अधिकारियों से दुर्व्यवहार के बजाय बातचीत के ‘शीला दीक्षित मॉडल’ का पालन करें केजरीवाल: माकन

सेवा विवाद: समर्थन मांगने के लिए इस सप्ताह ममता, पवार, उद्धव ठाकरे से मिलेंगे केजरीवाल

नयी दिल्ली/लखनऊ. कांग्रेस के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने रविवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अधिकारियों से ”दुर्व्यवहार” करने के बजाय सम्मानपूर्वक बातचीत करने और उन्हें शहर के विकास के लिए काम को लेकर प्रेरित करने के ”शीला दीक्षित मॉडल” का पालन करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अधिकारियों को तलब करने और उनके खिलाफ कथित रूप से कठोर शब्दों का इस्तेमाल करने की केजरीवाल की पिछली कार्रवाइयों से शहर में समस्याएं बढ.ी हैं. माकन ने यह सलाह ऐसे समय में दी है जब शहर की नौकरशाही पर नियंत्रण को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद जारी है.

दो हजार के दशक की शुरुआत में दिल्ली में शीला दीक्षित सरकार में परिवहन, बिजली और पर्यटन मंत्री के रूप में काम करने के अपने अनुभव साझा करते हुए माकन ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के हित में काम करने के लिए नौकरशाही के साथ मिलकर काम किया था. उस समय केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार थी.

केजरीवाल के समर्थन में अखिलेश बोले, यह अध्यादेश के नाम पर जनादेश की है हत्या

केंद्र सरकार द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) तथा अन्य सेवाओं के अधिकारियों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सेवा प्राधिकरण बनाने संबंधी अध्यादेश जारी किये जाने के बाद अखिलेश यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया और कहा कि यह अध्यादेश के नाम पर जनादेश की हत्या है.

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट किया,”दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है. ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी.” उन्होंने इसी ट्वीट में कहा, ”भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीट पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है. यह अध्यादेश के नाम पर जनादेश की हत्या है.” गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आईएएस और दिल्ली, अंडमान निकोबार दीप समूह, लक्षद्वीप, दादर नगर हवेली और दमन दीव प्रशासनिक सेवा कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए शुक्रवार को अध्यादेश जारी किया.

यह कदम उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित सेवाओं को छोड़कर बाकी सेवाओं का नियंत्रण सौंपने के एक सप्ताह बाद उठाया गया है. इसी बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल से रविवार को उनके आवास पर मुलाकात की और प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र से जारी खींचतान के बीच उन्हें ‘पूरा समर्थन’ दिया.

कुमार के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव भी थे. राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष के रूप में शामिल होंगे, जबकि मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (गृह) प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे.

सेवा विवाद: समर्थन मांगने के लिए इस सप्ताह ममता, पवार, उद्धव ठाकरे से मिलेंगे केजरीवाल

प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ गतिरोध के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इस सप्ताह तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा के प्रमुखों से मुलाकात कर उनका समर्थन मांगेंगे. केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे.

आम आदमी पार्टी (आप) के सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल बुधवार को मुंबई में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे तथा 25 मई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगे. इससे पहले दिन में, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केजरीवाल से यहां उनके आवास पर मुलाकात की और संबंधित मुद्दे पर उन्हें पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया.

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में जद (यू) नेता कुमार ने कहा कि वह अन्य विपक्षी दलों से भी इस मामले में केजरीवाल के समर्थन में आने का आग्रह करेंगे. केंद्र ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के स्थानांतरण तथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के वास्ते शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया.

पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि मामलों को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली की निर्वाचित सरकार को देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के एक सप्ताह बाद केंद्र का अध्यादेश आया. अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना होता है. इसे संसद के दोनों सदनों में पारित कराने के लिए केंद्र को एक विधेयक लाना होगा. केजरीवाल ने कहा कि अगर विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो पाता है, तो यह संदेश जाएगा कि भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव हार जाएगी.

आप के राष्ट्रीय संयोजक ने संवाददाताओं से कहा, “यह 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल होगा.” केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि वह सभी विपक्षी दलों के प्रमुखों से इस मामले में उनका समर्थन लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे, ताकि अध्यादेश की जगह केंद्र द्वारा लाया जाने वाला कोई भी विधेयक राज्यसभा में पारित न हो पाए.

उन्होंने कहा, “परसों (मंगलवार) मेरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अपराह्न तीन बजे कोलकाता में बैठक है. उसके बाद मैं हर पार्टी के अध्यक्ष से मिलूंगा और राज्यसभा में विधेयक आने पर उसे विफल करने के लिए उनका औपचारिक समर्थन मांगूंगा.” केजरीवाल ने कहा, “मैंने नीतीश कुमार जी से भी इस संबंध में सभी (विपक्षी) दलों से बात करने का अनुरोध किया है.” भाषा

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