उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान ने प्रदर्शन के दौरान की आत्मदाह की कोशिश

मुजफ्फरनगर/गाजियाबाद/मेरठ. मुजफ्फरनगर जिले में धरना स्थल के पास बुधवार को एक किसान ने कथित तौर पर खुद को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया. हालांकि, साथी आंदोलनकारियों ने समय रहते आग बुझा दी और उसे मुजफ्फरनगर के एक अस्पताल में ले जाया गया.

अस्पताल पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने बताया कि आंदोलनकारी का चेहरा मामूली रूप से झुलस गया है और उन्हें तुरंत चिकित्सा उपलब्ध करायी गयी है. कश्यप ने कहा कि उन्हें बताया गया कि किसान की ऋण संबंधी समस्या है जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष योगेश शर्मा ने बताया कि किसान बृजपाल ने अपनी समस्या का कोई समाधान न होने के कारण आत्महत्या का प्रयास किया है. बैंक से कर्ज न मिलने के बावजूद वह पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) बैंक से कर्ज का नोटिस मिलने से परेशान था. बृजपाल जिले के गांव जीतपुर गढ़ी के रहने वाले है.

मुजफ्फरनगर से मिली खबर के अनुसार भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता नरेश टिकैत ने समर्थकों से अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए 26 और 27 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने का आह्वान किया है. नरेश टिकैत ने हरियाणा और पंजाब में किसानों पर हो रहे ‘अत्याचार’ की निंदा की. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार किसानों के मुद्दों की अनदेखी कर रही है.

उन्होंने कहा कि किसान सरकार के साथ टकराव नहीं चाहते हैं लेकिन सरकार को उनकी मांगों पर विचार करना चाहिए. वह जिलाधिकारी कार्यालय में किसानों को संबोधित कर रहे थे. धरने में शामिल होने के लिए जिले के विभिन्न हिस्सों से किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे.

सैकड़ों किसानों ने जिलाधिकारी पर धरना दिया, बाद में भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, पुलिस मामलों को वापस लेने, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, गन्ना मूल्य की मांग कर रहे हैं.

गाजियाबाद की एक खबर में कहा गया है कि भाकियू नेता राकेश टिकैत के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के आह्वान के बाद, भाकियू से जुड़े किसानों ने जिला अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह के नेतृत्व में दिन के दौरान यहां धरना दिया. सभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि सरकार उनकी फसलों के लिए एमएसपी की मांग पर ध्यान नहीं दे रही है और किसान लंबे समय से धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.

सहायक पुलिस आयुक्त (कविनगर) अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के भीतर और बाहर पर्याप्त बल तैनात किया गया है. मेरठ से मिली खबर के अनुसार भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्­ट्रीय प्रवक्­ता राकेश टिकैत ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्­ली जा रहे किसानों को रोके जाने पर बुधवार को कहा कि अगर वे (सरकार) किसानों को दिल्ली नहीं आने दे रहे हैं तो चुनाव में किसान भी उन्हें गांव में नहीं आने देंगे.

एमएसपी की कानूनी गारंटी, बकाया गन्ना मूल्­य के भुगतान, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने समेत विभिन्­न मांगों को लेकर मेरठ में भाकियू की ओर से जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया. टिकैत स्वयं ट्रैक्टर चलाते हुए किसानों के साथ कचहरी पहुंचे. इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए कई जगह अवरोधक भी लगाये थे, मगर किसान उन्हें जबरन रास्ते से हटाते हुए आगे बढ़ गए.

टिकैत ने सरकार द्वारा दिल्­ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए रास्­ते में कीलें बिछवाये जाने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, ”रास्ते में कीलें बिछाना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है. वे अगर हमारे लिए कील लगाएंगे तो हम भी अपने गांव में कील लगा देंगे. हमें भी अपने गांव की बैरिकेडिंग करनी होगी.”

टिकैत ने यह भी कहा, ”अगर वे दिल्ली नहीं आने दे रहे हैं तो चुनाव में हम भी उनको गांव नहीं आने देंगे. आंदोलन को कुचलने का काम करेंगे तो उन्हें गांव में कौन आने देगा? कील तो गांव में भी है.” भाकियू प्रवक्­ता ने भाजपा सरकार को उद्योगपतियों की सरकार बताते हुए कहा कि अगर यह किसानों की सरकार होती तो एमएसपी की गारंटी देने का कानून कब का बन चुका होता.

जब उनसे पूछा गया कि आप दिल्­ली जा रहे किसानों के आंदोलन में क्यों शामिल नहीं हुए तो उन्होंने कहा, ”हमारे लिए यही दिल्ली है. किसान आंदोलन के समर्थन में पूरे देश का किसान एकजुट है. हम किसानों के लिए दिल्ली तो क्या कहीं भी जाने को तैयार हैं.” टिकैत ने कहा कि आज भाकियू की तरफ से एमएसपी के साथ ही गन्ना मूल्य वृद्धि और स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किए जाने की मांग को लेकर मेरठ समेत देशभर से ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे.

उन्­होंने कहा कि सरकार ने अगर किसानों की मांगे नहीं मानी तो देशभर में आंदोलन होगा. किसान एकजुट होकर आंदोलन के लिए तैयार रहे. भाकियू नेता ने बताया कि बृहस्पतिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.
भाकियू के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ने आज किसानो को जिला मुख्यालय तक रोकने के लिए तीन स्­थानों पर अवरोधक लगाए थे लेकिन वे किसानों को जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचने से नहीं रोक सकें.

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