झारखंड: गांव से 50 परिवारों को निकालने के मामले में झामुमो ने कहा, निकाला जा रहा है समाधान

मेदिनीनगर. झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने शुक्रवार को कहा कि पलामू जिले में भीड़ द्वारा 50 दलित परिवारों पर कथित रूप से हमला करने और उन्हें एक गांव से निकालने के मसले का सौहार्दपूर्ण तरीके से हल किया जा रहा है. आरोप है कि प्रशासन ने इन 50 परिवारों के प्रति उदासीन रवैया अपना रखा है.

झामुमो के मुख्य प्रवक्ता सुप्रिय भट्टाचार्य ने कहा कि परिवारों के पुनर्वास के लिए जमीन मुहैया कराई जाएगी. दिन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रमुख दीपक प्रकाश ने हेमंत सोरेन सरकार को ‘दलित विरोधी’ बताते हुए कहा कि हमला करने और जबरन गांव से निकालने की घटना साफ तौर पर एक समुदाय की ‘दबंगई’ दिखाती है. ग्राम प्रधान इसरार अंसारी की अगुवाई वाली भीड़ ने इस हफ्ते के शुरू में पांडु थाना क्षेत्र के मुरुमातू गांव में मुसहर समुदाय के 50 परिवारों पर कथित रूप से हमला किया था और उन्हें गांव से निकाल दिया था.

इन परिवारों को अस्थायी रूप से एक इमारत में रखा गया है. इस इमारत में पहले थाना हुआ करता था. गांव में दशकों से रह रहे कुछ प्रभावित परिवारों ने दावा किया है कि उनके बच्चों को भीड़ ने अगवा कर लिया था और छतरपुर थाना क्षेत्र के लोटो जंगल में उन्हें छोड़ दिया. इस बाबत अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिनमें से दो को शुक्रवार को पकड़ा गया.

भाजपा सांसद आदित्य साहू के साथ प्रभावित परिवारों से मुलाकात करने वाले प्रकाश ने दावा किया कि गांव से ‘निकाले’ गए परिवारों के घरों को तोड़ दिया गया है और इस प्रक्रिया में, एक “शिवंिलग को भी ध्वस्त कर दिया गया.’’ साहू ने कहा कि यह घटना जिला प्रशासन के “निष्क्रिय रवैये” को दिखाती है.

सांसद ने दावा किया, ‘‘स्थानीय प्रशासन अब जागा है और इन परिवारों के आधार दस्तावेज तैयार कर रहा है, लेकिन इनके रहने की जगह बदल दी गई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सोरेन सरकार अपने वोट बैंक को बरकरार रखने के लिए तुष्टीकरण की नीति अपना रही है, लेकिन भाजपा इस तरह के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगी.’’ झामुमो प्रवक्ता ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अस्थायी आवास बनाने के लिए प्रत्येक परिवार को भूमि और 25,000 रुपये नकद दिए जा रहे हैं.

भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि झामुमो समाज के कमजोर वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और “इस मसले को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जा रहा है.’’ सरकार को दलित विरोधी बताए जाने पर उन्होंने कहा ‘‘ झामुमो सरकार को भाजपा से किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है.’’ घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा ‘‘जैसे ही पलामू प्रशासन को इस बारे में पता चला तो मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई और बाद में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. कानून अपना काम करेगा.’’

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