प्रधानमंत्री मोदी 30 मार्च को छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र का करेंगे दौरा

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 मार्च को हिंदू नववर्ष की शुरुआत के अवसर पर नागपुर के रेशिमबाग स्थित ‘स्मृति मंदिर’ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर के विस्तारित भवन की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी. आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और आरएसएस के द्वितीय सरसंघचालक एम. एस. गोलवलकर के स्मारक डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में स्थित हैं.
प्रधानमंत्री शुक्रवार को छत्तीसगढ़ का भी दौरा करेंगे, जहां वह 33,700 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. पीएमओ ने कहा, ”हिंदू नववर्ष की शुरुआत के अवसर पर प्रधानमंत्री स्मृति मंदिर में दर्शन करेंगे और आरएसएस के संस्थापकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. वह दीक्षाभूमि भी जाएंगे और डॉ. बी. आर. आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जहां उन्होंने 1956 में अपने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था.” बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर की आधारशिला रखेंगे, जो माधव नेत्रालय नेत्र संस्थान और अनुसंधान केंद्र का एक नया विस्तारित भवन है. पीएमओ ने कहा कि साल 2014 में स्थापित यह संस्थान नागपुर में स्थित एक प्रमुख सुपर-स्पेशियलिटी नेत्र देखभाल सुविधा है.
पीएमओ के मुताबिक ,संस्थान की स्थापना गुरुजी माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की स्मृति में की गई थी. आगामी परियोजना में 250 बिस्तरों वाला अस्पताल, 14 बा’ रोगी विभाग (ओपीडी), और 14 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर होंगे, जिसका उद्देश्य लोगों को सस्ती और विश्व स्तरीय नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करना है. सूत्रों के अनुसार, माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर के कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे.
आरएसएस के इतिहास के एक जानकार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”यह पहली बार है कि प्रधानमंत्री रहते हुए कोई नेता डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर आएंगे.” उन्होंने बताया कि भाजपा के शीर्ष नेता रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने 2007 में स्मारक का दौरा किया था, लेकिन वह उस समय प्रधानमंत्री नहीं थे. उन्होंने कहा कि मोदी इससे पहले एक प्रचारक के तौर पर स्मारक परिसर में आये थे, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद वह पहली बार यहां आएंगे. प्रधानमंत्री दोपहर करीब साढ़े 12 बजे नागपुर में सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड में मानवरहित विमानों के लिए उड़ान भरने वाले हथियार परीक्षण रेंज और रनवे सुविधा का उद्घाटन करेंगे.
इसके बाद प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो जाएंगे.
पीएमओ ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास और सतत आजीविका को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री बिलासपुर में 33,700 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली, तेल और गैस, रेल, सड़क, शिक्षा और आवास क्षेत्रों से संबंधित कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे और कुछ को राष्ट्र को सर्मिपत करेंगे.
पीएमओ ने कहा, ”प्रधानमंत्री देश भर में विद्युत क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं. इसके साथ ही सस्ती और विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराने और छत्तीसगढ़ को विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे. वह बिलासपुर जिले में स्थित एनटीपीसी की सीपत सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट स्टेज-तीन (1७800 मेगावाट) की आधारशिला रखेंगे, जिसकी लागत 9,790 करोड़ रुपये से अधिक है.” पीएमओ ने कहा कि यह पिट हेड परियोजना उच्च शक्ति उत्पादन दक्षता के साथ अत्याधुनिक अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल प्रौद्योगिकी की नवीनतम स्थिति पर आधारित है.
प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) की 15,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले पहले सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट (2660 मेगावाट) के काम की शुरुआत भी करेंगे. वह पश्चिमी क्षेत्र विस्तार योजना (डब्ल्यूआरईएस) के तहत 560 करोड़ रुपये से अधिक की पावरग्रिड की तीन बिजली ट्रांसमिशन परियोजनाओं को राष्ट्र को सर्मिपत करेंगे.
भारत के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों, वायु प्रदूषण को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा समाधान प्रदान करने के अनुरूप, प्रधानमंत्री कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर और सरगुजा जिलों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की सिटी गैस वितरण (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला रखेंगे.
इसमें 200 किलोमीटर से अधिक उच्च दबाव वाली पाइपलाइन, 800 किलोमीटर से अधिक एमडीपीई (मध्यम घनत्व पॉलीथीन) पाइपलाइन और 1,285 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के कई सीएनजी वितरण आउटलेट शामिल हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की विशाख-रायपुर पाइपलाइन (वीआरपीएल) परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे, जो 2210 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार होगी और इसकी लंबाई 540 किलोमीटर होगी.
पीएमओ ने कहा कि इस बहुउत्पाद (पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल) पाइपलाइन की क्षमता 30 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष से अधिक होगी.
क्षेत्र में संपर्क सुधारने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ प्रधानमंत्री कुल 108 किलोमीटर लंबी सात रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और 2,690 करोड़ रुपये से अधिक की कुल 111 किलोमीटर लंबी तीन रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को सर्मिपत करेंगे. वह अभनपुर-रायपुर खंड में मंदिर हसौद के रास्ते मेमू ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे और छत्तीसगढ़ में भारतीय रेलवे के रेल नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को भी राष्ट्र को सर्मिपत करेंगे.
