कर्नाटक की जनता 40% कमीशन से थक चुकी है, उसे 100% प्रतिबद्धता चाहिए: थरूर

क्या ‘नंदिनी’ को हमसे चुराने की कोशिश कर रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी: सिद्धरमैया

बेंगलुरु. पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने रविवार को कहा कि कर्नाटक के लोग ‘‘40 फीसदी कमीशन’’ से थक चुके हैं और ‘‘100 फीसदी प्रतिबद्धता’’ चाहते हैं जो कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में आने पर उन्हें देगी. थरूर ने यह भी कहा कि कांग्रेस बेंगलुरु और पूरे कर्नाटक में राज्य स्तर और शहरी स्तर के शासन में ‘‘गंभीर कमियों’’ से निपटने के लिए तैयार है.

केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कर्नाटक के लोग 40 प्रतिशत कमीशन से थक चुके हैं. वे जो चाहते हैं वह 100 प्रतिशत प्रतिबद्धता है और यही हम देंगे यानी कर्नाटक के लोगों की भलाई के लिए 100 प्रतिशत प्रतिबद्धता.’’ कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है.

कांग्रेस राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर ठेकेदारों, गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों और यहां तक ??कि कुछ धार्मिक संस्थानों को मिलने वाले अनुदान पर 40 प्रतिशत कमीशन वसूलने का आरोप लगा रही है. थरूर ने कहा, ‘‘हमारा संदेश बहुत सरल है. दुर्भाग्य से, हमने चार वर्ष खराब शासन झेला है. जब खराब शासन है और देखने के लिए कुछ बाकी नहीं रह गया है, तो लोग अनिवार्य रूप से यह सोचेंगे कि उन्हें ऐसी सरकार की क्या आवश्यकता है.’’ कांग्रेस के कुछ नेताओं के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में अन्य दलों के कई विधायक और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप कर्नाटक के बारे में बात करें तो पिछले कुछ महीने में पांच विधायक, दो एमएलसी, 11 पूर्व विधायक, चार पूर्व एमएलसी और एक पूर्व सांसद कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इससे पता चलता है कि अन्य दलों के लोग यह मानकर चल रहे हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पक्की है.’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस सदस्यों के भाजपा में शामिल होने से नाखुश हैं. थरूर ने कहा कि वे ऐसी पार्टी में शामिल हो सकते थे, जिसके विचार और सिद्धांत कांग्रेस जैसे हों.

क्या ‘नंदिनी’ को हमसे चुराने की कोशिश कर रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी: सिद्धरमैया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने बेंगलुरू के बाजार में दूध और दही बेचने की अमूल की घोषणा के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला जारी रखते हुए रविवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा क्या उनकी कर्नाटक यात्रा का उद्देश्य ‘‘राज्य को लूटना’’ है. सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि जब से केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक दुग्ध संघ (केएमएफ) के अमूल के साथ विलय की बात कही है तब से राज्य का दूध उत्पादन प्रभावित हुआ है.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री से पूछा कि इसमें उनकी क्या भूमिका है. अमूल के इस कदम को कई लोग, खासकर विपक्षी दल केएमएफ के प्रसिद्ध डेयरी ब्रांड ‘नंदिनी’ के लिए खतरे के तौर पर देख रहे हैं. वे अमूल से इसके विलय की अटकलों के बीच इस कदम को केएमएफ को खत्म करने की कोशिश भी मान रहे हैं.

सिद्धरमैया ने पूछा, ‘‘आपका कर्नाटक आने का उद्देश्य कर्नाटक को देना है या कर्नाटक को लूटना है? आप पहले ही कर्नाटक वासियों से बैंकों, बंदरगाह और हवाई अड्डे को चुरा चुके हैं. क्या अब आप हमसे नंदिनी (केएमएफ) चुराने की कोशिश कर रहे हैं?’’ उन्होंने ट्वीट किया, “गुजरात के बैंक आॅफ बड़ौदा में हमारे विजया बैंक को मिला दिया गया. बंदरगाहों और हवाई अड्डों को गुजरात के अडाणी को सौंप दिया गया. अब, गुजरात का अमूल हमारे केएमएफ (नंदिनी) को निगलने की योजना बना रहा है. श्रीमान नरेंद्र मोदी, क्या हम गुजरातियों के दुश्मन हैं?’’ मोदी ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मैसूर और चामराजनगर जिलों में थे.

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को इस संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि ‘नंदिनी’ कर्नाटक का गौरव है और उनकी सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर नंबर 1 बनाने के लिए सभी कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ‘‘नंदिनी की बाजार में पकड़ बहुत मजबूत है, लिहाजा अमूल से डरने की जरूरत नहीं है.’’

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