झील में डूबने से मारे गए भारतीय-अमेरिकी दंपति की बेटियां जल्द जाएंगी भारत

वाशिंगटन. जमी हुई झील में गिरने से मारे गए भारतीय-अमेरिकी दंपति की दो नाबालिग बेटियों को उनके परिवार के एक मित्र को सौंप दिया गया है और वे जल्द ही अपने संबंधियों के पास भारत जाएंगी. एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

एरिजोना में नारायण मुद्दन (49), गोकुल मेदिसेती (47) और हरिता मुद्दन की जमी हुई झील में गिरने से मौत हो गई थी. यह हादसा 26 दिसंबर को अपराह्न तीन बजकर 35 मिनट पर कोकोनीनो काउंटी में वुड्स घाटी झील में हुआ था. ये लोग क्रिसमस के एक दिन बाद बर्फ पर कुछ तस्वीरें लेना चाहते थे. शेरिफ कार्यालय ने बताया कि बर्फ पर तस्वीर लेने के दौरान, तीन व्यक्ति जमी हुई झील की सतह की बर्फ टूट कर धंस जाने से उसमें गिर गये.

अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने हरिता को बाहर निकाल लिया था, लेकिन वे उसे बचा नहीं पाए और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. तीनों के शव बरामद हो गए हैं. नारायण और हरिता की सात और 12 वर्ष की बेटियों का संरक्षण एरिजोना बाल सुरक्षा विभाग को सौंप दिया गया है.

‘एबीसी 15डॉट कॉम’ ने कोकोनिनो काउंटी शेरिफ के कार्यालय में कार्यरत जॉन पैक्सन के हवाले से कहा, ‘‘हम चाहते थे कि वे सुरक्षित महसूस करें. हमने उन्हें सर्दी से बचाने और उन्हें घटनास्थल से दूर रखने की कोशिश थी.’’ रिपोर्ट में कहा गया कि मुद्दन दंपति के पड़ोसी एवं निकट मित्र किशोर पिट्टाला बाल सुरक्षा विभाग से बच्चियों का संरक्षण लेने के लिए पहुंचे.

पिट्टाला ने ‘एबीसी15’ से कहा, ‘‘मैं उनके चेहरे देखकर बता सकता हूं, मैं जानता हूं कि वे उदास है, लेकिन फिलहाल ठीक हैं.’’ ‘एरिजोना तेलुगु एसोसिएशन’ के अध्यक्ष वेंकट कोमिनेनी ने कहा, ‘‘दोनों बच्चियां जल्द ही भारत के लिए उड़ान भरेंगी.’’ कोमिनेनी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि उनके संबंधी भारत में हैं और वे उनकी देखभाल करेंगे. भारतीय अमेरिकी समुदाय इस घटना के कारण शोक मना रहा है और त्रासदी से प्रभावित परिवारों को सहयोग देने के लिए एकजुट हो रहा है.

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