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनाने की अपील की ताकि वह 50 करोड़ रुपये की लागत से गोरता में एक भव्य शहीद स्मारक का निर्माण कर सके, जो न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश से पर्यटकों को आर्किषत करेगा. उन्होंने कहा कि ये स्मारक गोरता के लोगों की कहानी को दुनिया के सामने लाएगा. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि कर्नाटक में भाजपा सरकार के सत्ता में लौटने और भव्य स्मारक बनने के बाद, पार्टी अगला हैदराबाद मुक्ति दिवस गोरता में मनाएगी.

अमित शाह ने मुस्लिम कोटा खत्म करने के कर्नाटक सरकार के फैसले का बचाव किया

केंद्रीय गृह मंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की 2बी श्रेणी के तहत मुस्लिम समुदाय को मिले चार प्रतिशत आरक्षण को कर्नाटक सरकार द्वारा खत्म किए जाने के फैसले का बचाव करते हुए रविवार को कहा कि धार्मिक आधार पर कोटा संवैधानिक रूप से वैध नहीं है.

बीदर के गोरता गांव और रायचूर के गब्बूर में आयोजित जनसभाओं को संबोधित करते हुए शाह ने कथित ‘वोट बैंक की राजनीति’ के लिये मुस्लिमों को चार प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान करने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा नयी आंतरिक आरक्षण व्यवस्था लागू करने के फैसला को रेखांकित करते हुए कहा कि अनुसूचित जातियों के साथ अन्याय को दूर करने की कोशिश की गई है.

गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण में 2बी श्रेणी केवल मुस्लिमों के लिए थी जिसे भाजपा सरकार ने समाप्त करते हुए कहा कि यह संवैधानिक रूप से वैध नहीं है. सरकार ने 2बी के तहत पूर्व में मुस्लिमों को दिए गए चार प्रतिशत आरक्षण को राज्य में प्रभावशाली वोक्कालिगा और वीरशैवा ंिलगायत को क्रमश: 2सी और 2डी श्रेणी के तहत दो-दो प्रतिशत बांट दी. सरकार के फैसले के बाद 2बी श्रेणी समाप्त हो गई और वोक्कालिगा का आरक्षण चार प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत और ंिलगायत समुदाय का आरक्षण पांच प्रतिशत से बढ़कर सात प्रतिशत हो गया.

राज्य सरकार के फैसले का मजबूती से बचाव करते हुए शाह ने कहा, ‘‘भाजपा कभी तुष्टिकरण में विश्वास नहीं करती. इसलिए उसने आरक्षण व्यवस्था में बदलाव का फैसला किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने अल्पसंख्यकों को दिया गया चार प्रतिशत आरक्षण समाप्त कर दो प्रतिशत आरक्षण वोक्कालिगा और दो प्रतिशत आरक्षण ंिलगायत को दिया.’’ शाह ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण संवैधानिक तौर पर वैध नहीं है. संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है. कांग्रेस सरकार ने इसे अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के तहत किया और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की.’’

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