पीएमओ ने कहा, ”ये परियोजनाएं भीड़भाड़ को कम करेंगी, संपर्क में सुधार करेंगी और पूरे क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ाएंगी.” प्रधानमंत्री इस क्षेत्र में सड़क बुनियादी ढांचे को व्यापक बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-930 (37 किलोमीटर) के झालमाला से शेरपार खंड और राष्ट्रीय राजमार्ग-43 के अंबिकापुर-पत्थलगांव खंड (75 किलोमीटर) को दो लेन का बनाने का कार्य राष्ट्र को सर्मिपत करेंगे. प्रधानमंत्री एनएच-130डी (47.5 किलोमीटर) के कोंडागांव-नारायणपुर खंड को पेव्ड शोल्डर के साथ 2 लेन में अपग्रेड करने के लिए आधारशिला भी रखेंगे.
पीएमओ ने कहा, ”1,270 करोड़ रुपये से अधिक की इन परियोजनाओं से जनजातीय और औद्योगिक क्षेत्रों तक पहुंच में काफी सुधार होगा जिससे क्षेत्र का समग्र विकास होगा.” सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री दो प्रमुख शैक्षिक पहलों, राज्य के 29 जिलों में दोपहर 130 बजे श्री स्कूल और रायपुर में विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) को लोकार्पित करेंगे. पीएमओ ने कहा, ”राइजिंग इंडिया योजना के तहत 130 स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा. ये स्कूल अच्छी तरह से संरचित बुनियादी ढांचे, स्मार्ट बोर्ड, आधुनिक प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में मदद करेंगे. रायपुर में वीएसके विभिन्न शिक्षा संबंधी सरकारी योजनाओं की ऑनलाइन निगरानी और डेटा विश्लेषण को सक्षम करेगा.”
पीएमओ ने कहा कि ग्रामीण परिवारों के लिए उचित आवास सुनिश्चित करने और उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने की प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 3 लाख लाभार्थियों का गृह प्रवेश आयोजित किया जाएगा और प्रधानमंत्री योजना के तहत कुछ लाभार्थियों को चाबियां सौंपेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी तीन से छह अप्रैल तक थाईलैंड, श्रीलंका की यात्रा पर जाएंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले सप्ताह थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर जाएंगे, जिसमें भारत की नई घोषित ‘महासागर नीति’ के तहत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और स्थिर तथा समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोण पर व्यापक ध्यान केंद्रित किया जाएगा. यात्रा के पहले चरण में, प्रधानमंत्री थाईलैंड द्वारा आयोजित छठे ‘बिम्सटेक’ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन से चार अप्रैल तक बैंकॉक का दौरा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी. थाईलैंड से, मोदी कोलंबो के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करने की खातिर तीन दिवसीय यात्रा के लिए श्रीलंका जाएंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ”प्रधानमंत्री की थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा तथा छठे ‘बिम्सटेक’ शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी भारत की ‘पहले पड़ोसी’ नीति, ‘एक्ट ईस्ट’ नीति, ‘महासागर’ दृष्टिकोण और हिंद-प्रशांत के दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी.” प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस की अपनी हालिया यात्रा के दौरान ग्लोबल साउथ के साथ भारत की भागीदारी के लिए ‘महासागर’ यानी ”क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति” के दृष्टिकोण की घोषणा की थी.
भारत और थाईलैंड के अलावा, बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन) में श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमा, नेपाल और भूटान भी शामिल हैं. बैंकॉक शिखर सम्मेलन में, बिम्सटेक नेताओं द्वारा सदस्य देशों के बीच सहयोग में अधिक गति लाने के तौर-तरीकों और साधनों पर विचार-विमर्श किए जाने की उम्मीद है.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”नेताओं के बिम्सटेक फ्रेमवर्क के भीतर सहयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न संस्थान और दक्षता विकास के उपायों पर भी चर्चा करने की उम्मीद है.” इसमें कहा गया है कि भारत क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने के लिए बिम्सटेक में कई पहल कर रहा है, जिसमें सुरक्षा बढ़ाना, व्यापार और निवेश को सुविधाजनक बनाना, सपंर्क को बढ़ावा देना और खाद्य, ऊर्जा, जलवायु तथा मानव सुरक्षा में सहयोग करना आदि शामिल हैं. द्विपक्षीय मोर्चे पर मोदी तीन अप्रैल को थाईलैंड के प्रधानमंत्री के साथ बैठक करेंगे.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, समझा जाता है कि कि दोनों प्रधानमंत्री द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा और देशों के बीच भविष्य की साझेदारी का मार्ग प्रशस्त करेंगे. भारत और थाईलैंड समुद्री पड़ोसी हैं और दोनों बीच सभ्यतागत संबंध हैं, जो सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक संबंधों पर आधारित हैं. थाईलैंड से, प्रधानमंत्री मोदी चार अप्रैल को तीन दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका जाएंगे.
कोलंबो में, मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ चर्चा करेंगे. मोदी कोलंबो में वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और राजनीतिक नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा, ”यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री भारतीय वित्तीय सहायता से कार्यान्वित विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए अनुराधापुरा भी जाएंगे.”