रामचरितमानस पर टिप्पणी को लेकर ग्वालियर में मौर्य, अन्य के खिलाफ प्राथमिकी

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ंिहदू महासभा की शिकायत पर ‘रामचरितमानस’ को लेकर टिप्पणी करने के आरोप में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मौर्य के अलावा प्राथमिकी में आठ अन्य लोगों के नाम भी दर्ज किए गए हैं।

प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, मौर्य और अन्य के खिलाफ बृहस्पतिवार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के प्रतिकूल कार्य करना) और 295 (किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित सांघी ने कहा, ‘‘ंिहदू महासभा के आवेदन पर यह मामला (मौर्य के खिलाफ) कानूनी कार्रवाई के लिए अपराध शाखा को सौंपा गया है।’’ ंिहदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री ने रामचरितमानस का अपमान किया है। अगर महाशिवरात्रि (18 फरवरी) तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो 19 फरवरी को ऋषिकेश में संगठन की बैठक के बाद इस मुद्दे पर आंदोलन तेज किया जाएगा।’’

वहीं, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मौर्य का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए ‘ओबीसी महासभा’ उनके समर्थन में सामने आई है। ‘ओबीसी महासभा’ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य धर्मेंद्र ंिसह कुशवाहा ने कहा, ‘‘अगर मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो उनका संगठन सड़कों से लेकर संसद तक आंदोलन करेगा।’’ मौर्य ने हाल में रामचरितमानस के कुछ छंदों पर जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाते हुए विवाद खड़ा कर दिया और इन पर ‘‘प्रतिबंध’’ लगाने की मांग की।

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