पाक सरकार ने केन्या में पत्रकार की हत्या की जांच कर रही टीम से आईएसआई प्रतिनिधि को हटाया

इस्लामाबाद. पाकिस्तान सरकार ने केन्या में वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या की जांच कर रही एक समिति का बुधवार को पुनर्गठन किया और इससे खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक प्रतिनिधि को हटा दिया गया. एआरवाई टीवी के पूर्व एंकर शरीफ (49) को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी माना जाता था और इस साल के शुरू में पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद वह केन्या भाग गए थे.

अरशद शरीफ की रविवार रात उस समय मौत हो गई थी, जब केन्या की राजधानी के बाहर एक चौकी से गुजरने के दौरान उनकी कार पर पुलिस ने गोलियां चला दीं. नैरोबी पुलिस ने इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि एक बच्चे के अपहरण के मामले में इसी तरह की कार की तलाशी के दौरान ‘‘गलत पहचान’’ के कारण यह घटना हुई. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने बुधवार को उन तीन अधिकारियों की सूची से आईएसआई के प्रतिनिधि लेफ्टिनेंट कर्नल साद अहमद को हटा दिया जो पत्रकार के मारे जाने की घटना में तथ्यों की पड़ताल करने वाली टीम का हिस्सा होंगे.

दो सदस्यीय टीम गृह विभाग को अपनी रिपोर्ट जमा करेगी जिसमें निदेशक/पुलिस उपमहानिरीक्षक, एफआईए अतहर वहीद और खुफिया ब्यूरो के उपमहानिदेशक उमर शाहिद हामिद शामिल होंगे. अधिसूचना के अनुसार, टीम तुरंत केन्या के लिए रवाना होगी और विदेश मंत्रालय तथा नैरोबी स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग टीम को सुविधा प्रदान करेगा. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को घोषणा की कि उनकी सरकार पत्रकार की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन करेगी.

इस बीच, शरीफ का पार्थिव शरीर बुधवार तड़के इस्लामाबाद लाया गया. स्थानीय टीवी चैनल के फुटेज में इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में लोग जमा दिखाई दिए, जिनमें मीडिया बिरादरी के सदस्य और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के नेता शामिल थे. पत्रकार की पत्नी जावेरिया सिद्दीकी ने ट्विटर पर कहा, “मेरा अरशद वापस आ गया है, लेकिन ताबूत में.” उन्होंने ताबूत का एक वीडियो भी साझा किया.

पत्रकार की मौत का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठा है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि पत्रकार की मौत से अमेरिका दुखी है और घटना की जांच की जानी चाहिए. इससे पहले पाकिस्तान की सेना ने सरकार से उच्चस्तरीय जांच कराने को कहा था.

सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने मंगलवार को 24 न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह मांग दोहराई. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इन चीजों से निपटने के लिए गहन जांच की जरूरत है. मेरा मानना है कि जांच सिर्फ इन चीजों (हत्या) की नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह भी होनी चाहिए कि अरशद शरीफ को पाकिस्तान क्यों छोड़ना पड़ा.’’

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