सावरकर की जयंती पर संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्र निर्माताओं का अपमान: कांग्रेस

नयी दिल्ली. विपक्ष के कई नेताओं ने विनायक दामोदर सावरकर की जयंती के दिन 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने के फैसले को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस ने इसे राष्ट्र निर्माताओं का अपमान करार दिया. कुछ विपक्षी नेताओं ने यह सवाल भी खड़ा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद के नए भवन का उद्घाटन क्यों करेंगे, जबकि वह विधायिका के नहीं, बल्कि कार्यपालिका के प्रमुख हैं.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ”हमारे सभी राष्ट्र निर्माताओं का अपमान. गांधी, नेहरू, पटेल, बोस आदि को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है. डॉक्टर आंबेडकर का भी तिरस्कार है.” उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय के एक ट्वीट को रि-ट्वीट करते हुए यह आरोप लगाया.

रॉय ने ट्वीट में कहा, ”संसदीय लोकतंत्र को भारतीय संविधान भेंट किए जाने को इस साल 26 नवंबर को 74 वर्ष हो जाएंगे. इस दिन संसद भवन का उद्घाटन किया जाना उचित रहता. परंतु 28 मई को सावरकर की जयंती है -यह कितना प्रासंगिक है?” राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा, ”क्या ऐसा नहीं होना चाहिए था कि राष्ट्रपति महोदया संसद के नए भवन का उद्घाटन करतीं… जय हिंद.” ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री संसद के नए भवन का उद्घाटन क्यों करेंगे?

उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री विधायिका के नहीं, कार्यपालिका के प्रमुख हैं. लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति उद्घाटन कर सकते थे. प्रधानमंत्री ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं कि उनके ‘मित्रों’ ने इसे अपने निजी कोष से इसे प्रायोजित किया है?” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करेंगे.

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