विपक्षी नेताओं के लिए ED-CBI, चोकसी के लिए इंटरपोल से रिहाई : खरगे

भाजपा की योजनाएं नौकरशाही से, जबकि कांग्रेस की योजनाएं जनता के बीच से निकली हैं : राहुल गांधी

नयी दिल्ली/वायनाड. कांग्रेस ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के ‘रेड नोटिस’ से हटाए जाने को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल होता है, लेकिन चोकसी को इंटरपोल से रिहाई दिलवाई जा रही है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘पहले लूटो और फिर बिन सजा छूटो’ , यही इस सरकार का मॉडल बन गया है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘विपक्ष को ईडी-सीबीआई, मित्र को रिहाई! ‘मोडानी मॉडल’ मतलब पहले लूटो, फिर बिन सजÞा के छूटो.’’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कर दावा किया, ‘‘विपक्षी नेताओं के लिए ईडी-सीबीआई, पर (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी के “हमारे मेहुल भाई” के लिए इंटरपोल से रिहाई ! जब “परम मित्र” के लिए कर सकते हैं संसद ठप्प, तो “पुराना मित्र” जिसको किया था 5 साल पहले फÞरार, भला उसकी मदद से कैसे करें इंकार? डूबे देश के हजारों-करोड़, “न खाने दूंगा” बना जुमला बेजोड़ !’’

उल्लेखनीय है कि पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के ‘रेड नोटिस’ से हटा दिया गया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, फ्रांस के लियोन शहर स्थित इंटरपोल के मुख्यालय में चोकसी द्वारा दायर याचिका के आधार पर यह कदम उठाया गया है.

अडाणी को बचाने के लिए प्रधानमंत्री के इशारे पर खड़ी हुई ‘जयचंदों की फौज’

कांग्रेस ने राहुल गांधी पर भारतीय जनता पार्टी के हमले को लेकर पलटवार करते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि उद्योगपति गौतम अडाणी को बचाने के लिए ‘जयचंदों की फौज’ खड़ी हो गई है और यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इशारे पर हो रहा है. पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि ‘शाह और शहंशाह’ को समझ लेना चाहिए कि वह दोनों लोकतंत्र के किरायेदार हैं, मकान मालिक नहीं हैं.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बात शाह और शहंशाह दोनों जानते हैं कि राहुल गांधी माफी नहीं मांगेंगे…आप दोनों लोकतंत्र के किरायेदार हैं, मकान मालिक नहीं हैं. आप अपने आप को किरायेदार मानकर चलिए, मकान मालिक बनने की कोशिश मत करिये.’’ खेड़ा ने दावा किया कि यह सब ड्रामा हो रहा है क्योंकि राहुल गांधी प्रधानमंत्री के मित्र के कारनामों पर जवाब मांग रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हम फिर जानना चाहते हैं कि आप जेपीसी का गठन क्यों नहीं करते? लोकतंत्र के जयचंद बनना है तो बनिए. अगर आप इस तरह से अपने देश को नहीं, दोस्त को तवज्जो देंगे तो आपको इतिहास में जयचंद कहा जाएगा.’’ कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘जयचंदों की एक पूरी फÞौज बनायी गई है. इसका काम अडाणी के मुद्दे से ध्यान हटाना और राहुल गांधी के ख़लिाफÞ स्तरहीन भाषा बोलना है. माफीवीर, जिन्होंने आजÞादी के आंदोलन में एक नाखून नहीं कटाया, वे राहुल गांधी को लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे हैं!’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘कांग्रेस गंदगी का जवाब गंदगी से नहीं दे सकती. जिनको कॉमेडी शो में होना चाहिए वह भाजपा के प्रवक्ता बने हुए हैं. यह सब प्रधानमंत्री के इशारे पर हो रहा है ताकि अडाणी को बचाया जा सके.’’

भाजपा की योजनाएं नौकरशाही से, जबकि कांग्रेस की योजनाएं जनता के बीच से निकली हैं : राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जनता के बीच से निकले, जबकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की योजनाएं नौकरशाहों द्वारा तैयार की गईं हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के ‘‘केंद्रीकृत’’ शासन की आलोचना करते हुए इसकी तुलना पूर्ववर्ती संप्रग सरकारों के शासनकाल से की.

मनरेगा योजना का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि संप्रग शासन के दौरान जनता से मिली जानकारी के आधार पर योजनाओं को तैयार किया गया था. कलपेट्टा में यहां के स्थानीय निकायों के यूडीएफ प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने दावा किया कि वर्तमान सरकार का नोटबंदी का निर्णय प्रधानमंत्री मोदी का था और इसे लोगों या बैंंिकग प्रणाली से परामर्श किए बिना लागू किया गया था.

एक प्रतिभागी के सवाल का जवाब देते हुए गांधी ने कहा, ‘‘मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं. बहुत सारी योजनाएं केंद्रीकृत तरीके से बनायी जाती हैं और वे वास्तव में प्रभावी नहीं होती हैं, क्योंकि योजना बनाने में पंचायत की भागीदारी नहीं होती है.’’ वायनाड से सांसद गांधी ने कहा, ‘‘यदि आप कांग्रेस पार्टी की मनरेगा जैसी योजनाओं को देखें और उनकी तुलना भाजपा की योजनाओं से करें, तो आप पाएंगे कि कांग्रेस की योजनाएं लोगों व पंचायतों के बीच से निकली हैं, जबकि भाजपा की योजनाएं नौकरशाहों द्वारा तैयार की गईं हैं.’’ इसके बाद गांधी ने मनरेगा योजना की शुरुआत के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे यह विचार महाराष्ट्र के एक जिले से उभरा और बाद में इसे एक राष्ट्रीय योजना के रूप में स्वीकार किया गया और देश के शेष हिस्सों में इसका विस्तार किया गया.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मनरेगा भारत के लोगों के बीच से उभरा. लोगों ने काम की मांग की और सरकार ने उस विचार पर प्रतिक्रिया दी. कई अलग-अलग हितधारकों से बात करने के बाद इस योजना को विकसित होने में कई साल लग गए.’’ प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा, ‘‘जब कोविड काल आया, तो उन्हीं प्रधानमंत्री को मनरेगा का विस्तार करने पर मजबूर होना पड़ा, जो मनरेगा का मजाक उड़ा रहे थे.’’

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