राहुल की याचिका का विरोध करते हुए शिकायतकर्ता ने कहा : कांग्रेस नेता को अपमानजनक बयान देने की आदत

मोदी उपनाम टिप्पणी मामला: पटना की अदालत ने राहुल गांधी को 25 अप्रैल को समन किया

सूरत/पटना/नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी ने आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए राहुल गांधी की याचिका का विरोध करते हुए सूरत की एक अदालत में कहा है कि कांग्रेस नेता “बार-बार अपराध” करते हैं और उन्हें अपमानजनक बयान देने की आदत है.

मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने कहा कि मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने के लिए राहुल गांधी जिस तरीके से पेश हुए, वह उनके “अहंकार और अदालत पर दबाव बनाने के लिए एक अपरिपक्व कार्य” के रूप में दर्शाता है. पूर्णेश मोदी अदालत के बाहर कांग्रेस के शक्ति प्रदर्शन का जिक्र कर रहे थे. राहुल गांधी की याचिका पर सत्र अदालत में बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी.

विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी की उस याचिका के जवाब में मंगलवार को यहां एक अदालत में अपना हलफनामा दायर किया जिसमें कांग्रेस नेता ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. उन्होंने राहुल गांधी पर अपने सहयोगियों और कांग्रेस नेताओं के जरिए अदालत के खिलाफ “अनुचित और अपमानजनक टिप्पणी” करने का भी आरोप लगाया.

पूर्णेश मोदी ने कहा कि आरोपी “बार-बार अपराध” करते है और अपने मानहानिकारक बयानों को लेकर अन्य जगहों पर भी आरोपों का सामना कर रहे हैं तथा उच्च न्यायालय ने उन्हें एक मामले में माफी मांगने के बाद चेतावनी दी थी. भाजपा नेता ने अपने हलफनामे में आपराधिक मानहानि के 11 मामलों का हवाला दिया जिनका सामना राहुल गांधी कर रहे हैं या कर चुके हैं.

सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें 23 मार्च को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. अदालत के इस फैसले के बाद वायनाड से सांसद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था.

मोदी उपनाम टिप्पणी मामला: पटना की अदालत ने राहुल गांधी को 25 अप्रैल को समन किया

पटना की एक अदालत ने मोदी उपनाम पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर दायर मानहनि के मुकदमे में उन्हें 25 अप्रैल को पेश होने को कहा है. गौरतलब है कि 2019 के आम चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक में मोदी उपनाम (सरनेम) पर विवादित टिप्पणी ‘सभी चोरों का मोदी उपनाम क्यों है?’ की थी. इसे लेकर गुजरात के सूरत की एक अदालत में दायर फौजदारी मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता को पिछले महीने दोषी ठहराया गया तथा दो साल की सजा सुनायी गई, जिसके चलते उनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो गई.

राहुल की इसी टिप्पणी को लेकर भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने पटना की अदालत में उन पर मानहानि का मुकदमा किया है. विशेष न्यायिक दंडाधिकारी आदि देव की एमपी-एमएलए अदालत ने इस साल 18 मार्च को एक आदेश पारित कर राहुल गांधी को 12 अप्रैल को पेश होने को कहा था. हालांकि, बुधवार को सुनवाई के दौरान बचावपक्ष के वकील ने अदालत से दूसरी तारीख देने का अनुरोध करते हुए कहा कि फिलहाल पूरी टीम सूरत वाले मुकदमे में व्यस्त है.

इसपर, न्यायाधीश ने गांधी के वकील से कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई के दिन, 25 अप्रैल को कांग्रेस नेता की सशरीर उपस्थिति सुनिश्चित करें. सुनवाई पूरी होने के तुरंत बाद, सुशील की ओर से बहस करने वाली एक वरिष्ठ वकील प्रिया गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा कि शिकायतकर्ता के पक्ष की ओर से सारी गवाही हो चुकी है, सभी साक्ष्य अदालत को दिए जा चुके हैं और अब गांधी का बयान दर्ज होना बाकी है.

राहुल को सजा सुनाए जाने का मामला न्यायपालिका के लिए अग्निपरीक्षा: आनंद शर्मा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने राहुल गांधी को मानहानि के मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के मामले को भारतीय न्यायापालिका के लिए ‘अग्निपरीक्षा’ करार देते हुए बुधवार को उम्मीद जताई कि ऊपरी अदालत में यह निर्णय बदलेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि जो पैमाना राहुल गांधी के मामले में लागू किया गया है, अगर वही सभी मामलों में लागू कर दिया जाए तो संसद खाली हो जाएगी.

शर्मा ने कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिस ढंग से फैसला आया और जिस तेजी से सदस्यता खत्म कर दी गई, वो कोई अच्छा संदेश नहीं है. अगर यही पैमाना सब पर लागू कर दिया जाए तो संसद खाली हो जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि निर्णय गलत था, वो निर्णय बदला जरूर जाएगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह मामला भारतीय न्यायापालिका के लिए ‘अग्निपरीक्षा’ है.

उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर पिछले दिनों लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था. वह केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.

शर्मा ने सरकार से सवाल किया, ‘‘क्या भारत की संसद में सरकारों ने पहले आलोचना का सामना नहीं किया था? क्या पहले के प्रधानमंत्रियों ने जेपीसी नहीं बनाई थी?’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत के अंदर दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है. आज ऐसा समय है जब सरकार खुद ही संसद नहीं चलने दे रही है. यह बड़ा सैद्धांतिक विषय है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं. केवल बड़ी इमारत खड़ी कर देने से प्रजातंत्र मजबूत नहीं होता.’’ राज्यसभा सदस्य के रूप में अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद भी सरकारी आवास में रहने से जुड़े सवाल पर शर्मा ने कहा, ‘‘किसी सांसद का कार्यकाल खत्म होने के बाद आवास की सुविधा अधिकृत रूप से दी जाती है, उसके नियम हैं.

मैं जिस घर में रह रहा हूं, वहां अधिकृत रूप से रह रहा हूं. मैं अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद मार्केट रेट पर किराया देकर रह रहा हूं.’’ उन्होंने देश में बेरोजगारी की स्थिति पर ंिचता जताते हुए दावा किया, ‘‘मार्च महीने में निर्माण उद्योग में 95 लाख रोजगार घट गये. औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 72 लाख रोजगार घटे. रिटेल क्षेत्र में करीब 65 लाख रोजगार कम हुए. मार्च में बेरोजगारी दर का आंकड़ा हम सबने देखा लेकिन अब सवाल है कि सरकार ने क्या कदम उठाए?’’

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