राजस्थान सरकार की कमजोर पैरवी के कारण जयपुर बम धमाकों के आरोपी बरी हुए: अरुण सिंह

जयपुर बम धमाका मामले में बरी किए गए आरोपियों की अभी रिहाई नहीं

जयपुर. भारतीय जनता पार्टी ने जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में चार आरोपियों को उच्­च न्­यायालय द्वारा बरी किए जाने को लेकर शुक्रवार को राज्­य सरकार पर न­शिाना साधा. पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान सरकार की ओर से कमजोर पैरवी करने के कारण इस मामले में आरोपी बरी हो गए.

यहां पार्टी के प्रदेश मुख्­यालय में उन्­होंने मीडिया से कहा कि इन विस्­फोटों में 71 लोगों की जान गई और सैकड़ों लोग घायल हुए, लेकिन राजस्थान सरकार न्यायालय में ढंग से इस पूरे मामले में पैरवी नहीं कर पाई.

उन्­होंने कहा,‘‘पिछले चार सालों से सरकार का रवैया तुष्टिकरण की नीति का रहा है.’’ राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को इस मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन चार आरोपियों को बरी कर दिया जिन्­हें व­शिेष अदालत ने वर्ष 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी. उच्­च न्­यायालय ने इसके साथ ही ‘खराब’ जांच के लिए भी जांच एजेंसी को फटकार लगाई. भाजपा नेता ने कहा कि राज्­य सरकार के इस असंवेदनशील रवैये के प्रति जयपुर शहर भाजपा एक अप्रैल को बड़ी चौपड़ पर प्रदर्शन करेगी.

जयपुर बम धमाका मामले में बरी किए गए आरोपियों की अभी रिहाई नहीं

जयपुर सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा बरी क­एि गए चारों आरोपियों को अभी जेल से र­हिा नहीं किया गया है क्­योंकि इनके खिलाफ एक और मामला अभी यहां की विशेष अदालत में लंबित है. यहां की एक विशेष अदालत में चल रहा यह मामला धमाकों के बाद बरामद बिना फटे बम से जुड़ा है.

राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को इस मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन चार आरोपियों को बरी कर दिया जिन्हें व­शिेष अदालत ने 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी. उच्­च न्­यायालय ने इसके साथ ही ‘खराब’ जांच के लिए भी जांच एजेंसी को फटकार लगाई. बचाव पक्ष के वकील एसएस अली ने कहा कि पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था जिनमें से चार को उच्­च न्­यायालय ने, जबकि एक को सुनवाई अदालत ने 2019 में बरी कर दिया था.

उन्होंने कहा कि आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को बुधवार को उच्­च न्­यायालय ने बरी किया थो जो इस समय जयपुर जेल में बंद हैं. वहीं, पांचवां आरोपी शाहबाज हुसैन अभी जमानत पर है. अली ने कहा, “चारों की जमानत अर्जी सोमवार को निचली अदालत में दायर की जाएगी.” इन चारों के खिलाफ भादंसं की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 124-ए (राजद्रोह), 120-बी (आपराधिक साजिश), विस्फोटक अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.

राजस्थान की विशेष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को इस मामले में आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी माना जबकि शाहबाज हुसैन को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया. राज्य सरकार ने शाहबाज हुसैन को बरी किए जाने के फैसले को उच्­च न्­यायालय में चुनौती दी थी. वहीं, चारों ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी.
न्यायमूर्ति पंकज भंडारी और न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने बुधवार को चारों को बरी करने का फैसला सुनाया. अदालत ने अपने आदेश में निचली अदालत द्वारा पांचवें व्यक्ति शाहबाज हुसैन को बरी करने की भी पुष्टि की.

राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को सिलसिलेवार आठ बम धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक लोग घायल हुए थे. इन आठ बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला दिया था. पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर हुआ था. इसके बाद बड़ी चौपड़, जोहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे. बम साइकिल पर टिफिन बॉक्स में रखे गए थे.

रामचंद्र मंदिर के पास से एक ंिजदा बम बरामद किया गया, जिसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया. फिलहाल जो मामला चल रहा है वह इसी से जुड़ा है. अतिरिक्त राजकीय अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार से मंजूरी के बाद उच्चतम न्यायालय में याचिका (एसएलपी) दायर की जाएगी.

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