भाजपा का मजबूती से मुकाबला कर रहे क्षेत्रीय दलों का सहयोग करें राष्ट्रीय पार्टियां : अखिलेश

लखनऊ. आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में शामिल समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय दलों को प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मजबूती से मुकाबला कर रहे क्षेत्रीय दलों का सहयोग करना चाहिए. यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर अपने ‘झूठे आंकड़ों’ को सही साबित करने के लिए एक विदेशी कंपनी को कथित तौर पर 200 करोड़ रुपये देने का आरोप भी लगाया.

अखिलेश ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त किए जाने के खिलाफ उनकी पार्टी द्वारा पूरे देश में सत्याग्रह किए जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा, ‘‘मैं बधाई देना चाहता हूं कि वह सत्याग्रह और रफ्तार से मनाएं.’’ उन्होंने एक अन्य सवाल पर राष्ट्रीय दलों को संदेश देते हुए कहा, ‘‘सवाल राहुल गांधी के साथ सहानुभूति का नहीं बल्कि इस बात का है कि देश का लोकतंत्र और संविधान बचेगा कि नहीं. हम किसी दल को सहानुभूति नहीं दे सकते, लेकिन यह कह सकते हैं कि प्रदेश में जो मजबूती से भाजपा का मुकाबला कर रहे हैं उन दलों का सहयोग और मदद उन राष्ट्रीय दलों को करना चाहिए.’’

सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उन राष्ट्रीय दलों को यह भूल जाना चाहिए कि क्षेत्रीय दल उनका कोई नुकसान कर रहे हैं. अगर कभी क्षेत्रीय दलों का नुकसान हुआ है तो दिल्ली की सरकारों ने हमेशा उनका नुकसान किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आज सीबीआई(केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो), ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और आयकर विभाग क्षेत्रीय दलों को निशाना बना रहे हैं. चाहे नेताजी (मुलायम सिंह यादव) हों, (राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख)लालू प्रसाद यादव जी हों, (तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे.)जयललिता रही हों, चाहे आज (तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ए के) स्टालिन हों, केसीआर (के चंद्रशेखर राव) हों, चाहे दिल्ली की आम आदमी पार्टी हो. इसलिए राष्ट्रीय पार्टियों के लिए क्षेत्रीय पार्टियां खतरा नहीं है बल्कि स्थिति यह आ गई है कि क्षेत्रीय पार्टियां राष्ट्रीय पार्टियों का मुकाबला करेंगी.’’

उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा, ‘‘गठबंधन बनाना हमारा काम नहीं है. गठबंधन के साथ सहयोग करना हमारा काम है. हमारी प्राथमिकता है कि भाजपा हारे.’’ सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जो दल हमारे साथ गठबंधन में हैं, हम उन्हें साथ लेकर चलेंगे और राष्ट्रीय दल जो भाजपा से लड़ना चाहते हैं और उन्हें यह लगता है कि फलां दल मजबूत है और यह भाजपा का मुकाबला कर सकता है तो उसे उसकी मदद करनी चाहिए. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं याद दिलाना चाहता हूं कि जब (बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड नेता)नीतीश कुमार कई दलों के नेताओं से मिले थे तो उन्होंने यही कहा था कि जो दल क्षेत्र में मजबूत हैं, उसे आगे आकर भाजपा से मुकाबला करना चाहिए और उसी के नेतृत्व में आगे बढ़ना चाहिए.’’

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भी साथ लेने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ जिन दलों के साथ अनुभव हो चुका है उनको जल्दी नहीं लेंगे.’’ यादव ने एक अन्य सवाल पर कहा, ‘‘अब सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए कोई जेपी (जयप्रकाश नारायण) होगा या नहीं होगा यह तो नहीं पता लेकिन आंदोलन और जो संघर्ष का रास्ता जेपी ने दिखाया; मैं समझता हूं उस दिशा में जनता मदद करेगी.’’

यादव ने एक सवाल पर कहा, ‘‘भाजपा कोई दल नहीं है बल्कि न जाने कैसा संगठन है. सवाल यह नहीं है कि सांप्रदायिक कौन है. हमारे देश का पढ़ा-लिखा और जागरूक वर्ग अगर सांप्रदायिक हो जाए और वह झूठ को सच मानने लगे तो उससे बड़ा खतरा समाज और लोकतंत्र को कोई नहीं हो सकता. आज हम उस स्थिति में पहुंच गए हैं.’’

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