धर्म से ज्यादा देश के लोगों को रोटी की जरूरत : अखिलेश यादव

लखनऊ. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को स्वामी विवेकानंद के हवाले से कहा कि स्वामी जी ने धर्म से ज्यादा देश के लोगों को रोटी की जरूरत पर बल दिया था. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वामी विवेकानंद की जयंती “राष्ट्रीय युवा दिवस” के मौके पर पार्टी के प्रदेश मुख्यालय स्थित सभागार में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि धर्म से ज्यादा देश के लोगों को रोटी की जरूरत है. जो गरीब है उनको धार्मिक बातें समझाना आज के समय में गलत होगा.” एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि मिल्कीपुर विधानसभा उप चुनाव की पूरी तैयारी है, अयोध्या का चुनाव भाजपा फिर एक बार हारेगी और मीडिया तक कह रहा है कि समीकरण समाजवादी पार्टी के पक्ष में हैं.

उन्होंने हाल में हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल पर ‘बेईमानी’ का आरोप लगाया और दावा किया कि “मिल्कीपुर का चुनाव जनता समाजवादियों को जिताने जा रही है, बस आपसे (मीडिया से) निवेदन है आप हमारी तारीफ न करें.” निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को घोषणा की कि मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव पांच फरवरी को होंगे, जबकि मतगणना आठ फरवरी को होगी. इससे पूर्व, राज्य की नौ विधानसभा सीट पर नवंबर, 2024 में उपचुनाव हुए थे जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद)ने सात सीट जीती थीं, जबकि सपा के खाते में केवल दो सीट आई थीं. सपा नेता अवधेश प्रसाद के 2024 में लोकसभा सदस्य चुने जाने से मिल्कीपुर विधानसभा सीट खाली हुई. वर्ष 2022 में अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी.

अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि स्वामी जी ने रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बनकर भारत का परिचय पूरी दुनिया में सबसे पहले दिया. उन्होंने कहा कि उस समय कोई संत, कोई गुरु भारत का वह परिचय नहीं दे सकता था जो विवेकानंद ने दिया.

सपा नेता ने कहा “आज के युवा को विवेकानंद की बातों को समझने की जरूरत है. स्वामी विवेकानंद के बारे में जानना, उनके बारे में पढ़ना और उनकी कही हुई बातों को अपने जीवन में लागू करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी.” महाकुंभ में जाने के सवाल पर यादव ने कहा “मैं हमेशा कुंभ गया हूं और आप कहो तो वह तस्वीर भी साझा कर सकता हूं, जब मैंने समय-समय पर गंगा में स्नान किया है. कम से कम वह भी तस्वीरें साझा करें जो दूसरों को कह रहे हैं कि गंगा में नहाओ.” यादव ने तंज कसते हुए कहा, “कुछ लोग गंगा स्नान पुण्य करने जाते हैं, कुछ लोग दान करने जाते हैं और कुछ लोग अपने पाप धोने जाते हैं. हम लोग पुण्य के लिए जाएंगे और दान के लिए जाएंगे.”

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