वंदे भारत एक्सप्रेस से गाय टकराई, दो दिन के अंदर ऐसी दूसरी घटना

वडोदरा/आणंद. गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस शुक्रवार को गुजरात के आणंद स्टेशन के पास एक गाय से टकरा गई, जिससे ट्रेन का अगला हिस्सा मामूली रूप से क्षतिग्रस्त हो गया. एक अधिकारी ने बताया कि हादसे के वक्त ट्रेन मुंबई जा रही थी. दो दिनों के अंदर इस तरह की यह दूसरी घटना है.

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) सुमित ठाकुर ने कहा कि घटना मुंबई से करीब 433 किलोमीटर दूर कंजरी और आणंद स्टेशन के बीच दोपहर तीन बजकर 49 मिनट पर हुई. उन्होंने बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं. ठाकुर ने कहा, ‘‘ट्रेन के अगले हिस्से को मामूली नुकसान पहुंचा है.’’ वरिष्ठ पीआरओ प्रदीप शर्मा ने कहा कि ट्रेन रुकने के दस मिनट के भीतर ही यात्रा फिर से शुरू हो गई. यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दुर्घटना में गाय बच पाई या नहीं. गांधीनगर-मुंबई सेंट्रल के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस बृहस्पतिवार को अहमदाबाद के निकट वाटवा में चार भैसों से टकरा गई थी. इसके चलते ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था. इस हादसे में भैंसों की जान चली गई.

शुक्रवार को हुई घटना में हालांकि ट्रेन के अगले हिस्से को मामूली नुकसान पहुंचा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज आणंद में एक कार्यक्रम में कहा कि इस तरह के हादसे अपरिहार्य हैं और 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन की डिजाइन तैयार करते समय इसका ध्यान रखा गया था.

मवेशियों की टक्कर को ध्यान में रखकर बनाई गई है ‘वंदे भारत’ की डिजाइन : रेल मंत्री वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को यहां कहा कि पटरियों पर जानवरों से टक्कर को टाला नहीं जा सकता और सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत की डिजाइन तैयार करते समय इसका ध्यान रखा गया है. गांधीनगर-मुंबई सेंट्रल के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस बृहस्पतिवार को अहमदाबाद के निकट वाटवा में चार भैसों से टकरा गई. इसके चलते ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था जिसे बाद में बदल दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मार्ग पर 30 सितंबर को ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया था.

वैष्णव ने यहां कहा, ‘‘ट्रेन का डिजाइन खास तरह से तैयार किया गया है और यह बेहद मजबूत है तथा अगर कोई दुर्घटना होती भी है तो ट्रेन को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. ट्रेन के अगले हिस्से को पूरी तरह से बदला जा सकता है. जैसी ही ट्रेन (बृहस्पतिवार को दुर्घटना के बाद) मुंबई पहुंची, इसे पूरी तरह से साफ कर दिया गया और उसके अगले हिस्से को बदल दिया गया.’’ मंत्री वल्लभ विद्यानगर में एक इंजीनियंिरग कॉलेज के छात्रों के साथ बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा, ट्रेन को ‘‘बहुत सोच समझकर’’ डिजाइन किया गया है.

मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में जमीन पर पटरियां बिछाई जाती हैं. आप जहां भी जाएंगे, जानवर उन्हें पार करेंगे. उन्हें कोई नहीं रोक सकता. जब तक हम अगले पांच-छह वर्षों में पटरियों को ऊंचा नहीं कर लेते, वे (जानवर) ट्रेनों के सामने आएंगे.’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ट्रेनें 120-130-160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी और टक्कर होना लाजमी है. यह सामान्य ज्ञान और डिजाइन का मामला है. इसलिए इसे इस तरह से डिजाइन करें कि जब भी ऐसी कोई घटना हो तो आप इसे सुधार सकें.’’ उन्होंने कहा कि ट्रेन को इसे ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन के अगले संस्करण की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. गांधीनगर-मुंबई मार्ग पर चलने वाले इसके नवीनतम संस्करण की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रतिघंटा है.

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