राहुल मामले में ऊपरी अदालत का दरवाजा न खटखटाना कांग्रेस की आंतरिक साजिश: भाजपा

राहुल गांधी को उनके कृत्य की सजा मिली है: भाजपा

नयी दिल्ली/लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि सूरत की अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त होनी तय थी, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने निचली अदालत के फैसले पर रोक के लिए ऊपरी अदालत का रुख क्यों नहीं किया, जबकि पवन खेड़ा के मामले में असम पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार किये जाने के कुछ ही घंटों के भीतर ऐसा किया गया था.

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में यह सवाल भी उठाया कि राहुल गांधी को ‘निपटाने’ के लिए कांग्रेस में सुनियोजित षड़यंत्र किसने रची, इसका पता लगाने के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को इसकी जड़ तक जाना होगा.

भाजपा नेताओं ने गांधी को दोषी ठहराने के अदालत के फैसले की आलोचना करने को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ‘सामंती मानसिकता’ और ‘अपने पास विशेषाधिकार होने की भावना’ से ग्रस्त है, क्योंकि इसके सदस्य अपने लिए अलग कानूनों और लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करते हैं. प्रधान ने कहा, ‘‘कानून सभी के लिए बराबर है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘मोदी उपनाम’ वालों को ‘चोर’ कहकर गांधी ने पिछड़ी जातियों को ‘‘गाली’’ देने का काम किया है.

ठाकुर ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सजा के बाद सांसद के रूप में राहुल गांधी की छुट्टी होनी थी, यह स्पष्ट था.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह सुनियोजित षड्यंत्र, सोची समझी साजिश… कांग्रेस में किसने रची, राहुल जी आपको यह समझना पड़ेगा…इसकी जड़ तक जाना ही पड़ेगा.’’ उन्होंने सवाल किया कि (कांग्रेस में) कौन हैं, जो उनसे ‘छुटकारा’ पाना चाहते थे?

ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के पास तो कानून के जानकार वकीलों की फौज है, नामी गिरामी वकील हैं, जो लोकसभा में भी हैं और राज्यसभा में भी. उन्होंने पूछा, ‘‘क्या एक भी सही राय देने वाला कांग्रेस में नहीं बचा या मिला अथवा उन्हें जानबूझकर गलत रास्ते पर डाला गया.’’

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपमानजक टिप्पणी के सिलसिले में पवन खेड़ा की गिरफ्तारी मामले का भी जिक्र किया और कहा कि इसी तरह राहुल गांधी के मामले में राहत के लिए अदालत जाने से कांग्रेस को किसने मना किया था.

ठाकुर ने कहा, ‘‘उन्होंने (गांधी ने) अपनी ही पार्टी का अध्यादेश फाड़कर फेंक दिया था और अपनी पार्टी को अपनी औकात दिखा दी थी कि कांग्रेस पार्टी की सोच को वह कुछ नहीं मानते. आज उसी पार्टी के अंदर किसने खेल खेल दिया, आज कांग्रेस नेता को पता नहीं चल पा रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी को निपटाने वाले कौन हैं? कांग्रेस के अंदर यह सोची समझी साजिश रचने वाले कौन हैं? अगर पवन खेड़ा के लिए चंद घंटों में वकील पहुंच सकते थे, तो श्रीमान् राहुल गांधी जी के लिए क्यों नहीं? एक बड़ा सवाल खड़ा होता है.’’

ज्ञात हो कि पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय का का रुख किया था. कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु ंिसघवी ने शीर्ष अदालत में इस बारे में एक याचिका दाखिल की थी. कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दी थी.

गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए प्रधान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है, खासकर उसका प्रमुख परिवार चाहता है कि उनके लिए एक अलग कानून और एक अलग न्यायपालिका हो. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह भूल गए हैं कि देश आजादी के 75वें साल में है और यहां प्रजातंत्र है. यहां कानून सबके लिए बराबर होता है.’’

राहुल गांधी को उनके कृत्य की सजा मिली है: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने के फैसले को अदालत के आदेश का परिणाम बताया और इसे उचित ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें उनके ‘‘कृत्य’’ की सजा मिली है. गांधी की सदस्यता समाप्त होने संबंधी अधिसूचना के सार्वजनिक होने के कुछ देर बाद ही संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘‘गाली देने में और आलोचना करने में अंतर होता है. राहुल गांधी गाली दे रहे थे. वह कोई लोकतांत्रिक बहस नहीं कर रहे थे. ओबीसी समाज को गाली देने का काम कर रहे थे… उन्हें इस कृत्य की सजा मिली है.’’

