शासन के महत्वपूर्ण अंग हैं कोटवार, पटेल और होमगार्ड: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने आज प्रदेश भर से आए कोटवार, होमगार्ड के जवान और ग्राम पटेलों स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्ष-सदस्यों ने खुलकर अपने दिल की बात रखी और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने मुख्यमंत्री को गज माला पहनाकर उनका सम्मान किया. सभी ने कहा कि बघेल ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने हमारे तकलीफ को समझा और मानदेय बढ़ाकर हमें बड़ी सौगात दी है.

कार्यक्रम में गौठान संचालन समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने भी मानदेय मिलने की शुरुआत होने पर खुशी जताई और गोबर पेंट से बनी मुख्यमंत्री की पेंटिंग भेंटकर और खुमरी पहनाकर उनका आभार व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्वावलंबी गौठान संचालन समिति के अध्यक्ष-सदस्यों को 01 करोड़ 56 लाख रूपए की राशि और गोधन न्याय योजना के तहत गोबर 09 करोड़ 80 लाख रूपए की राशि अंतरित की, इसमें गोबर विक्रेताओं के लिए 3 करोड़ 80 लाख तथा गौठान समिति एवं स्व-सहायता समूहों के लिए 6 करोड़ रूपए शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जाए कि गांवों में निरंतर गोबर की खरीदी हो और गांवों में एकत्रित होने वाले गोबर में से 50 प्रतिशत गोबर की खरीदी हो, इससे हमारे पशुपालक समृद्ध होंगे और गोबर पेंट और बिजली बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में गोबर उपलब्ध हो. जिन गौठानों में प्रतिदिन 5 क्विंटल की खरीदी होगी, वहां पर उद्योगपतियों को गोबर से बिजली बनाने का संयंत्र लगाने की सुविधा मिल सकेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम शासन के महत्वपूर्ण अंग पटेल, कोटवार, होम गार्ड और गौठान समिति के अध्यक्ष-सदस्यों से भी रू-ब-रू हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनके बिना सुचारू रूप से प्रशासन के संचालन की कल्पना नहीं कर सकते हैं. अब एक नये संगठन के रूप में गौठान समिति की बड़ी भूमिका भी सामने आई है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोटवार, पटेल शासन के आंख और कान है. गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने में वे पुलिस और प्रशासन का सहयोग करते हैं. गांव और शासन-प्रशासन के मध्य एक कड़ी के रूप में कार्य करते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी, तो उस समय महसूस किया कि गांव में कृषि यंत्रों के उपयोग से लागत बढ़ रही थी, रकबा कम हो रहा था. पशुओं के अनियंत्रित चराई की समस्या से भी हमारे गांव जूझ रहे थे. तब हमने गौठान की संकल्पना की शुरूआत की, ताकि गांव में पशु एक-दूसरे के खेतों में प्रवेश न करें और उनका सदुपयोग हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए गांवों में उन्हीं भूमि का चयन किया गया, जो अविवादित थी. हमने पंचायतों में गौठान बनाना शुरू किया. आज 10 हजार से अधिक गौठान बन गए हैं, जिसमें 5 हजार से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं. इन गौठानों में गोबर खरीदी हो रही है. वर्मी कम्पोस्ट बन रहे है और साथ ही अन्य गतिविधियों के साथ यहां गोबर पेंट और बिजली बनाने के काम हो रहा है.

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि होमगार्ड के जवानों के लिए 6300 रूपए से बढ़ाकर 6420 रूपए प्रति माह वृद्धि की है. साथ ही कोटवार, पटेल के मानदेय में भी बढ़ोत्तरी की है. प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण की दृष्टि से भी शासन ने महत्वपूर्ण निर्णय लिये. अब राज्य में 33 जिले और 112 अनुविभाग और 233 तहसील हो गए हैं. इससे हम प्रशासनिक सुदृढ़ीकरण की ओर आगे बढ़ रहे हैं. साथ ही शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन भी तेजी से हो रहा है. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि हमने छत्तीसगढ की 98 प्रतिशत जनता को सम्मान करने के लिए 01 मई को बोरे-बासी दिवस मनाया. उन्होंने कहा कि हमने पटेल और कोटवारों को सम्मान दिया है और गांव के समितियों में पटेल को शामिल करने का निर्देश दिया गया है.

कार्यक्रम में विधायक सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा, महापौर एजाज ढेबर, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, पूर्व सांसद नंदकुमार साय, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद थे.

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