ओडिशा: जेल से रिहा होने के बाद गर्भवती महिला की बच्चे को जन्म देते ही मौत

कोरापुट. ओडिशा के रायगढ़ में जेल से रिहा होने के एक दिन बाद ही गर्भवती महिला की बच्चे को जन्म देने के बाद मौत हो गई.
गर्भवती महिला 16 दिन तक जेल में बंद थी. सुलबती नाइक (30) मैकांच पंचायत के अंदराकांच गांव की रहने वाली थी और एक दिहाड़ी मजदूर की पत्नी थी. महिला के परिवार ने दावा किया कि बुधवार व बृहस्पतिवार की दरमियानी रात उसकी मौत हो गई.

परिवार ने बताया कि नौ महीने की गर्भवती सुलबती उन 13 महिलाओं में शामिल थीं, जिन्हें पुलिस ने पिछले साल 26 दिसंबर को एक निजी कंपनी में नौकरी की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के मामले में गिरफ्तार किया था. महिलाएं कंपनी के आसपास के इलाके में रहती थी इसलिए वहां नौकरी की मांग कर रही थीं.

महिला के पति बैद्या नाइक ने बताया कि मंगलवार की शाम जेल से बाहर आते ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई और उसे जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया. बुधवार रात महिला ने एक बेटे को जन्म दिया जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ती गई. महिला को एसएलएन मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल ले जाने को कहा गया जो अंदराकांच से 70 किलोमीटर दूर है.

उन्होंने बताया कि कोरापुट अस्पताल ले जाते समय रात करीब डेढ़ बजे सुलबती ने दम तोड़ दिया. नवजात शिशु को रायगढ़ अस्पताल में विशेष नवजात देखभाल इकाई में रखा गया है. एक रिश्तेदार तुलसी नाइक ने बताया कि काशीपुर अदालत ने महिला की जमानत याचिका खारिज कर दी थी क्योंकि पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या की कोशिश) के तहत भी उसके खिलाफ आरोप लगाए थे. अदालत के फैसले के बाद उसे जेल भेज दिया गया था.

महिला के पति ने कहा, ‘‘ दो जनवरी को अदालत की छुट्टी के बाद फिर कामकाज शुरू करने पर हमने जमानत याचिका दायर की, लेकिन पुलिस ने दो पुराने मामलों में उसे हिरासत में रखने की मांग की और मामला लटकता गया. 10 जनवरी, मंगलवार को आखिरकार उसकी जमानत याचिका स्वीकार की गई.’’ तुलसी ने कहा, ‘‘ बैद्या एक दिहाड़ी मजदूर है और दंपति की 10 साल की एक बेटी भी है. हम सरकार से शोक संतप्त परिवार को पर्याप्त मुआवजे देने की मांग करते हैं.’’

रायगढ़ के एसपी विवेकानंद शर्मा से संपर्क करने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मामले की जांच की जाएगी और आवश्यक कदम उठाएंगे.’’ कोरापुट से कांग्रेस के सांसद सप्ताग्रि उलाका ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘‘(नौ महीने की) गर्भवती एक महिला को पुलिस कैसे गिरफ्तार कर सकती है, वह भी हत्या के प्रयास के आरोप में? इसकी उचित जांच की जानी चाहिए.’’ उलाका ने जेल में महिला को पर्याप्त चिकित्सा सहायता प्रदान किए जाने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘‘ हम शोक संतप्त परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजे देने की मांग करते हैं और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करेंगे.’’

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