रामचरित मानस के पन्नों की प्रतियां जलाने के मामले में मौर्य व विधायक वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी

प्रतापगढ़. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अखिल भारतीय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महासभा द्वारा रामचरितमानस के कथित तौर पर ‘‘महिलाओं और दलितों’’ संबंधी आपत्तिजनक टिप्पणी वाले पन्नों की प्रतियां जलाने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव स्­वामी प्रसाद मौर्य एवं रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के सपा विधायक डॉक्टर आर के वर्मा व अन्­य अज्ञात लोगों के खिलाफ यहां बुधवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सतपाल अंतिल ने बुधवार को बताया कि संतोष कुमार मिश्रा की तहरीर के आधार पर प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय के नगर कोतवाली में यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है. तहरीर में आरोप लगाया गया है कि मौर्य व वर्मा ने ‘‘समस्त हिन्दू समाज के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ श्रीरामचरित मानस का अपमान किया और कुछ अन्य नेतागण ने उसके पन्­नों की प्रतियां जलायीं.’’ संतोष मिश्रा ने कहा कि वर्मा ने मौर्य के विवादित बयान और लखनऊ में श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाए जाने का समर्थन किया है, जिसके कारण यह प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

पुलिस ने तहरीर के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153, 295, 298 और 505 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
उल्लेखनीय है कि लखनऊ के पीजीआई थाने में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा द्वारा रामचरितमानस के पन्नों की प्रतियां जलाने के मामले में मौर्य समेत 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी थी.

मौर्य ने हाल ही में यह आरोप लगाकर एक विवाद खड़ा कर दिया कि रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों में जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का “अपमान” किया गया है. उन्होंने मांग की कि इन पर “प्रतिबंध” लगाया जाए. मौर्य प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. मगर 2022 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उन्होंने इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था. उन्होंने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. बाद में सपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया और पिछले दिनों मौर्य को सपा में राष्­ट्रीय महासचिव का दायित्व सौंपा गया.

Related Articles

Back to top button