गृह मंत्री अमित शाह ने सिख अलगाववादियों को निशाना बनाकर अभियान चलाने का आदेश दिया : कनाडा के मंत्री
ओटावा. कनाडा के एक मंत्री ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने कनाडा में रह रहे सिख अलगाववादियों को निशाना बनाकर हिंसा करने, धमकाने और खुफिया जानकारी जुटाने का अभियान चलाने का आदेश दिया है.
उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सदस्य सांसदों को बताया कि उन्होंने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ से शाह के नाम की पुष्टि की है, जिसने सबसे पहले इन आरोपों की खबर दी थी.
शाह का जिक्र करते हुए मॉरिसन ने समिति को बताया, ”पत्रकार ने मुझे फोन करके पूछा कि क्या यह वही व्यक्ति हैं. मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति हैं.” हालांकि, मॉरिसन ने यह नहीं बताया कि कनाडा को शाह के कथित तौर पर शामिल होने के बारे में कैसे पता चला.
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक साल पहले दावा किया था कि कनाडा के पास विश्वसनीय सबूत हैं कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडाई सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे. कनाडाई अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ इस बात के सबूत साझा किए हैं.
भारत सरकार के अधिकारियों ने निज्जर मामले में कनाडा द्वारा सबूत दिए जाने से इनकार किया है और आरोपों को बेतुका बताया है. ओटावा में भारत के दूतावास ने शाह के खिलाफ आरोपों पर टिप्पणी के लिए भेजे गए संदेशों का तुरंत जवाब नहीं दिया. ट्रूडो की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नथाली ड्रोइन ने मंगलवार को समिति को बताया कि कनाडा के पास इस बात के सबूत हैं कि भारत सरकार ने सबसे पहले ‘राजनयिक चैनल और प्रॉक्सी’ के माध्यम से कनाडा में भारतीय नागरिकों और कनाडाई नागरिकों के बारे में जानकारी एकत्र की.
उन्होंने कहा कि इसके बाद यह जानकारी नयी दिल्ली की सरकार को दी गई, जिसने कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े एक आपराधिक नेटवर्क के साथ मिलकर काम किया. बिश्नोई वर्तमान में भारत की जेल में है. हालांकि, ड्रोइन ने आरोप लगाया कि बिश्नोई का विशाल आपराधिक नेटवर्क कनाडा में हत्या, हत्या की साजिश और अन्य हिंसक अपराधों को अंजाम देने से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ काम करने के प्रयास जारी हैं.
ड्रोइन ने कहा कि दो दिन पहले सिंगापुर में, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक हुई थी. उन्होंने कहा कि जब यह स्पष्ट हो गया कि भारत सरकार प्रस्तावित जवाबदेही उपायों पर कनाडा के साथ सहयोग नहीं करेगी, तो इसे सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया. इसमें भारत से ओटावा में उच्चायुक्त सहित हितधारकों के लिए राजनयिक छूट से माफी के लिए कहना शामिल था. ड्रोइन ने कहा कि ऐसा होने की संभावना नहीं दिखती.