संवाददाता सम्मेलन के दौरान यादव के साथ केंद्रीय कानून व विधि राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल और भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी मौजूद थे. यादव ने कहा कि राहुल गांधी के मामले में पूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया और उन्हें अवसर भी दिया गया, ताकि वह अपना पक्ष रख सकें.

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब निर्णय आया, तो कांग्रेस के नेता न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे हैं…अपशब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार शासन चलता है.’’ केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सदस्यों को अयोग्य ठहराए जाने के संदर्भ में जो निर्णय दिया है, उसके अनुसार कार्रवाई हुई है. उन्होंने कहा कि ठीक उसी तरह जिस प्रकार अन्य जनप्रतिनिधियों के मामले में कार्रवाई हुई है.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अब भी मानना है कि ओबीसी समाज के अपमान पर… अपशब्द कहने पर, कांग्रेस को भी राहुल गांधी के साथ माफी मांगनी चाहिए.’’ ज्ञात हो कि सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया.

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा.
केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल ने अयोग्यता को ‘‘वैध’’ करार दिया और कहा कि कानून के समक्ष सभी समान हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भाजपा के एक विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

संसदीय कार्य मंत्री प्र‘‘ाद जोशी ने कहा कि यह फैसला कानूनी है और आरोप लगाया कि कांग्रेस न्यायपालिका पर सवाल उठा रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक कानूनी फैसला है और राजनीतिक दल द्वारा लिया गया फैसला नहीं. यह एक अदालत द्वारा लिया गया फैसला है. कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि वे किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.’’ कौशांबी से भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर ने कहा कि राहुल ने पूरे समुदाय का अपमान किया है और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘यह अदालत का फैसला है और जिस तरह से उन्होंने एक समुदाय को बदनाम किया, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए. यह अयोग्यता एक अच्छा संदेश है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.’’

‘कांग्रेसी युवराज’ राहुल गांधी अभी भी राजशाही सोच से बाहर नहीं निकलें : केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उप मुख्­यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दो वर्ष की सजा सुनाये जाने का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि ‘कांग्रेसी युवराज’ अभी भी राजशाही सोच से बाहर नहीं निकले हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के उत्तरप्रदेश मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में मौर्य ने कहा, ‘‘अदालत द्वारा सजा सुनाने के बावजूद जिस तरह से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेता उन अपमानजनक बातों को सही ठहरा रहे हैं, वह यह बताने के लिए काफी है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं की मंशा क्या है और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समाज के बारे में उनकी सोच क्या है.”

मौर्य ने आरोप लगाते हुए तंज किया, ”कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी अभी भी राजशाही सोच से बाहर नहीं निकले हैं.” स्वयं पिछड़ा वर्ग से संबंध रखने वाले उपमुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या ओबीसी के खिलाफ देश के एक बड़े नेता को ऐसा ंिनदनीय बयान शोभा देता है?

राहुल अयोग्य हो चुके हैं, लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहिए था: सुशील मोदी

राहुल गांधी के खिलाफ एक मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि कांग्रेस नेता को शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहिए था, क्योंकि सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराये जाते ही वह बतौर सांसद अयोग्य हो गये थे.

गांधी को ‘मोदी उपनाम’ को लेकर आपराधिक मानहानि के एक मामले में बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया गया था और दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई गयी थी. अदालत ने हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को तत्काल जमानत दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक रोक लगा दी थी, ताकि वह इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकें.

लोकसभा में वायनाड संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले गांधी ने शुक्रवार को कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया था. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जोरदार हंगामे के कारण एक घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी. संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘मेरा व्यक्तिगत मानना है कि उन्हें (गांधी को) संसद की कार्यवाही में आज हिस्सा नहीं लेना चाहिए था, क्योंकि वह अयोग्य हो चुके हैं.’’ मोदी ने कहा कि वह इस मामले में कानूनी विशेषज्ञों की राय के साथ हैं.

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