कानून मंत्री रीजीजू की जगह मेघवाल बने विधि व न्याय मंत्री, बघेल को स्वास्थ्य राज्य मंत्री बनाया गया

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बृहस्पतिवार को चौंकाने वाले एक बदलाव के तहत किरेन रीजीजू को विधि एवं न्याय मंत्री के पद से हटाकर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का जिम्मा सौंप दिया गया. संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल अब देश के विधि व न्याय (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री बन गए हैं.

मेघवाल को स्वतंत्र प्रभार दिए जाने के बाद इस महत्वपूर्ण मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में काम कर रहे सत्य पाल (एसपी) ंिसह बघेल को हटाकर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री का जिम्मा सौंप दिया गया. संसद में राजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले मेघवाल ने इस घोषणा के कुछ ही देर बाद अपना कार्यभार संभाल लिया और कहा कि सभी को त्वरित न्याय दिलाना उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि सरकार और न्यायपालिका के बीच कोई टकराव नहीं है.

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच मधुर संबंध हैं और ये सौहार्दपूर्ण और संवैधानिक बने रहेंगे.’’ इस बीच, रीजीजू ने मेघवाल से मुलाकात की और नयी जिम्मेदारी के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं. रीजीजू जहां आदिवासी समुदाय से आते हैं वहीं मेघवाल दलित वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. मेघवाल संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री के रूप में भी काम कर रहे हैं. इस साल के आखिर में राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मेघवाल को नयी जिम्मेदारी दी गयी है.

न्यायिक नियुक्तियों को लेकर उच्चतम न्यायालय के साथ लगातार टकराव का सामना करने वाले रीजीजू सात जुलाई, 2021 को देश के कानून मंत्री बने थे. उन्होंने भारतीय जनता पाटी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद का स्थान लिया था. उस समय खेल मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री रीजीजू को पदोन्नत कर केंद्रीय मत्रिमंडल में शामिल किया गया था.

कानून मंत्री के तौर पर रीजीजू उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना करने में सरकार में सबसे मुखर रहे थे. उन्होंने इस प्रणाली को भारत के संविधान से ‘अलग’ बताया था और कहा था कि यह देश के लोगों द्वारा सर्मिथत नहीं है.

कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के ‘भारत विरोधी गिरोह’ का हिस्सा होने संबंधी उनकी हालिया टिप्पणी पर भी कड़ी प्रतिक्रिया हुई थी.
रीजीजू ने दावा किया था कि कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीश और कुछ कार्यकर्ता जो ‘भारत विरोधी गिरोह’ का हिस्सा हैं, वे कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय न्यायपालिका विपक्षी दल की भूमिका निभाए.

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा किया है. बयान में कहा गया है, ‘‘पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार किरेन रीजीजू को सौंपा गया है.’’ अभी, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र ंिसह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे. बयान के अनुसार, मेघवाल को उनके मौजूदा विभागों के अतिरिक्त कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है.

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक अन्य बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एस पी ंिसह बघेल को विधि व न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के स्थान पर स्वास्थ व परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री नियुक्त करने का निर्देश दिया है.

लोकसभा में उत्तर प्रदेश के आगरा संसदीय क्षेत्र (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) का प्रतिनिधित्व करने वाले बघेल को जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया था. इसके बाद उन्हें विधि एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बघेल को आगरा के तत्कालीन सांसद व दलित नेता रामशंकर कठेरिया का टिकट काटकर मैदान में उतारा गया था.

समाजवादी पार्टी से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले बघेल पांचवी बार सांसद हैं. इस बीच, रीजीजू ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री के रूप में कार्य करना उनके लिए ‘एक विशेषाधिकार और सम्मान’ की बात रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों, निचली न्यायपालिका और सभी कानून अधिकारियों को न्याय की सुगमता सुनिश्चित करने और हमारे नागरिकों के लिए कानूनी सेवाएं प्रदान करने में भारी समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं.’’ रीजीजू ने कहा, ‘‘मैं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए उसी उत्साह और जोश के साथ काम करने को तत्पर हूं, जिसे मैंने एक विनम्र कार्यकर्ता के रूप में आत्मसात किया है.’’ अचानक हुए इस बदलाव के बाद कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने रीजीजू पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘विफल मंत्री’ करार दिया.

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने ट्वीट किया, ‘‘विफल कानून मंत्री चले गये. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में वह क्या कर सकते हैं? उम्मीद है कि अर्जुन राम मेघवाल कानून मंत्री के रूप में गरिमापूर्ण तरीके से काम करेंगे.’’ पूर्व विधि एवं न्याय मंत्री कपिल सिब्बल ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘अब कानून नहीं, पृथ्वी विज्ञान मंत्री! कानूनों के पीछे का विज्ञान समझना सरल नहीं है. अब वह विज्ञान के कानूनों का सामना करेंगे. शुभकामना मेरे दोस्त.’’

उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना की नेता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने रीजीजू को कानून मंत्री पद से हटाकर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में भेजे जाने के संभावित कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि क्या महाराष्ट्र के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का हालिया फैसला तो वजह नहीं था? उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘क्या महाराष्ट्र पर आये फैसले से बात बिगड़ी?’’

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