महर्षि वाल्मीकि ने श्रीराम के चरित्र का साक्षात्कार कराकर ऊर्जा का संचार किया : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने अपनी अमर रचना के माध्यम से देश और दुनिया को भगवान श्रीराम के पावन चरित्र से साक्षात्कार कराकर प्रत्येक नागरिक के मन में सकारात्मक ऊर्जा के भाव का संचार किया. सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है.
इसके मुताबिक मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को यहां परिवर्तन चौक पर स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम में आयोजित ‘आदि कवि मर्हिष वाल्मीकि जन्मोत्सव समारोह’ में प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा कि आज शरद पूर्णिमा का पावन पर्व है.
उन्होंने कहा कि मान्यता है कि आज चंद्रमा सबसे अधिक चमकीला दिखाई देता है और धरती के सबसे नजदीक होता है, इसका अपना आध्यात्मिक महत्व है.
योगी ने कहा कि ”इस धरा धाम पर चन्द्रमा जैसी शीतलता प्रदान कर हम सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की भक्ति के साथ सराबोर करने वाले त्रिकालदर्शी महर्षि वाल्मीकि की आज पावन जयंती है.’’ भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित महाकाव्य रामायण की रचना मर्हिष वाल्मीकि ने की थी. उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पावन चरित्र को जनता तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को जाता है, तो वह त्रेता युग में महर्षि वाल्मीकि को और कलयुग में संत तुलसीदास को है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान सर्वाधिक समय चित्रकूट में व्यतीत किया था. चित्रकूट के लालापुर में मर्हिष वाल्मीकि की पावन साधना स्थली तथा राजापुर में तुलसीदास जी की पावन जन्मभूमि स्थित है. प्रदेश सरकार द्वारा इन दोनों स्थलों का सुंदरीकरण करके पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है. लालापुर में पहाड़ी की चोटी पर रोपवे के निर्माण की कार्यवाही भी युद्ध स्तर पर की जा रही है.
इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने मर्हिष वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने रामचरितमानस की चौपाइयों को भी सुना. मुख्यमंत्री का मर्हिष वाल्मीकि का चित्र और पुष्प देकर स्वागत किया गया. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे.