कर्नाटक के हित के खिलाफ पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कानूनों को वापस लिया जाएगा : प्रियंक खरगे

बेंगलुरु. कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने बुधवार को कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के तहत राज्य के हित के खिलाफ लागू किये गये स्कूल पाठ्यपुस्तक संशोधन और धर्मांतरण-रोधी कानून जैसे आदेश और कानूनों को समीक्षा के बाद संशोधित किया जाएगा, या उन्हें वापस ले लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार उन सभी कानूनों और आदेशों को वापस लेगी, जो राज्य की आर्थिक प्रगति और समृद्धि को बाधित करते हैं तथा कर्नाटक वासियों के हितों के खिलाफ हैं. विभिन्न वर्गों की तरफ से ”हिजाब पर लगे प्रतिबंध” को वापस लेने संबंधी मांग के बीच मंत्री ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी किए बिना कहा कि सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की उन तमाम नीतियों की समीक्षा करेगी, जो संविधान, समाज निर्माण की भावना और समाज की एकजुटता के खिलाफ हैं.

उन्होंने कहा, ”हम पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लाए गए हर नीतिगत मामले पर फिर से विचार करेंगे.” प्रियंक ने कहा, ”पिछली सरकार ने कुछ जयंती (प्रमुख व्यक्तियों की जयंती) मनाने का फैसला किया था और अन्य को छोड़ दिया था. केवल जयंती ही नहीं, उसके (पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के) आदेश, चाहे वे पाठ्यपुस्तकों के संबंध में हो, गोहत्या-रोधी या, धर्मांतरण-रोधी कानून क्यों ना हों, उन सभी को संशोधित किया जाएगा.”

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”हमारा लक्ष्य कर्नाटक को फिर से अव्वल बनाना है और हम उस दिशा में कदम उठाएंगे.” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियंक उन आठ मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था.

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